बरेली। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत रविवार को बरेली रुहेलखंड विश्वविद्यालय में ‘भविष्य का भारत : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का दृष्टिकोण’ विषय पर व्याख्यान दिया। इस मौके पर संघ प्रमुख ने कई मुद्दों पर खुल कर बात की।
यह देश हमारा है, हम अपने महान पूर्वजों के वंशज हैं और हमें अपनी विविधता के बावजूद एक साथ रहना होगा
भागवत ने संविधान से लेकर हिंदुत्व पर भी बात की। उन्होंने कहा कि संविधान कहता है कि हमें भावनात्मक एकीकरण लाने की कोशिश करनी चाहिए, लेकिन भावना क्या है? वह भावना है-यह देश हमारा है, हम अपने महान पूर्वजों के वंशज हैं और हमें अपनी विविधता के बावजूद एक साथ रहना होगा। इसे ही हम हिंदुत्व कहते हैं।
RSS chief Mohan Bhagwat: When workers of RSS say that this country belongs to Hindus & 130 crore people are Hindu, it doesn't mean that we want to change anyone's religion, language or caste… We don't want any power center other than the Constitution because we believe in it. pic.twitter.com/8nxAizVu0n
— ANI UP (@ANINewsUP) January 19, 2020
भागवत आगे बोले जब आरएसएस के कार्यकर्ता कहते हैं कि यह देश हिंदुओं का है। तो 130 करोड़ लोग हिंदू हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी के धर्म, भाषा या जाति को बदलना चाहते हैं। हम संविधान से अलग कोई सत्ता केंद्र नहीं चाहते हैं क्योंकि हम इस पर विश्वास करते हैं। वहीं भविष्य का भारत पर आरएसएस का दृष्टिकोण है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हम भारत की कल्पना कर रहे है, भविष्कालीन भारत तैयार कर रहे है। उन्होंने कहा कि 1940 से पहले तक समाजवादी, कम्युनिस्ट और सभी राष्ट्रवादी थे। वहीं, 1947 के बाद बिखरे थे। रूढ़ि कुरीतियों से पूरी तरह मुक्त भारत। गांधी जी ने जिस भारत की कल्पना की थी कि सात पापों से दूर रहे भारत।
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इंग्लैंड से हमको 30 हजार करोड़ वसूलना है
देश के संविधान में भविष्य के भारत की कल्पना की गई है। इजरायल के जिक्र करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि वह दुनिया में सम्पन्न देश है। उसकी आज धाक है? उसको दुनिया में कोई भी हाथ लगाया तो अंजाम भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि करोड़ों की जनसंख्या वाला देश हमारा बन गया है। देश के खजाने में 16 हजार करोड़ बाकी है, वहीं इंग्लैंड से हमको 30 हजार करोड़ वसूलना है। आज समस्या स्वतंत्र होना नहीं है। हम बार बार गुलाम होते रहे, इसलिए बार बार स्वतंत्र होते रहे।
मुट्ठी भर लोग आते हैं और हमे गुलाम बनाते हैं, ये इसलिए कि हमारी कुछ कमियां हैं
उन्होंने कहा कि मुट्ठी भर लोग आते हैं और हमे गुलाम बनाते हैं। ये इसलिए कि हमारी कुछ कमियां हैं। सब एक हैं तो सब मिलकर रहो। टॉलरेंस नहीं, हम सब हिन्दू हैं। हिन्दू भाव को जब जब भूले तब तब विप्पति आई। भागवत ने कहा कि हम राम कृष्ण को नहीं मानते कोई बात नहीं, लेकिन इन सब विविधताओं के बावजूद हम सब हिन्दू है। जिसके पूर्वज हिन्दू थे वह हिन्दू है। हम अपनी संस्कृति से एक है, हम अपने भूतकाल में भी एक है। यहां 130 करोड़ लोग हिन्दू हैं। क्योंकि आप भारत माता की संतान हैं।