विकास दुबे हत्याकांड एनकाउंटर में मारे गए अमर की पत्नी खुशी दुबे की रिहाई की लड़ाई लड़ेगी बसपा

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यूपी में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बसपा ने ब्राह्मणों को लुभाने के लिए पहले ब्राह्मण आंदोलन का ऐलान किया अब एक नई लड़ाई का ऐलान किया है। कानपुर में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे की रिहाई के लिए लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है। पार्टी के पूर्व मंत्री नकुल दुबे ने कहा बिकरू कांड में खुशी का कोई रोल नहीं फिर वह जेल में क्यों है, उसका केस स्वयं पार्टी महासिव सतीश मिश्र लड़ेंगे।

नकुल ने बताया कि खुशी दुबे हत्याकांंड के वक्त नाबालिग थी, परिजनों ने इसके लिए अदालत में हलफनामा भी पेश किया था।बता दें कि बिकारू कांड के महज तीन दिन पहले अमर दुबे की खुशी दुबे से शादी हुई, अमर दुबे को पुलिस ने गुरुग्राम में एनकाउंटर में मार गिराया था।

मायावती की सरकार में मंत्री रहे नकुल दुबे ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि एक साल से बाराबंकी के juvenile centre में बंद अमर दुबे की नाबालिग विधवा खुशी दुबे की रिहाई के लिए बसपा के ब्राह्मण चेहरे और सीनियर एडवोकेट सतीश मिश्रा प्रयास करेंगे। सतीश मिश्रा 23 जुलाई को अयोध्या में होने वाले ब्राह्मण सम्मेलन में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। उन्हें मायावती का बेहद खास माना जाता है।

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पिछले शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर के बिकरू कांड के बाद मुठभेड़ में मारे गए अमर दुबे की पत्नी को जमानत देने से इनकार कर दिया। पुलिस की एक टीम दो जुलाई, 2020 की रात गैंगस्टर विकास दुबे के घर पर दबिश देने के लिए पहुंची थी। इसी दौरान विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर पुलिस दल पर हमला कर दिया जिसमें आठ पुलिसकर्मी मारे गये थे और छह अन्य घायल हो गये थे। इस हमले में अमर दुबे भी शामिल था जो बाद में मुठभेड़ में मारा गया था।

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