Fish Farming

सीएम की मॉनिटरिंग का दिखा असर,अंतरदेशीय मछली पालन में यूपी अव्वल

359 0

लखनऊ। योगी सरकार द्वारा प्रदेश में मत्स्य पालन (Fish Farming) को बढ़ावा देने एवं पालकों की आय बढ़ाने के प्रयास रंग लाने लगे हैं। योगी सरकार के प्रयासों का ही असर है कि उत्तर प्रदेश ने अंतरदेशीय मछली पालन (मैदानी क्षेत्र) (Fish Farming)में पहला स्थान प्राप्त किया है। इसकी घोषणा विश्व मत्स्य पालन दिवस के अवसर पर मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने की है। उत्तर प्रदेश को यह अवार्ड दिल्ली में विश्व मत्स्य पालन के अवसर पर 21 और 22 नवंबर को आयोजित ग्लोबल फिशरीज कॉन्फ्रेंस इंडिया- 2023 में दिया जाएगा। यह जानकारी मत्स्य विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने शनिवार को लोकभवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में दी।

मत्स्य उत्पादन में हुई वृद्धि

मत्स्य विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने प्रदेश में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए ही योगी सरकार ने मत्स्य विभाग की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री को दी। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरुप मत्स्य पालन (Fish Farming)से जुड़ी योजनाओं को धरातल पर उतारा गया। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में पिछले साढ़े छह वर्षों में मत्स्य पालन और उत्पादन में काफी वृद्धि दर्ज की गयी है।

सीएम योगी की दूरदर्शी सोच का असर है कि आज उत्तर प्रदेश ने पूरे देश में अंतरदेशीय मछली पालन (Fish Farming) में पहला स्थान प्राप्त किया है। पिछले साल जहां प्रदेश में मत्स्य उत्पादन 8.09 लाख मीट्रिक टन था, वहीं इस साल अब तक विभाग ने 9.15 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन किया है। इसी तरह पिछले साल की तुलना ने इस बार विभाग ने मत्स्य बीज उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की है।

यूपी में हलाल सर्टिफिकेशन पर लग सकता है बैन

पिछले साल जहां 27,128 लाख मीट्रिक टन मत्स्य बीज उत्पादन था, वहीं इस बार अब तक 36,187 लाख मीट्रिक टन है। प्रदेश में वर्तमान में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत 31 परियोजनाएं संचालित की जा रही है। इन योजनाओं के तहत अब तक 15282.5 लाख रुपये की धनराशि लाभार्थियों को वितरित की जा चुकी है।

68 जनपदों की नदियों में की जा रही रैंचिंग

प्रदेश में इस अब तक 1,16,159 मत्स्य पालकों को मछुआ दुर्घटना बीमा योजना का लाभ दिया जा चुका है। मालूम हो कि योजना के तहत हादसे में अपनी जान गंवाने वाले मत्स्य पालकों को 5 लाख, दिव्यांग होने पर 2.5 लाख और घायल होने पर 25 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जाती है। पहले जहां प्रदेश के 12 जनपदों की नदियों में रैंचिंग की जाती थी, वहीं वर्तमान में 68 जनपदों की नदियों में रैंचिंग की जा रही है।

इतना ही नहीं प्रदेश को मत्स्य पालन (Fish Farming) का हब बनाने के लिए चंदौली में 62 करोड़ की लागत से अल्ट्रा मॉडर्न फिश मॉल का निर्माण किया जा रहा है। योगी सरकार ने इस साल अब तक 14,021 मत्स्य पालकों के 10772.77 लाख के बैंक कर्ज स्वीकृत किए हैं। विभाग की ओर से 1500 से अधिक मत्स्य पालकों को मत्स्य पालन में प्रशिक्षण दिया गया है।

Related Post

Siberian birds will stay with us till Maha Kumbh

महाकुंभ में संगम की कलकल के साथ ही मन मोह लेगी 90 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षियों की कलरव

Posted by - November 18, 2024 0
प्रयागराज। अद्भुत महाकुंभ (Maha Kumbh) का साक्षी बनने लुप्तप्राय इंडियन स्कीमर का 150 जोड़ा यहां आ चुका है। संगम की…