आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में दुबग्गा से पकड़े गये अलकायदा आतंकी मिनहाज (terrorist Minhaj) व मुशीर से जुड़े लोगों पर भी एटीएस की नजरें हैं। मिनहाज के मोबाइल की कॉल डिटेल व तीन युवकों से मिली जानकारी के बाद लखनऊ के खदरा, मड़ियांव, मोहिबुल्लापुर, दुबग्गा और काकोरी के तकरीबन 24 युवकों से एटीएस जल्दी ही पूछताछ करेगी। ये लोग वाहन वर्कशाप के कर्मचारी और एसी मैकेनिक हैं। दो दिन पहले ही तीन युवकों से पूछताछ में भी एटीएस को इनके बारे में कई तथ्य हाथ लगे थे। हालांकि यह अभी साफ नहीं है कि मिनहाज के ये मददगार थे अथवा दुकान के जरिये ही सम्पर्क में आये थे।
11 जुलाई को एटीएस ने काकोरी इलाके के दुबग्गा में मिनहाज और मोहिबुल्लापुर से मशरुद्दीन उर्फ मुशीर को पकड़ कर काफी मात्रा में विस्फोटक व प्रेशर कुकर बम बरामद किया था। इसके बाद इनके तीन मददगारों मुस्तीम, मुईद और शकील को भी एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया था। इन पांचों लोगों से रिमाण्ड पर एटीएस व खुफिया एजेन्सियां पूछताछ कर रही हैं। अब तक की जानकारी में यह सामने आ चुका है कि ये लोग यूपी के कई स्थानों पर विस्फोट करने के फिराक में थे। इसके लिये ही ये लोग युवाओं को अपने बहकावे में ला रहे थे।
एटीएस के अफसरों के मुताबिक मिनहाज (terrorist Minhaj) खदरा में अपनी बैट्री की दुकान पर अक्सर युवाओं को बुलाता था। कई युवाओं से तो वह अकेले में काफी देर तक बात करता और उन्हें मोबाइल पर कुछ दिखाता रहता था।
कॉल डिटेल के आधार पर 24 युवकों को चिह्नित किया गया था। इनमें से तीन युवकों से एटीएस पूछताछ कर चुकी है। अन्य 21 लोगों से जल्दी ही पूछताछ की जायेगी। हालांकि पहले बुलाये गये तीन युवकों के बारे में एटीएस को कुछ संदिग्ध नहीं दिखा था। एटीएस यह भी मान रही है कि मिनहाज (terrorist Minhaj) ने पकड़े जाने पर एजेंसी को उलझाने के लिये कई युवाओं से बातचीत की। ताकि सम्पर्क में वास्तव में रहे युवकों तक एटीएस न पहुंच सके।
काकोरी के दुबग्गा इलाके से 11 जुलाई को पकड़े गए अलकायदा आतंकी मिनहाज को एटीएस राज्य के कई शहरों में विस्फोट करने की साजिश का मास्टरमाइंड मान रही है। इसलिए मिनहाज की पहले की हर गतिविधियों को खंगाला जा रहा है।
इसी कड़ी में एटीएस को मिनहाज के कॉल डिटेल में तीन ऐसे नम्बर मिले, जिन पर उसकी अक्सर लंबी बातचीत होती रहती थी। इन नम्बरों को सर्विलांस सेल ने ट्रेस किया तो मिनहाज की गिरफ्तारी के दिन 11 जुलाई को तीनों की लोकेशन दुबग्गा में मिनहाज के घर के आसपास मिली थी। इस पर शक गहराया तो एटीएस ने इनकी मौजूदा लोकेशन पता करने का प्रयास किया। तीनों नम्बर बंद होने की वजह से बड़ी मशक्कत के बाद रविवार को पता चला कि तीनों नम्बर सीतापुर रोड पर खदरा निवासी मिनहाज के दोस्तों के हैं। इसपर एटीएस की टीम इन्हें पकड़कर अपने साथ ले गई थी। एटीएस ने पूछताछ में इनसे मिनहाज से सम्पर्क और उसके पास मिली पिस्टल के बारे में सवाल जवाब किए।
एटीएस के मुताबिक मिनहाज की कॉल डिटेल में तीनों दोस्तों की उसकी गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले ही 5 बार लंबी बातचीत के रिकॉर्ड मिले। पूछताछ में तीनों युवक मिनहाज को दोस्त बताया, लेकिन आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने से इनकार किया। काफी मशक्कत के बाद भी एटीएस को युवकों के खिलाफ कोई ठोस सुबूत नहीं मिले। तीनों ने बताया कि मिनहाज के पकड़े जाने के बाद वह इतना डर गए कि फोन बंद कर लिया था। लेकिन वह लोग घर पर ही रहे और भागे नहीं थे।
मिनहाज के मोबाइल की जांच हैदराबाद फॉरेंसिक लैब में
लखनऊ के काकोरी से गिरफ्तार आतंकी मिनहाज के मोबाइल का डेटा लखनऊ फॉरेंसिक लैब में न मिलने पाने पर मोबाइल को हैदराबाद फॉरेंसिक लैब भेजा गया। वहां शीघ्र ही उसके मोबाइल का डेटा निकाल लिया जाएगा।
दरअसल एटीएस छापेमारी के दौरान मिनहाज ने अपना मोबाइल जला दिया था। एटीएस को मिनहाज के मोबाइल से आतंकियों के नेटवर्क के खुलासे की उम्मीद है। एटीएस से मोबाइल से कई अहम जानकारी मिल सकती है।