कोरोना संकट के बीच कांवड़ यात्रा को लेकर गहमागहमी बरकरार है, यूपी की योगी सरकार ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया। योगी सरकार ने कहा- कांवड़ यात्रा पर पूरी तरह से रोक नहीं है, कांवड़ यात्रा को सांकेतिक रूप से चलाया जाएगा। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा- कांवड़ियों को उत्तराखंड जाने की इजाजत नहीं देनी चाहिए, इस लिए शिव मंदिरों के पास ही गंगाजल उपलब्ध करवाएं जाएं।
उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार कुंभ को लेकर हुई किरकिरी के बाद कांवड़ यात्रा को लेकर रिस्क नहीं लेना चाहती इसलिए उसने रद्द करने का फैसला किया है। तमाम दलीलों के बाद कोर्ट ने यूपी सरकार को कांवड़ यात्रा की परमिशन देने के फैसले पर विचार करने को कहा है।
दरअसल कोरोना महामारी के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार ने इस साल भी कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी है। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा की अनुमति दी है। यूपी सरकार की ओर से कांवड़ यात्रा की अनुमति दिए जाने के बाद केंद्र सरकार की ओर से इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया गया है, जिसपर कोर्ट में सुनवाई चल रही है।
बता दें कि युपी सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा की अनुमति दिए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का खुद से संज्ञान लिया है, जिसके बाद केंद्र सरकार की ओर से इस मामले में हलफनामा दायर किया गया है। जिसमे साफ तौर पर कहा गया है कि राज्य कांवड़ यात्रा की अनुमति ना दें। कोर्ट में सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जो भी दिशा-निर्देश जारी हुए हैं उनपर हम विचार करेंगे।
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साथ ही राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शिव मंदिर के पास ही चिन्हित जगहों पर गंगाजल मुहैया कराया जाए, जहां लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य होना चाहिए, मास्क को पहनना जरूरी होना चाहिए। साथ ही कोरोना से जुड़े सभी प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।