नई दिल्ली। इससे पहले आठ अप्रैल को पीएम मोदी को लिखी गई चिट्ठी में राहुल ने यह आरोप भी लगाया कि ‘लापरवाही’ के कारण टीकाकरण का प्रयास कमजोर पड़ता दिख रहा है।
बढ़ते कोरोना मामलों को लेकर पीएम मोदी (PM Modi) को चिट्ठी लिखने के बाद एक बार फिर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने केंद्र और पीएम मोदी पर निशाना साधा है। इस बार भी राहुल का निशाना कोरोना को लेकर ही है। राहुल गांधी ने ट्वीट (Rahul Gandhi Tweet) के जरिए प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) के पलायन को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। इसके साथ ही देश में चल रही वैक्सीनेशन ड्राइव पर भी राहुल ने तंज कसा है।
केंद्र सरकार की फ़ेल नीतियों से देश में कोरोना की भयानक दूसरी लहर है और प्रवासी मज़दूर दोबारा पलायन को मजबूर हैं।
टीकाकरण बढ़ाने के साथ ही इनके हाथ में रुपय देना आवश्यक है- आम जन के जीवन व देश की अर्थव्यवस्था दोनों के लिए।
लेकिन अहंकारी सरकार को अच्छे सुझावों से ऐलर्जी है!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 10, 2021
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘केंद्र सरकार की फ़ेल नीतियों से देश में कोरोना की भयानक दूसरी लहर है और प्रवासी मज़दूर दोबारा पलायन को मजबूर हैं। टीकाकरण बढ़ाने के साथ ही इनके हाथ में रुपय देना आवश्यक हैं- आम जन के जीवन व देश की अर्थव्यवस्था दोनों के लिए, लेकिन अहंकारी सरकार को अच्छे सुझावों से एलर्जी है!’
इससे पहले राहुल ने पीएम को लिखी चिट्ठी
इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि कोरोना वायरस के टीके की खरीद एवं वितरण में राज्यों की भूमिका बढ़ाने के साथ ही सभी जरूरतमंद लोगों को टीका लगाने की व्यवस्था की जाए और टीके के निर्यात पर तत्काल रोक लगाई जाए। उन्होंने आठ अप्रैल को लिखी गई चिट्ठी में यह आरोप भी लगाया कि केंद्र सरकार की ओर से सही तरीके से क्रियान्वयन न किए जाने और उसमें ‘लापरवाही’ के कारण टीकाकरण का प्रयास कमजोर पड़ता दिख रहा है।
75 फीसदी आबादी के वैक्सीनेशन में लगेंगे कई साल
उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी कहा कि टीके के आपूर्तिकर्ताओं को जरूरी संसाधन मुहैया कराए जाएं ताकि टीके तैयार करने की क्षमता में इजाफा हो सके। कांग्रेस नेता ने देश में कोरोना वायरस संक्रमण की नयी लहर आने और टीकाकरण की गति कथित तौर पर धीमी होने का भी उल्लेख किया। उन्होंने दावा किया कि अगर मौजूदा गति से टीकाकरण चलता रहा तो देश की 75 फीसदी आबादी को टीका लगाने में कई साल लग जाएंगे।