लखनऊ । करीब 1 साल के लंबे समय के बाद 1 मार्च से कक्षा 1 से 5 तक के बच्चे भी स्कूल (school re-open) जाएंगे। कक्षा 6 से 12 तक की पढ़ाई पहले ही शुरू हो चुकी है। ऐसे में छोटे बच्चों के स्कूल भी पहुंचने से एक बार फिर स्कूलों (school re-open) में रौनक नजर आएगी।
हालांकि, बीते दिनों ला मार्ट्स कॉलेज के कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद बच्चों को स्कूल भेजने को लेकर अभिभावक कुछ आशंकित भी हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए शासन की ओर से कई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। साफ किया है कि इन दिशा-निर्देशों का सभी को पालन करना होगा।
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यूपी में 1 मार्च से कक्षा 1 से 5 तक के बच्चे भी स्कूल (school re-open)जाएंगे। कक्षा 6 से 12 तक की पढ़ाई पहले ही शुरू हो चुकी है। ऐसे में छोटे बच्चों के स्कूल भी पहुंचने से एक बार फिर स्कूलों में रौनक नजर आएगी। इस दौरान कोरोना के दिशा-निर्देशों का सभी को पालन करना होगा।
50 प्रतिशत छात्रों को ही बुलाया जाएगा
प्रत्येक कक्षा में छात्रों की कुल क्षमता की 50 प्रतिशत उपस्थिति प्रथम दिन रहे तथा शेष 50 प्रतिशत की उपस्थिति दूसरे दिन रहे। इस प्रकार किसी भी कार्य दिवस पर किसी भी कक्षा में कुल क्षमता का 50 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति नहीं होगी।
2 दिन चलेगी ऑफलाइन क्लास
- प्राथमिक स्तर पर सोमवार व गुरुवार को कक्षा एक व पांच की कक्षाएं।
- मंगलवार व शुकवार को कक्षा 2 व 4 की कक्षाएं।
- बुधवार व शनिवार को कक्षा 3 की कक्षाएं।
- उच्च प्राथमिक स्तर पर सोमवार व बृहस्पतिवार को कक्षा 6 की कक्षाएं।
- मंगलवार व शुकवार को कक्षा 7 की कक्षाएं।
- बुधवार व शनिवार को कक्षा 8 की क्लास होगी।
इन दिशा निर्देशों का रखना होगा ध्यान
- विद्यालय कैम्पस एवं सभी कक्षाओं के फर्नीचर, उपकरण , स्टेशनरी भंडारकक्ष, पानी की टंकी, किचन, वॉशरूम , प्रयोगशाला , लाईब्रेरी आदि की सफाई सुनिश्चित की जाए।
- हाथ की सफाई की सुविधा, डिजिटल थर्मामीटर , सैनिटाइजर , साबुन आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करना।
- विद्यालय की परिवहन व्यवस्था आरम्भ किए जाने के पूर्व सेनेटाइजेशन सुनिश्चित करना।
- प्रधानाध्यापक द्वारा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सीय स्टॉफ से समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक मेडिकल सपोर्ट सुनिश्चित किया जाए।
- छात्र-छात्राओं के बीच कम से कम 6 फीट की दूरी के साथ बैठने की व्यवस्था की जाए।
- विद्यालय के प्रवेश एवं निकास के सभी गेट को आगमन एवं प्रस्थान के समय खुला रखा जाए, ताकि एक जगह भीड़ एकत्रित न हो।
विद्यालयों की जिन कक्षाओं में विद्यार्थियों की संख्या अधिक है , वहां पर 2-2 पालियों में कक्षाए संचालित की जायेंगी। इस सम्बन्ध में निर्णय स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए प्रधानाध्यापक एवं विद्यालय प्रबन्ध समिति द्वारा लिया जायेगा। जिन विद्यालयों में नामांकन अधिक है उन्हें दो पाली में संचालित किया जाय तथा प्रत्येक शिफ्ट के समय को परिस्थिति अनुकूल कम किया जा सकता है। यदि कक्षा- कक्ष का साईज छोटा हो तो कम्प्यूटर रूम , लाईब्रेरी , प्रयोगशाला आदि का भी उपयोग बैठने एवं 06 फीट की दूरी का पालन करते हेतु उपयोग किया जा सकता है।