रद्द होने के बाद भी 66A के तहत 745 मामलों पर चल रही सुनवाई, SC ने केंद्र को भेजा नोटिस

614 0

2015 में खत्म की गई IT एक्ट की धारा 66A के तहत अब भी दर्ज हो रहे केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। दरअसल 66 ए का इस्तेमाल अभी भी नागरिकों के खिलाफ आपत्तिजनक ऑनलाइन पोस्ट के लिए किया जा रहा है, जबकि वर्ष 2015 में इस धारा को निरस्त कर दिया गया था।

कोर्ट ने ये नोटिस मानवाधिकार पर काम करने वाली संस्था पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज की याचिका पर जारी किया है। PUCL ने बताया कि अभी भी 11 राज्यों की जिला अदालतों में धारा 66A के तहत दर्ज 745 मामलों पर सुनवाई चल रही है। 66A के प्रावधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर कुछ भी आपत्तिजनक पोस्ट लिखता है या साझा करता है तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने 2015 के ऐतिहासिक फैसले में आई टी एक्ट की धरा 66 ए को खारिज कर दिया था, जिसमे पुलिस को अधिकार था की वो कथित तौर पर आपत्तिजनक कंटेंट सोशल साईट या नेट पर डालने वालों को गिरफ्तार कर सकता था। अदालत ने कहा था कि ये कानून अभिव्यक्ति के अधिकार का उल्लंघन करता है।

अदालत ने कहा था कि एक्ट के प्रावधान में जो परिभाषा थी और जो शब्द थे वो स्पष्ट नहीं थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एक कंटेंट जो किसी एक के लिए आपत्तिजनक होगा तो दूसरे के लिए नहीं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बरकरार रखने वाले अपने एक ऐतिहासिक फैसले में अदालत ने कहा था कि धारा 66 ए से लोगों के जानने का अधिकार सीधे तौर पर प्रभावित होता है।

Related Post

समाज में घृणा, नफरत फैलाने वाली भाजपा को आने वाले विधानसभा के चुनाव में सिरे से नकार दें – नरेश उत्तम पटेल

Posted by - September 8, 2021 0
किसान नौजवान पटेल यात्रा लेकर निकले समाजवादी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल का स्थान-स्थान पर पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं ने…
Yogi Cabinet

Yogi Cabinet: महाकुंभ के लिए खोला खजाना, एक्वा मेट्रो लाइन का होगा विस्तार

Posted by - November 22, 2024 0
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित हुई मंत्रीपरिषद् की बैठक (Yogi Cabinet) में कई अहम प्रस्तावों…