चुनाव की बयार

चुनाव की बयार : कांग्रेस के वार से धीमी पड़ी पीएम मोदी की रफ्तार

891 0

मोहित सिंह

लखनऊ। जनता की वोटों की कीमत को एक बार फिर भुनाने के लिए चुनाव का बाजार गर्म होने लगा है। 2014 के बाद एक बार फिर देश के अवाम के जज्बातों को तौला जाने लगा है। इस बाजार में राजनीति का व्यापार करने वाले बड़े और छोटे व्यापारी अपने अपने लुभावने वादों और देश हित की योजनाओ की बोरी लेकर अवाम की गलियों में घूमने लगे हैं।

मोदी-शाह यानी संघ और भाजपा दक बार फिर धर्म की दुहाई देकर हिंदुओं के जज्बातों से लगी है खेलने 

बता दें कि 2014 में संघ और भाजपा के आकाओं के दिशा निर्देशों पर देश की जनता से तमाम वादे करने वाले मोदी और राजनीति की नगरी से गायब हो चुकी कांग्रेस और उत्तर प्रदेश के परिदृश्य में न होकर सिमट चुके बुआ भातीजा अपनी पुरानी रंजिश को भुलाकर हाथों में हाथ डालकर फिर से अपनी पार्टी की कायाकल्प करने में जुटे हैं। वहीं मोदी-शाह यानी संघ और भाजपा दक बार फिर धर्म की दुहाई देकर हिंदुओं के जज्बातों से खेलने लगी है। उसके इस प्लान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी में शामिल ही नहीं, बल्कि उन्होंने बाकायदा उसपर अमल करना भी शुरू कर दिया है।

ये भी पढ़ें :-अखिलेश यादव बोले- बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी बताएं कि कहां हैं अच्छे दिन ?

पांच सालों में भाजपा ने वायदों के जरिये जो अवाम से कमाई यानी वोट लेने का जो सपना संजोया था, वो अब हल्का पड़ता आ रहा है नजर 

ऐसा माना जा रहा है कि पांच सालों में भाजपा ने वायदों के जरिये जो अवाम से कमाई यानी वोट लेने का जो सपना संजोया था। वो अब हल्का पड़ता नजर आ रहा है। सूबे के कई जिलों में तो भाजपा को विगथ्बांधनरोधियों से दो दो हाथ करने के बजाये उनसे पिछड़ने का डर सता रहा है। इसीलिये कुछ दिन पूर्व भाजपा अध्यक्ष शाह बुंदेलखंड के हालात जानने के लिये कानपुर आये थे। सूत्रों के अनुसार बुंदेलखंड में सबका साथ सबका विकास का नारा वो असर नहीं दिखा सका जिसकी उन्हें उम्मीद थी । इसकी मुख्य वजह है कि इस नारे के अनुरूप बंदेल खंड में काम ही नहीं हुआ।

ये भी पढ़ें :-लोकसभा चुनाव 2019 : यूपी में तीन बजे तक 50.39 प्रतिशत मतदान

भाजपा  सांसदों ने जनता की उम्मीदों पर पानी फेरने का काम किया

इसी प्रकार कुछ और जिले भी हैं जहां भाजपा के सांसदों ने जनता की उम्मीदों पर पानी फेरने का काम किया है । हालांकि इस बात की जानकारी हाईकमान को पहले से थी लेकिन उसने कोई एक्शन नहीं लिया था। लेकिन चुनाव की घोषणा के बाद भाजपा ने ऐसे कुछ सांसदों को बाय बाय कह दिया और उनकी जगह नये लोगों को तरजीह दी लेकिन उसको अपने इस फैसले से कहीं न कहीं उसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। अगर पूर्वांचल की बात की जाये तो यहां भी कुछ ठीक नहीं चल रहा है । कुशीनगर, बहराइच, बस्ती, बाराबंकी, गोरखपुर, आजमगढ़, में भी गठबंधन और कांग्रेस से झटका लगने की उम्मीद है। वहीं हरदोई, कानपुर, सीतापुर, शाहजहांपुर और लखीमपुर में भी भाजपा के लिये कुछ अच्छा नहीं दिख रहा है।

राजधानी लखनऊ में  कायस्थ और मुस्लिम वोट लगभग हर चुनाव में  निभाते आये हैं निर्णायक भूमिका

वहीं प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी राजनाथ के लिये गठबंधन ने भाजपा बागी सिने स्टार शत्रुघन सिन्हा की पत्नी पूनम को उतारकर भाजपा को सोचने पर मजबूर कर दिया है। लखनऊ लोकसभा शहरी क्षेत्र में अगर वोटरों की गिनती की जाये तो लगभग 19 लाख 50 हजार वोटर हैं। जिनमें लगभग तीन लाख पचास हजार मुस्लिम हैं, चार लाख कायस्थ हैं । बाकी अन्य जातियों के वोटर हैं। इनमें कायस्थ और मुस्लिम वोट लगभग हर चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते आये हैं। अब देखना ये होगा कि क्या अभी भी नवाबी शहर के लोगों में मोदी का क्रेज बरकरार है या फिर भाजपा की फैली लालिमा का रंग फीका पड़ चुका है।

Related Post

PM Modi inaugurates Ayodhya Dham Junction

पीएम मोदी ने अयोध्या धाम जंक्शन का किया उद्घाटन, 8 ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी

Posted by - December 30, 2023 0
अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) शनिवार सुबह प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या पहुंचे, जहां उन्होंने रोड शो के बाद…
AIADMK

सभी धर्मों के साथ करें समान व्यवहार, धार्मिक मामलों में दखल न दे सरकार

Posted by - June 11, 2022 0
नई दिल्ली: अन्नाद्रमुक (AIADMK) के शीर्ष नेता के पलानीस्वामी (Palaniswami) ने शुक्रवार को कहा कि सरकार (Government) को धार्मिक मामलों…
उद्धव ठाकरे

महाराष्ट्र सीएम के उद्धव ठाकरे सात मार्च को अयोध्या पहुंचकर प्रभु राम का करेंगे दर्शन

Posted by - January 25, 2020 0
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे सात मार्च को भगवान राम के दर्शन करने अयोध्या जाएंगे। इसकी…