पीएचडी होल्डर बेंच रही है फल और सब्जियां

फिजिक्स में पीएचडी होल्डर बेंच रही है फल और सब्जियां, viral Video में बोल रही है शानदार इंग्लिश

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इंदौर। कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया सहित देश की कई दुकानों, फैक्ट्रियों पर ताले लगे हुए हैं। ऐसे में बहुत सारे लोग फल, सब्जी बचने को मजबूर हैं।

इंदौर में एक महिला फल विक्रेता को शानदार अंग्रेजी बोलता देख हर कोई है हैरान 

ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के इंदौर से सामने आया है। इंदौर में एक महिला फल विक्रेता को शानदार अंग्रेजी बोलता देख हर कोई हैरान है। यह महिला कोरोना वायरस के कारण बार-बार लग रहे लॉकडाउन से परेशान है। उन्होंने अपनी नाराजगी को सबके सामने जाहिर किया है। जब लोगों ने महिला से उसके बारे में जानकारी हासिल करनी की कोशिश की तो उन्होंने बताया कि वह देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर की पूर्व स्कॉलर हैं।

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The woman identified herself as Raeesa Ansari and said that the repeated curbs in Indore's markets have left the fruit and vegetable sellers penniless.

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नगर निगम द्वारा ऑड ईवन लागू किए जाने से रहना-खाना भी मुश्किल

सोशल मीडिया वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि महिला कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर निषेधात्मक उपाय लागू करने के लिए प्रशासन की शिकायत कर रही है। इस वीडियो में महिला कह रही है कि वह और उनके दोस्तों वर्तमान में फ्रूट और सब्जियां बेच रहे हैं। सबके परिवार में 22 से 25 लोग हैं। पहले ही कोरोना के कारण बाजार में भीड़ न होने की वजह से सामान बिक नहीं रहा है। इसी बीच नगर निगम द्वारा ऑड ईवन लागू किए जाने से रहना-खाना भी मुश्किल हो गया है।

महिला ने बताया कि उसकी कई पीढ़ियां कर चुकी हैं मंडी में काम

महिला का कहना है कि प्रशासन अधिकारी ही बता दें कि वह कहां जाए? वह कहती हैं कि उनके पिता, दादा और परदादा भी इसी मंडी में सब्जी बेचते थे। उनकी 6 से 7 पीढ़ियां इस सब्जी मंडी में फल और सब्जियां बेचने का काम कर चुकी हैं वह इस हालात में कहां जाए?

रायसा अंसारी ने 2011 में फिजिक्स में पीएचडी पूरी की

योग्यता के बारे में पूछे जाने पर रायसा ने दावा किया कि उन्होंने भौतिकी में मास्टर ऑफ साइंस किया है। इसके बाद वह देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से वर्ष 2011 में भौतिक विज्ञान में पीएचडी पूरी की है। यह पूछने पर कि उन्होंने बेहतर नौकरी का विकल्प क्यों नहीं चुना? तो रायसा ने जवाब दिया कि प्राइवेट नौकरी सुरक्षित नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि मुझे काम कौन देगा? मुसलमानों से कोरोना वायरस उत्पन्न होने वाली धारणा अब आम हो गई है। क्योंकि मेरा नाम रायसा अंसारी है, कोई कॉलेज या शोध संस्थान मुझे नौकरी देने के लिए तैयार नहीं है।

हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने रायसा के दावे को पूरी तरह से खारिज किया है। अधिकारियों ने बताया कि कोई भी सरकारी नौकरी योग्यता के आधार होती है। सरकारी नौकरी का धर्म और जाति से कुछ लेना देना ही नहीं है।

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