Navratri

Navratri 2020 : नवरात्रि में कलश स्थापना का जानें सही विधि

1725 0

नई दिल्ली। शारदीय नवरात्रि (Navratri)  17 अक्टूबर शुरू हो रहा है। हिन्दू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि  इस बार अधिक मास लगने के कारण नवरात्रि 25 दिन देरी से शुरू हो रही है। इस बार नवरात्रि 17 अक्टूबर से 25 अक्टूबर तक रहेगी। इस बार अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन पड़ेगी, जिसके कारण नवरात्र में देवी आराधना के लिए पूरे 9 दिन मिलेंगे।

प्रतिपदा तिथि को माता के प्रथम स्वरूप शैल पुत्री के साथ ही कलश स्थापना के लिए भी अति महत्त्वपूर्ण दिन होता है। कलश स्थापना या कोई भी शुभ कार्य शुभ समय व तिथि में किया जाना शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त पर विचार किया जाना अत्यावश्यक है।

फिल्म ‘द व्हाइट टाइगर’ का First Look प्रियंका चोपड़ा ने किया शेयर

नवरात्रि के 9 दिनों में मां भगवती के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर स्वरूप सौभाग्य का प्रतीक होता है। इन शुभ दिनों में मां की हर रोज पूजा की जाती है। ज्यादातर लोग 9 दिन का व्रत भी रखते हैं। वैसे तो मां को श्रद्धा भाव से लगाए गए हर भोग को ग्रहण करती हैं, लेकिन नवरात्रि के दिनों में मां के हर स्वरूप का अलग भोग लगता है।

जानिए किस दिन होती है किस देवी की पूजा?

नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री, दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कुष्मांडा, पांचवें दिन स्कंदमाता, छठे दिन कात्यानी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी, नवें दिन सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।

जानिए कैसे करें नवरात्रि पर कलश पूजन?

सभी प्राचीन ग्रंथों में पूजन के समय कलश स्थापना का विशेष महत्व बताया गया है। सभी मांगलिक कार्यों में कलश अनिवार्य पात्र है। दुर्गा पूजन में कलश की स्थापना करने के लिए कलश पर रोली से स्वास्तिक और त्रिशूल अंकित करना चाहिए और फिर कलश के गले पर मौली लपेट दें। जिस स्थान पर कलश स्थापित किया जाता है। पहले उस स्थान पर रोली और कुमकुम से अष्टदल कमल बनाकर पृथ्वी का स्पर्श करते हुए निम्न मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।

ओम भूरसि रस्यादितिरसि विश्वधाया विश्वस्य भुवनस्य धात्रीं।

पृथिवीं यच्छ पृथिवी दृह पृथ्वीं माहिसीः।।

ओम आ जिघ्र कलशं मह्या त्वा विशन्तिवन्दवः।

पुनरूर्जानि वर्तस्व सा नः सहस्रं धुक्ष्वोरुधारा

पयस्वती पुनर्मा विशताद्रयिः।।

जानें कलश स्थापना की विधि

सुबह नहाकर साफ कपड़े पहने, इसके बाद एक पात्र लें। उसमें मिट्टी की एक मोटी परत बिछाएं। फिर जौ के बीज डालकर उसमें मिट्टी डालें। इस पात्र को मिट्टी से भरें। इसमें इतनी जगह जरूर रखें कि पानी डाला जा सके। फिर इसमें थोड़े-से पानी का छिड़काव करें।

Related Post

समय सम्मान 2020

संजोगिता महाजन मेमोरियल ट्रस्ट ने 42 विभूतियों को दिया “समय सम्मान 2020”

Posted by - February 9, 2020 0
लखनऊ। संजोगिता महाजन मेमोरियल ट्रस्ट ने रविवार को राय उमानाथ बलि सभागार में “समय सम्मान 2020” का आयोजन किया। जिसमें…

देश में कोरोना मामलों में आई कमी, 24 घंटे में मिले 14,313 नए केस, 181 की मौत

Posted by - October 12, 2021 0
नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमितों की स्थिति में काफी सुधार आ रहा है। नए मामलों की संख्या में लगातार कमी दर्ज…
Resort

सीएम धामी के निर्देश पर ताबड़तोड़ कारवाई, नैनीताल में 5 रिज़ॉर्ट सील

Posted by - September 24, 2022 0
नैनीताल। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami)  के निर्देशों पर उत्तराखंड में विभिन्न गेस्ट हाउस और रिज़ॉर्ट (Resort) पर प्रशासन…
Dhami Cabinet

उत्तराखंड की नई आबकारी नीति: ओवररेटिंग पर लगेगा अंकुश, धार्मिक क्षेत्रों में नहीं बिकेगी शराब

Posted by - March 3, 2025 0
देहारादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट (Dhami Cabinet) की बैठक समाप्त हो गई है। बैठक में मुख्य 17 प्रस्तावों पर…

सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जुलाई में मिलेंगे 12 करोड़ से अधिक टीके- स्वास्थ्य मंत्रालय

Posted by - July 7, 2021 0
देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार घट रहे हैं लेकिन आज एक बार फिर कोविड के दैनिक मामलों में…