Mid Day Meal

मिड-डे मील लगेगा ईनाम का तड़का, गुणवत्ता बेहतर बनाने की प्रतिस्पर्धा योजना

771 0

नई दिल्ली। देश के स्कूलों में बच्चों को परोसे जाने वाले खाने (मिड-डे मील) की गुणवत्ता पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने इसे बेहतर और स्वादिष्ट बनाने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। अब स्कूलों के बीच खाने की गुणवत्ता को लेकर सलाना एक प्रतिस्पर्धा होगी। जो ब्लाक स्तर से शुरू होकर जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक की होगी। इनमें स्कूलों में खाना बनाने वाला रसोइये और उनके सहयोगी हिस्सा लेंगे। फिलहाल इस साल इसकी शुरूआत जुलाई से होगी।

पूरी कवायद स्कूलों में मिड-डे मील के बेहतर और स्वादिष्ट खाने बनाने को लेकर एक माहौल विकसित करना

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक यह पूरी कवायद स्कूलों में मिड-डे मील के बेहतर और स्वादिष्ट खाने बनाने को लेकर एक माहौल विकसित करना है। जो मौजूदा समय में बिल्कुल भी नहीं है। यही वजह है कि इस योजना के तहत बेहतर खाना बनाने वाले स्कूलों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।

वित्त मंत्रालय से जुड़ा डॉक्यूमेंट वायरल, शेयर करने वाले के खिलाफ होगी कार्रवाई

मिड-डे मील योजना के तहत देश भर के पहली से आठवीं तक के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को दोपहर का खाना दिया जाता है। सरकार ने यह कदम ज्यादा से ज्यादा बच्चों को स्कूलों से जोड़ने के लिए उठाया था। पिछले कुछ सालों में इसके अच्छे नतीजे भी देखने को मिले है। यही वजह है कि सरकार अपनी इस स्कीम को अब बारहवीं तक पढ़ने बच्चों के लिए विस्तार देने की तैयारी में है। फिलहाल इस प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार चल रहा है।

प्रतिस्पर्धा के जज होंगे बच्चों और न्यूट्रिनिस्ट

स्कूलों के बीच मिड-डे मील की गुणवत्ता को परखने के लिए होने वाली प्रतिस्पर्धा के जज स्कूल के बच्चे और न्यूट्रिशनिस्ट होंगे। मंत्रालय की योजना के मुताबिक इनमें दो बच्चे होंगे। एक प्राइमरी स्तर का और एक अपर प्राइमरी स्तर का होगा। इसके साथ कोई एक न्यूट्रिशनिस्ट या कालेजों में गृह विज्ञान पढ़ाने वाले शिक्षक शामिल होंगे।

मिड-डे मील की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए उठाए गए हैं सोशल ऑडिट जैसे कदम

मिड-डे मील की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए सरकार इससे पहले सोशल आडिट जैसे अहम कदम उठा चुकी है। जिसमें खाने की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए स्थानीय स्तर के प्रबुद्ध लोगों की एक टीम गठित करने के निर्देश दिए गए थे। दक्षिण के कई राज्यों में यह टीम काफी सक्रियता के साथ काम कर रही है।

स्कूली शिक्षा के संयुक्त सचिव आर सी मीना ने कहा कि ‘मिड-डे मील की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए स्कूलों के बीच एक प्रतिस्पर्धा कराने की योजना बनाई गई है। जिस पर इसी साल से अमल होगा। इसका मकसद बच्चों को बेहतर और स्वादिष्ट खाना उपलब्ध कराना है।

Related Post

‘गेम ऑफ थ्रोन्स’ के सीजन 8 का टीजर आया सामने,जानें कब होगा टेलीकास्ट

Posted by - January 15, 2019 0
एंटरटेनमेंट डेस्क। दुनिया में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला ये कार्यक्रम अब अपने आखिरी पड़ाव में है। GoT का आठवां…
डोनाल्ड ट्रंप

कोरोना वायरस: ट्रंप ने भी भारतीय संस्कृति का लिया सहारा, आयरलैंड पीएम को किया नमस्ते

Posted by - March 13, 2020 0
वर्ल्ड न्यूज़। आज पूरे देश भर में फैले इस कोरोना वायरस ने सभी को भारतीय संस्कृति की याद दिला दी…

आठ नवंबर को नोटबंदी के तीन साल पूरे होने पर प्रियंका और ममता ने मोदी सरकार बोला हमला

Posted by - November 8, 2019 0
नई दिल्ली। शुक्रवार यानी आज कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मोदी सरकार पर नोटबंदी को लेकर निशाना साधा है…
मिल्खा सिंह

‘फ्लाइंग सिख’ मिल्खा सिंह 90 साल के हुए, ये ख्वाहिश अभी तक है अधूरी

Posted by - November 20, 2019 0
नई दिल्ली। ‘फ्लाइंग सिख’ नाम से मशहूर भारतीय धावक मिल्खा सिंह बुधवार को अपना 90वां जन्मदिन मना रहे हैं। मिल्खा…