uproar councilors walkout in board meeting

मेयर के ‘भगवा सिटी’ प्रस्ताव पर BJP पार्षदों का वॉकआउट

587 0
ऋषिकेश। ऋषिकेश नगर निगम बोर्ड बैठक (Rishikesh Municipal Corporation Board Meeting)
में जोरदार हंगामा देखने को मिला, जहां पुराने पारित प्रस्ताव के काम ही अधूरे रहने से पार्षद नाराज हो गए तो वहीं इस हो-हल्ले के बीच सुबह से शाम तक चली बोर्ड बैठक में एक भी प्रस्ताव पारित नहीं हो सका।

नगर क्षेत्र के विकास से शायद नगर निगम के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को कोई सरोकार नहीं है। यही वजह है कि सोमवार को आयोजित बोर्ड बैठक में नगर के डेवलपमेंट से जुड़ा एक भी प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया। यहां तक कि अधिकारियों की लापरवाही से वार्षिक बजट भी पेश होने से टाल दिया गया।

ऋषिकेश नगर निगम बोर्ड बैठक

नगर निगम सभागार में सुबह करीब 11 बजे बोर्ड की बैठक आयोजित हुई।। इस दौरान नए विकास कार्य का एजेंडा सदन में पेश किया गया, लेकिन पार्षदों ने पूर्व में पारित प्रस्ताव के बाबत अधिकारियों से फीडबैक मांग लिया। पुराने पारित प्रस्ताव के काम ही अभी तक अधूरे होने पर वह खफा हो गए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से भरी बैठक में प्रत्येक वार्ड में किए गये कार्यों का ब्यौरा तलब किया, जिनमें कई तरह की खामियां सामने आईं. इन कमियों को लेकर अधिकारियों को जमकर खरी खोटी सुनाई गई।

बोर्ड बैठक में पार्षदों का हंगामा

मामला तब और ज्यादा बढ़ा जब एकाएक वार्षिक बजट से संबंधित ब्योरे की कॉपी पार्षदों को सौंपी गई। पार्षदों ने इसपर कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए बजट को टालने के लिए कहा। काफी हो-हल्ले के बाद आखिरकार निगम प्रशासन को बजट पेश करने के लिए रविवार का दिन तय करना पड़ा।

चारधाम यात्रा के रजिस्ट्रेशन में होगा बदलाव, फोटोमैट्रिक पंजीकरण की व्यवस्था

हैरत की बात यह है कि सुबह से शाम तक चली बोर्ड बैठक (Rishikesh Municipal Corporation Board Meeting)  में एक भी प्रस्ताव पारित नहीं हो सका। ऑरेंज सिटी से जुड़े मेयर के प्रस्ताव को लेकर अंत में पार्षदों ने बैठक से ही वॉक आउट कर दिया।

भगवा सिटी के प्रस्ताव का पार्षदों ने किया विरोध

ऋषिकेश नगर क्षेत्र की सरकारी इमारतों, निजी भवन व दुकानों को ऑरेंज सिटी (भगवा रंग में रंगने) की मेयर की कोशिश परवान नहीं चढ़ सकी। बोर्ड बैठक(Rishikesh Municipal Corporation Board Meeting) में मेयर के प्रस्ताव का सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, बल्कि उन्हीं के पार्टी के कई पार्षदों ने ही जमकर विरोध किया। बैठक (Rishikesh Municipal Corporation Board Meeting) में संख्या बल से प्रस्ताव पारित कराने का प्रयास भी कामयाबी में बदल नहीं सका. यहां तक कि, कई पार्षद इसपर आपत्ति जताते हुए सदन से ही वॉकआउट कर गए।

बोर्ड बैठक में पार्षदों का वॉकआउट

नगर निगम सभागार में आयोजित बैठक (Rishikesh Municipal Corporation Board Meeting)  में बोर्ड के एजेंडे में नगर क्षेत्र की सरकारी और निजी भवनों के साथ ही दुकानों के बोर्ड भगवा रंग में किए जाने का प्रस्ताव मेयर अनीता ममगाईं की ओर से रखा गया था। इस प्रस्ताव पर भाजपा से ही जुड़े कई पार्षदों ने यह कहकर आपत्ति जताई कि कोरोना काल की वजह से पहले ही निगम प्रशासन बजट को लेकर परेशान हैं, लोग भी इस महामारी के चलते आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, ऐसे में आर्थिक तंगी के वक्त में यह प्रस्ताव लोगों की मुश्किलें बढ़ाएगा।

बागेश्वर में पेड़ों को बचाने के लिए ‘चिपको आंदोलन’

भाजपा के ही एक नामित पार्षद ने तो यह भी कहा कि इससे विपक्षी दलों को राजनीति के लिए नया मुद्दा मिलेगा. उन्होंने इस फैसले से वैमनस्य की भावना भी उत्पन्न होने की बात कही।

प्रस्ताव को पारित कराने के लिए सदन में संख्या बल के साथ सर्वसम्मति बनाने की कोशिश की गई, मगर प्रस्ताव के पक्ष में पर्याप्त संख्या नहीं जुट पाई। इसके बाद कांग्रेस पार्षदों ने भी प्रस्ताव का जमकर विरोध करना शुरू किया। मामला इतना बढ़ा कि आखिर में इसी बात से नाराज होकर कई पार्षदों ने सदन से ही वर्कआउट कर दिया।

मेयर अनीता ममगाईं ने बताया कि कांग्रेस की मानसिकता से प्रभावित भाजपा में शामिल हुए कुछ पार्षद ही इसके विरोध में हैं। भले ही वह पार्षद भाजपा में आ गए हों, लेकिन उनका दिल आज भी कांग्रेस में ही अटका है।

पांच लाख दिए, हुआ कुछ नहीं

वहीं, ऋषिकेश नगर निगम (Rishikesh Municipal Corporation Board Meeting) अजीबोगरीब कारनामों को लेकर अकसर चर्चा में रहता है। अब एक नया मामला सामने आया है, जिसमें पार्षद का आरोप है कि निगम प्रशासन में एक संस्था को गोवंश के संरक्षण के लिए पांच लाख रुपए दिए, लेकिन असल में वह संस्था ऐसा कर ही नहीं रही है।

बोर्ड बैठक में पार्षद विकास तेवतिया ने एक हैरान करने वाली जानकारी दी उन्होंने बताया कि नगर क्षेत्र में निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए हरिद्वार की एक संस्था के साथ सहमति बनी थी। उन्होंने दावा किया कि इस बाबत निगम प्रशासन संस्था को पांच लाख रुपए जारी भी कर चुका है। बावजूद इसके नगर क्षेत्र में अभी भी निराश्रित गोवंश घूम रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह के कारनामे कर सरकारी धन की बंदरबांट की जा रही है।

पार्षद ने इस बाबत भरे सदन में संबंधित अधिकारियों से गोवंश को हरिद्वार ले जाने से जुड़ी जानकारी मांगी, तो वह बगले झांकने लगे। मामले में मेयर अनीता ममगाईं ने हकीकत को सामने लाने की बात कही है। उन्होंने बताया कि इसपर एक समिति का गठन किया जा रहा है, जोकि संस्था के गोवंश को रखने के स्थान का भौतिक निरीक्षण करेगी. मामले में लापरवाही मिलती है, तो जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।

Related Post

मायावती

‘धर्मयुद्ध लड़ने वाली साध्वी को केवल नोटिस क्यों, नामांकन रद्द क्यों नहीं?- मायावती

Posted by - April 22, 2019 0
नई दिल्ली। बसपा सुप्रीमों मायावती ने भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा को लेकर चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल…
झारखंड विधानसभा चुनाव परिणाम

LIVE झारखंड चुनाव परिणाम 2019: भाजपा ने गंवाया सत्ता, हेमंत सोरेन दोनों सीटों पर आगे

Posted by - December 23, 2019 0
झारखंड। आज सोमवार यानि 23 दिसंबर को झारखंड विधानसभा चुनावों के नतीजे आएंगे। पांच चरणों में हुए मतदान के बाद…

भाजपा प्रवक्ता ने टीएमसी प्रवक्ता को कहा लंपट, जवाब मिला – तुम प्रेम चोपड़ा मुर्गी चोर हो

Posted by - July 4, 2021 0
उत्तराखंड में संवैधानिक संकट के चलते सीएम पद से हटाए गए मुख्यमंत्री के बाद अब पश्चिम बंंगाल में ममता बनर्जी…
नीतीश से सवाल

बालिका गृहकांड मामले में तेजस्वी ने सीएम नीतीश से किया तीखा सवाल, मांगा जवाब

Posted by - February 19, 2019 0
पटना। मुज़फ़्फ़रपुर बालिका गृह कांड मामले में तेजस्वी यादव ने प्रेस कांफ्रेंस कर सीएम नीतीश कुमार से तीखे सवाल किए…