मायावती

मायावती की बढ़ी मुश्किलें , 21 चीनी मिल बिक्री मामले में सीबीआई ने दर्ज की FIR

905 0

लखनऊ। लोकसभा चुनाव 2019 के बीच ही बसपा सुप्रीमो मायावती की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। सीबीआई ने वर्ष 2010-11 में कथित अनियमितताओं के एक मामले में एफआईआर दर्ज की है, जिसमें सरकारी स्वामित्व वाली सात चीनी मिलों का विनिवेश किया गया था।

चीनी मिलों को बेचे जाने से 1,179 करोड़ रुपए का हुआ नुकसान

बता दें कि यूपी की इन चीनी मिलों को खरीदने के दौरान दस्तावेजों को जाली बनाने के आरोप में सात निजी लोगों को नामजद किया गया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने 21 सरकारी शुगर मिल को बेचे जाने के मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो सीबीआई को सौंप दी थी। यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पर इन शुगर मिल्स को बाजार दर से कम कीमत पर बेचने का आरोप है। इससे सरकारी खजाने को 1179 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

वर्ष 2010-11 में बेची गई 21 चीनी मिलों से जुड़ा है मामला

आरोप है कि मायावती सरकार ने 21 मिलों को, जिनमें से 10 चल रही थी, बाजार भाव से बेहद कम दर पर बेच दिया था। यह सारा घोटाला सम्पत्तियों के मूल्यांकन के दौरान ही किया गया था। इस तरह कुल 35 सरकारी चीनी मिलों को मायावती सरकार ने अपने चहेते ग्रुप को लाभ पहुंचाने के लिए गैरपारदर्शी ढंग से बेचा और सरकारी राजस्व को लगभग 25 हजार करोड़ का चूना लगाया। सीएजी रिपोर्ट में चीनी मिलों के मूल्यांकन में हेराफेरी और मनमाने ढंग से मूल्यांकित मूल्य में कमी करने, मूल्यांकन में सर्किल रेट के आधार पर आकलन न करने, गैर पारदर्शी तरीके से नीलामी और टेंडर प्रक्रिया में हेराफेरी से हजारों करोड़ के राजस्व हानि की पुष्टि हुई है।

चीनी मिलों की नीलामी और टेंडर प्रक्रिया पर कैग ने उठाये थे सवाल

भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन 35 चीनी मिलों को तत्कालीन बसपा सरकार ने औने-पौने दामों में बेचकर सरकारी खजाने को हजारों करोड़ का चूना लगाया, उनकी मूल्यांकन प्रक्रिया अत्यंत त्रुटिपूर्ण थी। यह मूल्यांकन प्रक्रिया विभिन्न चीनी मिलों की संपत्तियों को भी चीनी मिलों के साथ खरीदारों को भारी एवं अनुचित लाभ देने के उद्देश्य से बनाई गई थी। दरअसल यह सारा खेल मायावती सरकार के चहेते शराब माफिया पोंटी चड्ढा ग्रुप को लाभ पहुंचाने के लिए खेला था। यहां तक कि कर काटने के बाद भी फायदे में चल रही तीन चीनी मिलों बिजनौर, बुलंदशहर एवं चांदपुर को बेच दिया गया।

ये भी पढ़ें :-राहुल गांधी का केंद्र पर बड़ा हमला – कुछ नहीं सब झूठा है, नरेंद्र मोदी ने लूटा है

सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार निर्धारित विनिवेश नीति का उल्लंघन

सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने चीनी मिलों की बिक्री में केन्द्र सरकार द्वारा निर्धारित विनिवेश नीति का उल्लंघन किया। चीनी मिलों की भूमि के अलावा संयंत्र, मशीनरी व फैक्ट्री के भवनों, चीनी गोदामों के साथ रिहायशी आवासों और अन्य अचल संपत्तियों के मूल्यांकन में भारी धांधली की गई। मूल्यांकन में बिना कारण बताए भूमि के मूल्य में और भवनों में 25 प्रतिशत की छूट दी गई। सर्किल रेट को अनदेखा करने के कारण स्टांप ड्यूटी में चोरी से 600 करोड़ से अधिक की क्षति हुई।

 

 

Related Post

Yogi Adityanath

सीएम योगी के डर से राज्य में भाईचारा, रामनवमी पर कोई दंगा नहीं, तू तू मैं मैं भी नहीं

Posted by - April 13, 2022 0
लखनऊ: रामनवमी (Ram Navami) के अवसर पर कम से कम चार राज्यों ने सांप्रदायिक हिंसा और धार्मिक समूहों के बीच…
AK Sharma

किसानों, मजदूरों, युवाओं व महिलाओं के साथ सर्वसमाज के विकास को समर्पित बजट: एके शर्मा

Posted by - July 23, 2024 0
लखनऊ। केंद्र की मोदी सरकार का वित्तीय वर्ष 2024-25 का वर्तमान बजट (Union Budget) विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण…
भागवत की सलाह

बीजेपी-शिवसेना को भागवत की सलाह, बोले- आपस में लड़ने से होगी दोनों को हानि

Posted by - November 19, 2019 0
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने इशारों-इशारों में महाराष्ट्र की राजनीति पर बड़ा बयान दिया है।…