लखनऊ। कहते हैं कि प्रतिभा संसाधनों और परिस्थितियों की मोहताज नहीं होती है। इस बात को सच साबित करने जा रही है राजधानी लखनऊ में रहने वाली एक बच्ची। प्रतिभा के बल पर इस बच्ची ने प्रदेश सरकार के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा का ध्यान अपने तरफ आकृष्ट कराया है।
पारिवारिक कारणों से दो साल पहले चौथी कक्षा में पढ़ने वाली खुशबू ने छोड़ दिया था स्कूल
बता दें कि पारिवारिक कारणों से दो साल पहले चौथी कक्षा में पढ़ने वाली खुशबू ने भले ही स्कूल छोड़ दिया था, लेकिन शिक्षा हासिल करने की लगन नहीं छोड़ा। आज 14 साल की हो चुकी खुशबू ने उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को पत्र लिखकर सीधे दसवीं में प्रवेश मांगा है।
बच्ची के पिता ने उपमुख्यमंत्री को इस बाबत खत लिखकर बच्ची की इच्छा बताई थी। बच्ची की पढ़ाई के प्रति पूरे परिवार की ललक देख डॉ. शर्मा मामले को संज्ञान में लेते हुए, तुरंत पूरा मामला माध्यमिक शिक्षा परिषद को भेज दिया। यूपी बोर्ड से हरी झंडी मिलने के बाद बच्ची का बौद्धिक परीक्षण और लिखित टेस्ट हुआ। परीक्षकों ने दसवीं तो नहीं बल्कि नवीं कक्षा के काबिल खुशबू को माना है। इसके अब उसका नवीं में दाखिला हो सकेगा।
10वीं में दाखिले के लिए बच्ची का नियमित उपस्थित रहकर नवीं पास करना आवश्यक
ऐशबाग रामनगर निवासी सीताराम ने बीते वर्ष अगस्त माह में जन सुनवाई पोर्टल पर बच्ची को पढ़ाने के बाबत सरकार से गुहार लगाई थी। इसके बाद उपमुख्यमंत्री को खत लिया। हालांकि यह लिखा कि 10वीं में दाखिले के लिए बच्ची का नियमित उपस्थित रहकर नवीं पास करना आवश्यक है।
डीआईओएस ने 20 दिसंबर को राजकीय विद्यालयों के चार प्रवक्ताओं की टीम गठित कर शिक्षा भवन में खुशबू का टेस्ट कराया
यूपी बोर्ड की सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद नीना श्रीवास्तव ने लखनऊ के डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह को निर्देश दिए कि छात्रा के शैक्षिक स्तर की जांच करें। इसके लिए अंग्रेजी, वाणिज्य, हिंदी, व्याकरण और गणित विषय का टेस्ट राजकीय विद्यालय के शिक्षकों की टीम से कराएं। डीआईओएस ने 20 दिसंबर को राजकीय विद्यालयों के चार प्रवक्ताओं की टीम गठित कर शिक्षा भवन में खुशबू का टेस्ट कराया है। बच्ची हर स्तर पर खरी उतरी। परीक्षक कॉपी में लिखे सभी जवाब से संतुष्ट नजर आए।
डीआईओएस ने बताया कि छात्र के शैक्षिक स्तर की रिपोर्ट शासन और परिषद को भेज दिया है। वहां संस्तुति के बाद खुशबू का प्रवेश करा दिया जाएगा। सीताराम ने डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा से अर्जी लगाई कि बेटी की प्रतिभा को देखते हुए परीक्षणोपरांत उसकी उम्र को नहीं बल्कि ज्ञान को आधार माना जाए।
चौथी कक्षा पास करने के बाद छात्रा घर पर की पढ़ाई
छात्रा के पिता के मुताबिक, खुशबू ने 2018 में पूनम शिक्षा निकेतन ऐशबाग से कक्षा चार की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। उसके बाद स्कूल छूट गया मगर पढ़ना बंद नहीं किया और 2018-19 में घर पर रहकर जूनियर हाईस्कूल व नवीं के अंग्रेजी, वाणिज्य,हिंदी व्याकरण व सामान्य ज्ञान का अध्ययन करती रही, लेकिन वह कभी हार नहीं मानी।