जानें एक ऐसी महिला के बारे में जो थी तो ब्रिटिश लेकिन भारत की आज़ादी के लिए किया ऐसा संघर्ष….

960 0

लखनऊ डेस्क। भारत की आज़ादी में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली श्रीमती एनी बेसेंट भले ही ब्रिटिश समाज में जन्मीं हों लेकिन दिल से वह पूरी तरह भारतीय थीं। 1 अक्टूबर को जन्मी एनी बेसेंट ने भारतीयों को जागरुक करने, उनका अधिकार दिलाने हेतु अपनी पूरी ताकत झोंक दी। विशेषकर भारतीय महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।

1 अक्टूबर 1847 को जन्मीं एनी बेसेंट के अंग्रेज़ पिता पेशे से डॉक्टर थे, वहीं बेसेंट की गणित और दर्शन में गहरी रुचि थी। डॉ बेसेंट माता पिता के धार्मिक विचारों से बहुत प्रभावित थीं। लेकिन जल्द ही उनके पिता चल बसे और उनकी शिक्षा दीक्षा की ज़िम्मेदारी मां के कंधों पर आ गयी।

वह 16 नवंबर 1893 को मद्रास के अडयार में थियोसोफिकल सोसायटी के वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने भारत आईं। और फिर वह भारत की ही होकर रह गईं। 1898 में उन्होंने वाराणसी में सेंट्रल हिंदू कॉलेज की स्थापना की। 1917 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं। पहले विश्वयुद्ध के दौरान उन्होंने साप्ताहिक समाचार पत्र कॉमनविल की स्थापना की।

उनके जीवन का मूलमंत्र कर्म था। इसी पर वो अपने उपदेश देती थीं। कहा जाता है कि वो भारत को ही अपनी मातृभूमि समझती थीं। महात्मा गांधी से लेकर उनके दौर के सामाजिक नेताओं ने हमेशा उसकी प्रशंसा की। भारत की आज़ादी के लिए हर बलिदान देने के लिए वह तैयार रहती थीं।

Related Post

प्राची अधिकारी

टाॅलीवुड अभिनेत्री प्राची अधिकारी ने पीएम कयर्स फंड में किया योगदान

Posted by - May 15, 2020 0
हल्द्वानी। उत्तराखंड में हल्द्वानी के कुसमखेड़ा क्षेत्र की रहने वाली प्राची अधिकारी दक्षिण भारतीय सिनेमा जगत टाॅलीवुड का माना जाना…

बर्थडे स्पेशल: पहली बार गौरी को देखकर फिदा हो गए थे शाहरुख, ऐसी है प्रेम कहानी

Posted by - October 8, 2019 0
बॉलीवुड डेस्क। आज गौरी खान और शाहरुख खान की जोड़ी फिल्म इंडस्ट्री की दिलचस्प जोड़ियों में गिनी जाती है. गौरी…
सानिया मिर्जा

होबार्ट इंटरनेशनल महिला युगल के फाइनल में पहुंची सानिया मिर्जा

Posted by - January 17, 2020 0
नई दिल्ली। भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा व यूक्रेन की नादिया किचेनोक के साथ होबार्ट इंटरनेशनल महिला युगल फाइनल में…