दिवाली पर लक्ष्मी पूजन से बरसेगी कृपा, 37 साल बाद बना महासंयोग

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लखनऊ डेस्क। कार्तिक मास की चतुर्दशी 27 नवंबर को दिवाली धूमधाम से मनाई जाएगी। कार्तिक माह में वर्ष की सबसे अंधेरी रात को दिवाली का मुख्य त्योहार मनाया जाता है। दिवाली के दिन सूर्यदेव का दिन, चित्रा नक्षत्र और अमावस्या का लगभग 37 साल बाद बना महासंयोग महालक्ष्मीजी की कृपा बरसाएगा। साथ ही मां काली की आराधना भी फलेगी।

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आपको बता दें शनिवार को नरक चतुर्दशी के साथ-साथ छोटी दिवाली भी है। शाम को दीपक जलाया जाएगा। इस दिन नरकासुर ने संतों के परिवारों की 16 हजार स्त्रियों को बंदी बना लिया था।  नरकासुर का अत्याचार बढ़ने पर देवता औराषि-मुनि श्रीकृष्ण की शरण में आए। भगवान श्रीकृष्ण ने कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष को नरकासुर का वध किया। तब देवताओं ने दिवाली मनाई।

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जानकारी के मताबिक कार्तिक माह में वर्ष की सबसे अंधेरी रात को दिवाली का मुख्य त्योहार मनाया जाता है। पूजा के लिए उत्तम समय (वृश्चिक लग्न): 07:30 बजे से 07:35 बजे वहीँ उत्तम में लाभ का चौघड़िया पूजा समय : 08:36 बजे से है।

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