Kashi Vishwanath Dham

काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण आज, जानिए 600 वर्षों की यात्रा

284 0

प्रधानमंत्री नरेंद मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र में काशी विश्वनाथ धाम कॉरीडोर  (Kashi Vishwanath Dham Corridor) का लोकार्पण करेंगे। ये प्रधानमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है। लंबे समय इस परियोजना पर काम किया जा रहा था और करीब 32 महीने में बाबा के पूरे परिसर का कायाकल्प हो गया।

अब बाबा विश्वनाथ मंदिर का विस्तार गंगा तट तक है। काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन से पहले गंगा स्नान या फिर आचमन की मान्यता है। अब श्रद्धालु गंगा स्नान कर गंगा जल लेकर सीधे बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकेंगे और सब कुछ मंदिर के प्रांगण में ही होगा। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर लोकार्पण कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने की पूरी तैयारी कर ली गई है।

काशी विश्वनाथ धाम की खास बातें-

करीब सवा 5 लाख स्क्वायर फीट में बना काशी विश्वनाथ धाम बनकर पूरी तरह तैयार है। इस भव्य कॉरिडोर में छोटी-बड़ी 23 इमारतें और 27 मंदिर हैं। अब काशी विश्वनाथ आने वाले श्रद्धालुओं को गलियों और तंग संकरे रास्तों से नहीं गुजरना पड़ेगा। इस पूरे कॉरिडोर को लगभग 50,000 वर्ग मीटर के एक बड़े परिसर में बनाया गया है। इस कॉरिडोर को 3 भागों में बांटा गया है। इसमें 4 बड़े-बड़े गेट और प्रदक्षिणा पथ पर संगमरमर के 22 शिलालेख लगाए गए हैं। इनमें काशी की महिमा का वर्णन किया गया है। इसके अलावा इस कॉरिडोर में मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, तीन यात्री सुविधा केंद्र, चार शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मल्टीपरपस हॉल, सिटी म्यूजियम, वाराणसी गैलरी जैसी सुख-सुविधाओं की भी व्यवस्था की गई है।

काशी विश्वनाथ मंदिर का इतिहास- वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के निर्माण और पुनर्निमाण को लेकर कई तरह की धारणाएं हैं। इतिहासकारों के मुताबिक विश्वनाथ मंदिर का निर्माण अकबर के नौरत्नों में से एक राजा टोडरमल ने कराया था। वाराणसी स्थित काशी विद्यापीठ में इतिहास विभाग में प्रोफेसर रह चुके डॉक्टर राजीव द्विवेदी ने बीबीसी को बताया, ‘विश्वनाथ मंदिर का निर्माण राजा टोडरमल ने कराया, इसके ऐतिहासिक प्रमाण हैं और टोडरमल ने इस तरह के कई और निर्माण भी कराए हैं। हालांकि यह काम उन्होंने अकबर के आदेश से कराया, यह बात ऐतिहासिक रूप से पुख्ता नहीं है। राजा टोडरमल की हैसियत अकबर के दरबार में ऐसी थी कि इस काम के लिए उन्हें अकबर के आदेश की जरूरत नहीं थी।’

कहा जाता है कि करीब सौ साल बाद औरंगजेब ने इस मंदिर को ध्वस्त करा दिया था और फिर आगे लगभग 125 साल तक यहां कोई विश्वनाथ मंदिर नहीं था। इसके बाद साल 1735 में इंदौर की महारानी देवी अहिल्याबाई ने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया। अब 286 साल बाद इस मंदिर को नए अवतार में दुनिया के सामने प्रस्तुत किया जा रहा है। 2,000 वर्ग मीटर में फैले मंदिर के दर्शन के लिए लोगों तंग गलियों से होकर आना पड़ता था लेकिन इस दिव्य और भव्य कॉरीडोर के लोकार्पण के बाद लोग अब बड़ी आसानी से बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकेंगे।

काशी विश्वनाथ मंदिर का महत्व-

काशी को सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि भगवान विश्वनाथ यहां ब्रह्मांड के स्वामी के रूप में निवास करते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। ये ज्योतिर्लिंग मंदिर गंगा नदी के पश्चिम घाट पर स्थित है। काशी को भगवान शिव और माता पार्वती का सबसे प्रिय स्थान माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन मात्र से ही पापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Related Post

Constable Recruitment

सीएम योगी का बड़ा फैसला, सिपाही भर्ती में आयु सीमा में मिलेगी तीन साल की छूट

Posted by - December 26, 2023 0
लखनऊ। यूपी में कांस्टेबल भर्ती (UP Police Constable Recruitment) को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने बड़ा फैसला लिया…