वाराणसी। एक महीने तक चले काशी तमिल संगमम (Kashi Tamil Sangamam) का शुक्रवार को समापन हो गया। एम्फीथिएटर बीएचयू के मुक्ताकाशी परिसर में आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तो समापन समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। समापन समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, तमिलनाडु के राज्यपाल रवींद्र नारायण रवि, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केन्द्रीय पर्यटन, संस्कृति मंत्री गंगापुरम किशन रेड्डी आदि की मौजूदगी रही। इस समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य अतिथियों का स्वागत कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर काशी तमिल संगमम का ऐतिहासिक आयोजन हुआ और स्वयं प्रधानमंत्री ने इस आयोजन का शुभारंभ किया। आज केंद्रीय गृह मंत्री समापन अवसर पर मौजूद हैं।
केन्द्रीय मंत्री प्रधान ने कहा कि इस आयोजन (Kashi Tamil Sangamam) के जरिए दो संस्कृतियों का मिलन हुआ। इस संगमम में काशी और तमिल का जुड़ाव तो हुआ ही साथ ही काशी और तमिलवासियों को बहुत कुछ सीखने का अवसर भी मिला। इससे काशीवासियों को तमिल भाषा, साहित्य एवं संस्कृति को आत्मसात करने का अवसर भी मिला है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि काशी तमिल संगमम (Kashi Tamil Sangamam) की सफलता इसी से परिलक्षित होती है कि बीएचयू के ऐतिहासिक परिसर में 2 लाख से अधिक लोग पहुंचे। वहीं, लाखों लोग डिजिटल माध्यम से जुड़े रहे। कार्यक्रम में तमिलनाडु और काशी के 1500 से अधिक कलाकार, 300 से अधिक विशिष्ट अतिथि, 75 विशेषज्ञ वक्ता शामिल हुए।
काशी तमिल संगमम (Kashi Tamil Sangamam) के समापन समारोह में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आज मैं एक संदेश देना चाहता हूं कि विश्वास और प्रेम में एक समानता यह है कि दोनों को जबरदस्ती हासिल नहीं किया जा सकता। काशी तमिल संगमम ने आजादी के अमृतकाल वर्ष में उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृतियों के बीच विश्वास और प्रेम का नया माहौल खड़ा करने का काम किया है। गृहमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु से आए भाई-बहन काशी से गंगाजल ले जाकर रामेश्वरम में अभिषेक कीजिएगा। फिर जब वहां से आइएगा तो वहां की मिट्टी लाकर गंगा के रेत में मिलाइएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसी व्यवस्था की है कि पूरे देश को जानिए और समझिए। एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को साकार कीजिए।
शाह ने बनारस के चाट की सराहना की: अमित शाह ने कहा कि संगमम में काशी के चाट की तमिलनाडु में और तमिलनाडु के व्यंजन की तारीफ सुनाई दिया। इसकी तारीफ साथी मंत्रियों ने भी की। साथी धर्मेंद्र प्रधान और निर्मला सीतारमण हमें बता रहे थे कि तमिलनाडु से आए लोगों ने काशी के चाट का बखान कर-करके खाया। वहीं, काशी के लोगों ने भी तमिलनाडु के व्यंजनों का भरपूर आनंद लिया। उन्होंने कहा कि संगमम् से भारत वासियों को यह जानकारी भी मिली है कि तमिल दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है। तमिलनाडु के भाई-बहनों को मैं यह संदेश देना चाहता हूं कि आइए पूरा भारत आपका स्वागत करने के लिए तैयार है। यह संगम आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, व्यापार, शिक्षा, कला, भाषा सहित सब कुछ के आदान-प्रदान का माध्यम बना है।
नई शिक्षा नीति की तारीफ की: अमित शाह ने नई शिक्षा नीति की तारीफ कर कहा कि प्रधानमंत्री ने भाषा और संस्कृति के माध्यम से युवाओं के लिए वैश्विक पटल पर छा जाने की व्यवस्था की है। नई शिक्षा नीति की आत्मा है हमारी अपनी भाषा और हमारी अपनी भाषा का गौरव।
काशी और तमिल का पुराना मिलन पुर्नजीवित: किशन रेड्डी
समारोह में केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति मंत्री और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास विभाग के मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि इस भव्य कार्यक्रम के जरिए काशी और तमिल का पुराना मिलन पुर्नजीवित हुआ है। इस आयोजन के जरिए भारत की विविधता को एकता में पिरोया गया है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस आयोजन के जरिए एक भारत श्रेष्ठ भारत को साकार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिंदी और तमिल भाषा अलग-अलग हो सकती है लेकिन भावना एक ही है।
संगमम से एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान को और ताकत मिलेगी: राज्यपाल रविंद्र नारायण
सम्मेलन में तमिलनाडु के राज्यपाल रविंद्र नारायण रवि ने कहा कि इस पर्व से हजारों साल पुरानी काशी और तमिल के बीच जो घनिष्ठ संबंध रहा है उसे पुर्नजीवित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह पर्व भले ही आज समाप्त हो रहा है लेकिन आने वाले दिनों में यह संबंध और मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि इस संगमम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच को साकार किया गया। इस संगमम से एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान को और ताकत मिलेगी।
तमिलनाडु के घर घर तक ले जाएं यूपी की मधुर स्मृतियां: सीएम योगी
उल्लेखनीय है कि आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को कायम रखने के लिए काशी तमिल संगमम का आयोजन किया गया था। एक महीने तक चलने वाले इस महोत्सव का उद्घाटन 19 नवंबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। सम्मेलन का उद्देश्य तमिलनाडु और काशी के बीच सदियों पुराने संबंधों को पुर्नजीवित करना था। तमिलनाडु के सांस्कृतिक और लोक कलाकारों, साहित्यकारों, उद्यमियों, किसानों, धार्मिक लोगों, खिलाड़ियों आदि के छोटे जत्थों में 2,500 से अधिक प्रतिनिधियों ने काशी तमिल संगमम उत्सव में भाग लिया।