पश्चिम बंगाल में बीजेपी विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी को कांथी सहकारी बैंक के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया है। सोमवार को बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की एक आपात बैठक हुई, जिसमें ये फैसला लिया गया। बैंक सुवेंदु के गृह नगर पूर्वी मिदनापुर में है। बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के सदस्यों ने कहा कि नियम के मुताबिक, कोई व्यक्ति अध्यक्ष पद पद तीन से ज्यादा कार्यकाल नहीं कर सकता। अधिकारी साल 2009 से इस पद पर थे। बता दें कि सुवेंदु अधिकारी पूर्वी मिदनापुर में कई सहकारी बैंकों की प्रबंधन समिति के प्रमुख थे।
अधिकारी ने इस निष्कासन को अवैध बताया है। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए हटाया गया है, फैसले के खिलाफ अदालत जाएंगे।मंगलवार को बैंक प्रबंधन समिति की आपात बैठक हुई। चर्चा है कि लंबे समय से अध्यक्ष यानि अधिकारी की गैरमौजूदगी में बैंक की सामान्य सेवा बाधित हो रही है। इसलिए यह निष्कासन का निर्णय लिया ह।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी इस मामले में बैंक को फैसले लेने का अधिकार दिया था। कांथी को-ऑपरेटिव बैंक प्रबंधन ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को इसकी जानकारी दी। बैंक में 19 निदेशक हैं। इनमें से 14 को वोट देने का अधिकार है। इस फैसले से 10 लोगों ने सहमति जताई। इस निर्णय के बाद सूचित किया गया है कि प्रबंधन समिति ने निर्णय लिया है कि बैंक के वर्तमान उपाध्यक्ष चिंतामणि मंडल अगले अध्यक्ष होंगे।
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दूसरी ओर, शुभेंदु अधिकारी आरोप लगाया कि उन्हें राजनीतिक उद्देश्यों के लिए हटाया गया है। यह निष्कासन अवैध है। उन्होंने कहा “यह विशुद्ध रूप से राजनीति से प्रेरित है। यह निर्णय कानूनी रूप से नहीं किया गया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि निष्कासन बैठक बुलाने वाले बैंक की प्रबंधन समिति के सचिव पार्थप्रतिम अनुपस्थित थे। मेरे लिए यह निष्कासन पूरी तरह से महत्वहीन है। इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। ” बता दें कि विधानसभा चुनाव के बाद से ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी के बीच तकरार जारी है।