CM Yogi

प्राकृतिक खेती विषयक गोष्ठी में सीएम योगी के उद्बोधन के प्रमुख अंश

355 0

● ‘उत्तर प्रदेश सतत व समान विकास की ओर’ विषयक दो दिवसीय लर्निंग कॉन्क्लेव के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि गुजरात के माननीय राज्यपाल देवव्रत आचार्य का महत्वपूर्ण उद्बोधन हम सभी को प्राप्त हुआ।

●  राज्यपाल ने ‘लागत कम, उत्पादन ज्यादा’ के मंत्र पर एक बेहद सरल व सहज विधि से प्राकृतिक खेती के बारे में हम सभी को अवगत कराया है। मुझे प्रसन्नता है कि कृषि विभाग द्वारा विगत एक माह में प्रदेश में इस प्रकार के कई कार्यक्रम आयोजित हुए हैं।

● भारत जैसे देश में जहां “ऋषि और कृषि” एक दूसरे से जुड़े हुए थे। जहां “गो और गोवंश” न केवल आस्था बल्कि अर्थव्यवस्था का भी आधार था। वहां पर प्राकृतिक खेती उस आस्था के साथ अर्थव्यवस्था को सम्बल प्रदान कर सकता है, इस संबंध में आज आचार्य के श्रीमुख से सभी ने महत्वपूर्ण व्याख्यान सुना है।

● हम लोगों ने दो-ढाई वर्ष पहले कानपुर में प्राकृतिक खेती पर एक सेमिनार आयोजित किया था। 500 से अधिक प्रगतिशील किसानों ने उसमें प्रतिभाग किया था। इसका परिणाम है कि आज प्रदेश में हजारों हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती होनी प्रारंभ हो गई है।

● प्रधानमंत्री जी की मंशा है कि हमें विषमुक्त खेती देनी है। उस दृष्टि से रासायनिक पेस्टीसाइड/फर्टिलाइजर की बचत करते हुए ऐसे उत्पाद जिनका उत्पादन किसान स्वयं करता है, उससे ही वह अपनी खेती को आगे बढ़ा सकता है। इस संबंध में एक अभिनव प्रयोग सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारे कृषि वैज्ञानिक, किसानों को प्रोत्साहित करके अधिक से अधिक भूमि पर प्राकृतिक खेती को विस्तार देंगे।

● देश में सबसे अच्छी उर्वरा भूमि उत्तर प्रदेश के पास है। सर्वाधिक किसान हमारे पास हैं। सबसे अच्छा जल संसाधन हमारे पास है। देश की कुल कृषि भूमि का 11%-12% उत्तर प्रदेश में है लेकिन अभी जबकि हमने तकनीक का बहुत प्रयोग नहीं किया है, तब भी हम देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन का 20% उत्पादन कर रहे हैं। अगर हम सही वैज्ञानिक सोच के साथ प्राकृतिक खेती को सही से लागू कर सकेंगे तो हम उत्पादन बढ़ाने में तो सफल होंगे ही, किसान की आय बढ़ाने में भी सफलता मिलेगी।

● हम बचपन में जब पुष्प तोड़ते थे, तो उसमें खुशबू होती थी। उत्तराखंड में तो फूलों की घाटी प्रसिद्ध है। यहां इतनी खुशबू होती है कि किसी को कोई परेशानी न हो, इसलिए रात्रि में किसी को रुकने की मनाही है। आज हम जब रासायनिक फर्टिलाइजर का उपयोग कर पुष्प उत्पादन कर रहे हैं, तो हो सकता है कि उसका आकार बड़ा हो गया हो, लेकिन उसकी खुशबू गायब हो गई है। उसके अंदर, जो गुण था, वह कम हुआ है। इसी प्रकार हो सकता है कि हरित क्रांति के प्रयासों से हमारा खाद्यान्न उत्पादन बढ़ा हो, लेकिन भोजन के स्वाद में तो अंतर आया ही है।तमाम दुष्परिणाम भी सामने आए हैं। पंजाब से तो कैंसर ट्रेन ही चलती है।

● हमें अगर मानवता की रक्षा करनी है तो धरती माता की रक्षा भी करनी होगी। और धरती माता के लिए हमें प्राकृतिक खेती की ओर जाना ही होगा। यही किसान के सतत व समान विकास का माध्यम होगा।

● प्रधानमंत्री जी ने प्राकृतिक खेती पर सदैव जोर दिया है। न केवल अपने वक्तव्यों बल्कि अब तो केंद्रीय बजट में भी इसके लिए प्रावधान किया है। हम सभी अगर इससे जुड़ेंगे तो निश्चित ही अच्छे परिणाम आएंगे।

● राज्य सरकार ने 2020 में गंगा के दोनों तटों पर 05-05 किलोमीटर तक प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने का कार्यक्रम शुरू किया है। गंगा यात्रा के दौरान इस विषय मे काफी जागरूकता का प्रसार हुआ। उत्तर प्रदेश में 27 जनपद गंगा से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा इस बजट में हमने बुंदेलखंड के 07 जिलों में प्राकृतिक खेती के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। आवश्यकता पड़ेगी तो हम इसके लिए बोर्ड आदि के गठन का कार्य भी करेंगे।

● उत्तर प्रदेश में कृषि, रोज़गार का सबसे बड़ा माध्यम है। सर्वाधिक किसान हमारे यहां हैं। प्रदेश में 02 करोड 55 लाख किसान पीएम किसान का लाभ उठा रहे हैं। यानी 02 करोड़ 55 लाख लोग खेती से जुड़कर रोजी-रोज़गार कर रहे हैं। खाद्यान्न उत्पादन में भी हम श्रेष्ठ हैं। गेहूं, फल, सब्जी, दुग्ध, गन्ना, चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है।

● कृषि के बाद एमएसएमई क्षेत्र रोजगार का सबसे बड़ा क्षेत्र है। इस सेक्टर में 2017 से पहले स्थिति निराशाजनक थी। लेकिन 2017 के बाद जब प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से हमने प्रदेश के परंपरागत उद्यम की मैपिंग की और उस अनुसार कार्यक्रम बनाये तो आज 90 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयां कार्यरत हैं जो करोड़ों युवाओं के सेवायोजन का माध्यम बनी हैं।

● एक जिला एक उत्पाद की जो हमारी अभिनव योजना है, इसके बारे में प्रधानमंत्री जी ने वोकल फ़ॉर लोकल कहा। हर जिले का अपना यूनिक उत्पाद है। यह आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश का आधार बनेगी। अब हम कृषि क्षेत्र में भी ऐसे प्रयास कर रहे हैं।

● सिद्धार्थनगर का कालानमक चावल भगवान बुद्ध के काल का है। प्राकृतिक विधि से जब इसकी खेती करते हैं तो इसकी सुगंध बहुत दूर तक जाती है। इसके पुनर्जीवन के लिए हमारी संस्थाओं द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। इसी तरह मुजफ्फरनगर में गुड़ की अलग-अलग वैरायटी है। यहां गुड़ महोत्सव आयोजित हो रहा है।

● सुल्तानपुर के एक प्रगतिशील किसान ने ड्रैगन फ्रूट उत्पादन का कार्य किया तो झांसी में एक बेटी घर की छत पर स्ट्राबेरी का उत्पादन कर रही है। अब यह लोग वृहद स्तर पर इसका उत्पादन कर रहे हैं। इनके पिता जी मुझे मिले थे, उन्होंने बताया कि यह लोग आज 01 एकड़ में 10 लाख का उत्पादन किया है। इस प्रकार जब किसान कृषि विविधीकरण की ओर अग्रसर होंगे तो कई गुना तक उनकी आय बढ़ेगी।

● हमारे बुंदेलखंड की बलिनि मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी ने स्वावलम्बन का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। महिला स्वयं सहायता समूहों के स्वावलम्बन के लिए हमने पोषाहार तैयार करने की जिम्मेदारी महिला स्वयं सहायता समूहों को दिया। यह कार्य बहुत अच्छे ढंग से आगे बढ़ रहा है। आज पीडीएस में कहीं कोई शिकायत आती है तो हम महिला स्वयं सहायता समूहों को सौंप देते हैं। बहुत से ऐसे मॉडल हैं, जिन्हें आगे बढ़ाया जा सकता है।

● उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में यहां के सतत और समान विकास के लिए प्राकृतिक खेती और एमएसएमई मिलकर बहुत अच्छा कार्य कर सकती हैं। अधिकाधिक प्रगतिशील किसानों को जोड़कर यह कार्य किया जा सकता है।

आज थोड़ी देर में योगी कैबिनट की बैठक में लगेगी कई प्रस्तावों पर मुहर

Related Post

Yogi Adityanath

पूर्ववर्ती सरकारों ने बुंदेलखंड का किया दोहन ; योगी आदित्यनाथ

Posted by - March 10, 2021 0
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की पूर्ववर्ती सरकारों पर बुंदेलखंड की उपेक्षा और दोहन करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार…
AK Sharma started mobile app -'Bhai'

जनसाधारण की सुविधा हेतु एके शर्मा ने शुरू किया मोबाइल एप -‘Bhai’

Posted by - April 17, 2024 0
लखनऊ। डिजिटल तकनीक के युग में मोबाइल ऐप, इंटरनेट, सोशल नेटवर्किंग साइट्स, फेसबुक, व्हाट्सएप, एक्स, इंस्टाग्राम का उपयोग कर हम अपनी…
CM Yogi

अब हर माह होगी थानेदार से लेकर एडीजी तक की समीक्षा, एक-एक दिन का देना होगा हिसाब

Posted by - October 1, 2023 0
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए अधिकारियों को जिला…