जनसंख्या का विस्फोट

स्वास्‍थ्य मंत्रालय को मिली चेतावनी, लॉकडाउन के बाद हो सकता है जनसंख्या का विस्फोट

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देहरादून। पूरी दुनिया सहित भारत भी कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है। इस पर लगाम कसने के लिए सरकार लगातार लॉकडाउन के समय को बढ़ाती जा रही है। वहीं इस समय ने एक चिंता खड़ी कर दी है।

देहरादून जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने एक सर्वे करने के बाद केंद्रीय स्वास्‍थ्य मंत्रालय को चेताया

अब देहरादून जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने एक सर्वे करने के बाद केंद्रीय स्वास्‍थ्य मंत्रालय को चेताया है। स्वास्‍थ्य मंत्रालय को लिखे एक पत्र में कहा गया है कि लॉकडाउन के चलते जनसंख्या तेजी से बढ़ सकती है। इसका कारण है कि महिलाओं को गर्भनिरोधक गोलियां नहीं मिल पा रही हैं।

ये समस्या न सिर्फ ग्रामीण इलाकों में बल्कि शहरी इलाकों की महिलाओं के सामाने

ये समस्या न सिर्फ ग्रामीण इलाकों में बल्कि शहरी इलाकों की महिलाओं के सामाने भी है। डीएलएसए की टीम जब कंटेनमेंट जोन के साथ ही अन्य इलाकों में राशन बांटने के लिए गई तो महिलाओं ने गर्भनिरोधक गोलियों के संबंध में भी पूछा। साथ ही बताया कि गोलियां न ले पाने के कारण उन्हें अब डर सता रहा है।

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बांटी गई गर्भनिरोधक गोलियां और सेनेटरी पैड

जिला विधिक प्राधिकरण में सिविल जज नेहा कुशवाहा ने मामले को गंभीर मानते हुए सीएमओ दून अस्पताल से मीटिंग की। इसके बाद झुग्गी-झोपड़ी से लेकर आईएसबीटी एरिया में कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स बंटवाए है। साथ ही डीएलएसए ने केंद्रीय स्वास्थ मंत्रालय को पत्र लिखकर इसे राष्ट्रीय समस्या माना है और इस पर एक्शन लेने को कहा है। पत्र में कहा गया है कि ये एक राष्ट्रीय समस्या लग रही है, जिस पर ध्यान देना जरूरी है।

कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स और सेनेटरी पैड कंटेनमेंट जोन में बांटना चाहिए

कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स और सेनेटरी पैड कंटेनमेंट जोन में बांटना चाहिए। वहीं, देहरादून की मुख्य विकास अधिकारी नितिका खंडेलवाल कहती है कि अगर ऐसी समस्या है तो आंगनबाड़ी वर्कर्स को कहा जा सकता है। मेडिकल स्टोर भी खुले हैं। लोग वहां से कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स ले सकते हैं।

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