लखनऊ । उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के नेतृत्व में राज्य के औद्योगिक व लॉजिस्टिक सेक्टर (Industrial-Logistics Sector) को गति देने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया गया है। सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 में औद्योगिक और लॉजिस्टिक पार्कों से जुड़ने वाले मार्गों के चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण और निर्माण कार्यों के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई है। इसके अंतर्गत 33 कार्यों को मंजूरी दी गई है, जिन्हें कुल 1,253 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फोकस प्रदेश में रोड फ्रेमवर्क और इंडस्ट्रियल (Industrial) यूनिट्स की कनेक्टिविटी को सुधारने पर है। इस कड़ी में सभी निर्धारित कार्यों को लोक निर्माण विभाग तथा अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के आपसी समन्वय से पूरा किए जाने की प्रक्रिया जारी है।
जल्द ही निर्माण कार्य शुरू करने की तैयारी
प्रक्रिया के अंतर्गत औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव के निर्देश में जिन औद्योगिक मार्गों की पहचान की गई है, उन पर जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होंगे। यह कार्ययोजना राज्य के उन क्षेत्रों को प्राथमिकता देती है जहां औद्योगिक क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं, ताकि आधारभूत संरचना को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण रूप से तैयार किया जा सके।
इस परियोजना की एक विशेषता यह है कि इसके माध्यम से छोटे उद्यमों, स्टार्टअप्स और स्टैंडअलोन इकाइयों को जोड़ने वाले मार्गों का भी कायाकल्प किया जाएगा।
औद्योगिक (Industrial) क्षेत्रों को मिलेगी फोरलेन कनेक्टिवटी
योगी सरकार का मानना है कि यदि लघु उद्योगों की पहुंच को बेहतर सड़क नेटवर्क से जोड़ दी जाए, तो यह न केवल उनके संचालन में सहूलियत देगा, बल्कि निवेशकों के विश्वास में इजाफा करेगा। यदि प्रदेश में बुनियादी औद्योगिक ढांचा सुदृढ़ हो तो न केवल घरेलू बल्कि अंतरराष्ट्रीय निवेशक भी उत्तर प्रदेश की ओर आकर्षित होंगे।
इसी सोच के तहत निर्माणाधीन औद्योगिक क्षेत्रों के आसपास के मार्गों को नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे, मुख्य जिला मार्ग जैसे प्रमुख मार्गों से फोरलेन कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जाएगी। वहीं स्टैंड अलोन इकाइयों की कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जाएगी। प्रक्रिया के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के औद्योगिक क्षेत्रों तथा प्लेज पार्कों की कनेक्टिविटी में भी सुधार करने में मदद मिलेगी।
लॉजिस्टिक्स मूवमेंट में होगी आसानी
प्रक्रिया के जरिए बेहतर कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करना कई मायनों में प्रभावी रणनीति के तौर पर कार्य करेगा। इससे लॉजिस्टिक्स के मूवमेंट में आसानी होगी जिससे माल ढुलाई में लगने वाला समय घटेगा, परिवहन लागत कम होगी और उद्योगों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।
योगी सरकार के इस निर्णय को उत्तर प्रदेश के औद्योगिक (Industrial) भविष्य की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है। यह कार्य योजना न केवल विकास के पथ को प्रशस्त करेगी बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को धरातल पर साकार करने में उत्तर प्रदेश की भूमिका को और मजबूत करेगी।