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असम में भूकंप के झटके से फिर हिली धरती, रिक्टर स्केल पर 3.3 मापी गई तीव्रता

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दिसपुऱ। असम के सोनितपुर जिले (Sonitpur, Assam) में गुरुवार की शाम भी 4 बजकर 17 मिनट पर भूकंप( Earth quake) के झटके (Earthquake Tremors) महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.3 मापी गई है।

बताया जा रहा है कि ये झटके सोनितपुर के साथ-साथ गुवाहाटी में भी महसूस किए गए। इस हफ्ते असम की अलग-अलग जगहों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। इससे पहले 28 अप्रैल, बुधवार को भी सुबह करीब 7:51 पर सोनितपुर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 थी।

इसके बाद सात बजकर 58 मिनट और आठ बजकर एक मिनट पर भूकंप के दो और झटके महसूस किए गए। ये भूकंप के झटके क्रमश: 4.3 और 4.4 तीव्रता के दर्ज किए गए। सोनितपुर के जिला मुख्यालय तेजपुर, गुवाहाटी और कई अन्य स्थानों में कई इमारतों में दरारें आ गई और लोग घबराहट में अपने घरों तथा अन्य स्थानों से बाहर निकल आए।  इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से बात की और भूंकप से हुए जान और माल के नुकसान का जायजा लिया। पूर्वोत्तर के इस राज्य को हरसंभव केंद्रीय मदद का आश्वासन भी दिया।

क्यों आता है भूकंप?

पृथ्वी कई लेयर में बंटी होती है और जमीन के नीचे कई तरह की प्लेट होती है. ये प्लेट्स आपस में फंसी रहती हैं, लेकिन कभी-कभी ये प्लेट्स खिसक जाती है, जिस वजह से भूकंप आता है। कई बार इससे ज्यादा कंपन हो जाता है और इसकी तीव्रता बढ़ जाती है, इससे धरती पर कई जलजले भी आ चुके हैं। भारत में भूकंप पृथ्वी के भीतर की परतों में होने वाली भोगौलिक हलचल के आधार पर कुछ जोन निर्धारित किए गए हैं और कुछ जगह यह ज्यादा होती है तो कुछ जगह कम। इन संभावनाओं के आधार पर भारत को 5 जोन बांटा गया है, जो बताता है कि भारत में कहां सबसे ज्यादा भूकंप आने का खतरा रहता है। इसमें जोन-5 में सबसे ज्यादा भूकंप आने की संभावना रहती है और 4 में उससे कम, 3 उससे कम होती है।

भूकंप आने पर क्या करें, क्या न करें?

1. जैसे ही आपको भूकंप के झटके महसूस हों, वैसे ही आप किसी मजबूत टेबल के नीचे बैठ जाएं और कस कर पकड़ लें।
2. जब तक झटके जारी रहें या आप सुनिश्चित न कर लें कि आप सुरक्षित ढंग से बाहर निकल सकते हैं, तब तक एक ही जगह बैठे रहें।

3. अगर आप ऊंची इमारत में रहते हैं तो खिड़की से दूर रहें।
4. अगर आप बिस्‍तर पर हैं तो वहीं रहें और उसे कसकर पकड़ लें. अपने सिर पर तकिया रख लें।
5. अगर आप बाहर हैं तो किसी खाली स्‍थान पर चले जाएं… यानी बिल्डिंग, मकान, पेड़, बिजली के खंभों से दूर।
6. अगर आप कार चला रहे हैं तो कार धीमी करें और एक खाली स्‍थान पर ले जाकर पार्क कर दें। तब तक कार में बैठे रहें, जबतक झटके खत्‍म नहीं हो जाएं।
7. अगर आप बाहर, सड़क पर या बाजार में हो तो पास में मैदान या खुली जगह में पहुंच जाएं।
8. ऊंची बिल्डिंगों के करीब न रहें और उनसे दूर चले जाएं।
9. अगर आप कहीं अंदर फंस गए हैं तो दौड़ें नहीं, इससे और तेज झटके लग सकते हैं।
10. पेड़ों से और बिजली के तारों से दूर रहने की कोशिश करें।

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