डॉ. मां का सपना रह गया अधूरा

कोरोना का कहर: डॉ. मां का सपना रह गया अधूरा, बेटी को लिखा ये लास्ट मैसेज

997 0

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के बीच अमेरिका से एक ऐसी ही दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। मेडिकल प्रोफशेनल से जुड़ी मां जो कि लगातार कोरोना के मरीजों का इलाज कर रही थी। इसके बाद उसे कोरोना हो गया। डॉक्टरों के काफी प्रयास के बाद उसे बचाया नहीं जा सका, लेकिन मौत से पहले अपनी बेटी को एक अंतिम मैसेज किया। जिसे पढ़कर किसी का भी दिल ही पसीज जाएगा।

जानें क्या है पूरा मामला?

इस महिला डॉक्टर का नाम माधवी अया था। वह पहले इंडिया में डॉक्टर थीं। बाद में वह यूएस शिफ्ट हो गईं। 61 साल की माधवी वहां बतौर फिजिशियन असिस्टेंट काम करती थीं। वह ब्रुकलिन के Woodhull Medical Center में काम करती थीं। अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में उनकी ड्यूटी थी। यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का ट्रीटमेंट किया जा रहा था। 18 मार्च को माधवी अया को भी कोरोना से संक्रमित पाया गया।

सिर्फ सर्जिकल मास्क दिया गया था

हैरान करने वाली बात तो ये है कि अस्पताल की ओर से उन्हें सिर्फ सर्जिकल मास्‍क दिया गया था। बता दें कि अमेरिका में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण डॉक्टर्स और नर्सों के पास बचने के लिए भी सुविधाएं नहीं हैं। इसके बाद माधवी को लॉन्ग आइलैंड ज्यूश मेडिकल सेंटर भेज दिया गया। जहां 11 दिनों बाद उनकी मौत हो गई।

जमातियों से मिल रही धमकी पर भड़कीं बबीता फोगाट, बोलीं- मैं जायरा वसीम नहीं

अस्पताल माधवी के घर से महज तीन किलोमीटर दूर था, कोई भी नहीं मिल पाया

माधवी का जिस अस्पताल में इलाज चल रहा था। वह उनके घर से महज 3 किलोमीटर दूर था, लेकिन फिर भी उनसे कोई नहीं मिल पाया। डॉक्टर्स ने माधवी के परिवार के किसी सदस्य को उनसे नहीं मिलने दिया। वह दिल की मरीज थीं। इसके कारण उनकी हालात बेहद खराब थी। उनकी बेटी मिन्नोली ने उन्हें कुछ दिनों पहले मैसेज किया था। मिन्नोली डॉक्टर की पढ़ाई कर रही हैं। मां-बेटी के इस मैसेज का स्क्रीनशॉट काफी वायरल हो रहा है। माधवी के पति राज कहते हैं कि वह हमेशा हर दिक्कत में परिवार के साथ खड़ी रही, लेकिन जब वह बीमार हुई तो हम उसका साथ न दे पाया।

यह था वो मैसेज

इस मैसेज में माधवी ने अपनी इकलौती बेटी को लिखा है कि वो उससे बहुत प्यार करती हैं और जल्द ही वापस आएंगी।

मां मुझे डॉक्टर बनते देखना चाहती थीं

मिन्नोली बताती है कि उसने कभी नहीं सोचा था कि इतनी जल्‍दी मां छोड़कर चली जाएगी। मिन्‍नोली कहती हैं कि मुझे यकीन नहीं हुआ कि अब मां हमारे साथ नहीं है। इसलिए मैं मैसेज करती रही, खुद को ये दिलासा देने के लिए कि ये सच नहीं है। मां को और जीना था! मुझे ग्रेजुएट होते देखना था। मैं डॉक्टर बनती। मेरी शादी होती, बच्चे होते। दूसरों का इलाज करते-करते उन्हें भी कोरोना हो गया और वह भी चल बसी। ऐसे बहुत से डॉक्टर्स और नर्सें लोगों का ध्यान रखते-रखते, कोरोना से लड़ते-लड़ते दुनिया से अलविदा कह चुके हैं। उनके काम को सलाम, उन्हें सलाम, उन्हें शत-शत नमन, जिन्होंने अपनी परवाह किए बिना हम लोगों के लिए अपनी जान दे दी।

Related Post

CM Vishnudev Sai

सीएम साय ने मां दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की

Posted by - March 8, 2024 0
दंतेवाड़ा। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (CM Vishnudev Sai) ने अपने एक दिवसीय दंतेवाड़ा प्रवास पर आज शुक्रवार को बस्तर…
जियो ने चुकाए 195 करोड़

जियो ने चुकाए 195 करोड़, वोडा-आइडिया और एयरटेल को चुकाने हैं 88,624 करोड़ रुपये

Posted by - January 23, 2020 0
नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनियों के लिए 1.47 लाख करोड़ रुपये के समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) के भुगतान की समय सीमा…