नई दिल्ली। देश में फैले कोरोना को लेकर लोगों और कारोबार जगत को राहत देने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही राहत पैकज देगी। इसके साथ ही सरकार ने टैक्स संबंधी कई मसलों के अनुपालन के लिए समय 31 मार्च से बढ़ाकर जून अंत तक कर दिया है। आधार-पैन लिंक का समय भी बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया है।
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वित्त वर्ष 2018-19 के लिए आईटी रिटर्न की सीमा बढ़ाकर 30 जून तक कर दी गई
यह जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2018—19 के लिए आईटी रिटर्न की सीमा बढ़ाकर 30 जून तक कर दी गई है। इस पर ब्याज दर में भी कमी की गई है। वित्त मंत्री ने बताया कि जीएसटी फाइलिंग डेट को भी आगे बढ़ाकर 30 जून किया गया ताकि छोटे एवं मध्यम कारोबारियों को राहत मिल सके। इसी तरह विवाद से विश्वास स्कीम का समय भी बढ़ाकर जून तक कर दिया गया है।
वित्त मंत्री के प्रमुख ऐलान
- विवाद से विश्वास तक स्कीम 30 जून तक बढ़ाई गई।
- TDS पर ब्याज 18 प्रतिशत की जगह 9 प्रतिशत लगेगा।
- मार्च, अप्रैल, मई का जीएसटी रिटर्न भरने की तारीख भी 30 जून तक बढाई गई।
- आधार-पैन लिंक की आखिरी तारीख को 30 जून 2020 तक किया गया। यह भी पहले 31 मार्च तक थी।
- इनकम टैक्स रिटर्न की तारीख (2018-19) को बढ़ाकर 30 जून तक किया गया।
- रिटर्न में देरी पर 12 की जगह 9 प्रतिशत चार्ज।
- कोरोना वायरस से जुड़े कार्यों में अब CSR का फंड दिया जा सकता है। यानी यह फंड अब कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में इस्तेमाल किया जाएगा।
- कॉर्पोरेट को राहत देते हुए यह कहा गया कि बोर्ड बैठक 60 दिनों के लिए टाला जा सकता है। यह राहत फिलहाल अगली दो तिमाही के लिए है।
- 5 करोड़ तक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए जीएसटी रिटर्न फाइल करने में देरी पर फिलहाल जुर्माना नहीं।
वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 30 जून
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 30 जून होगी। पहले इसकी आखिरी तारीख 31 मार्च थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 30 जून 2020 तक कर दिया है। देर से रिटर्न फाइल करने पर लगने वाला ब्याज भी घटा दिया गया है। पहले इस पर 12 फीसदी ब्याज देना पड़ता था जिसे घटाकर अब 9 फीसदी कर दिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि कस्टम्स क्लीयरेंस से जुड़े मामलों का निपटान 30 जून 2020 तक 24 घंटे किया जाएगा।
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निर्मला सीतारमण ने कहा कि सबका विश्वास स्कीम की डेडलाइन भी बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी गई है। इसके तहत इनडायरेक्ट टैक्स से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जाता है।
GST रिटर्न फाइल करने पर कोई पेनाल्टी या लेट फीस नहीं देना होगा
वित्त मंत्री ने कहा कि कहा कि जिन कंपनियों का टर्नओवर 5 करोड़ रुपए से कम होगा उन्हें देर से GST रिटर्न फाइल करने पर कोई पेनाल्टी या लेट फीस नहीं देना होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मार्च, अप्रैल और मई 2020 के लिए GST रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख भी बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दी गई है। इन तीनों महीनों के लिए तारीख अलग-अलग हो सकती है लेकिन इन सबकी डेडलाइन जून के अंत तक खत्म हो जाएगी।
देश में रहने की सीमा पर राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि किसी कंपनी का डायरेक्टर अगर मिनिमम रेजिडेंसी की शर्त को नहीं मानता है तो उसे नियमों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। उन्होंने बताया कि किसी डायरेक्टर के लिए देश में कम से कम 182 दिन रहना पड़ता था,लेकिन अब वो ऐसा नहीं कर पाते हैं तो उसे नियमों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा। इसी तरह कंपनी ऑडिटर्स की रिपोर्ट आर्डर 2020 में जो पहले फिस्कल ईयर 2019-20 में आने वाली थी अब इसे फिस्कल ईयर 2020-21 के लिए टाल दिया गया है।
कंपनियों को बोर्ड मीटिंग के लिए मोहलत, फाइनेंशियल इमरजेंसी लगाने का प्लान नहीं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कंपनियों की बोर्ड मीटिंग को अगली दो तिमाहियों तक 60 दिनों की मोहलत दी गई है। फाइनेंस मिनिस्टर ने कहा कि अभी फाइनेंशियल इमरजेंसी लगाने का प्लान नहीं है, जैसा कुछ रिपोर्ट दावा कर रहे हैं।