अलीगढ़। उत्तर प्रदेश के भूतपूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिहं की पुण्यतिथि व तृतीय हिंदू गौरव दिवस के अवसर पर अलीगढ़ में धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। गुरुवार को उन्होंने कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और उनके सहयोगी दलों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि कानून पर सवाल उठाने वालों का डरना स्वभाविक है क्योंकि उनकी पार्टियां अपराधियों से भरी पड़ी है। राममंदिर आंदोलन के दौरान कल्याण सिंह द्वारा रामभक्तों पर गोली चलाने के आदेश पर हस्ताक्षर न करने और सत्ता से त्यागपत्र दे देने और केजरीवाल के भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाने के बाद भी सत्ता न छोड़ने का उदाहरण देते हुए प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने कांग्रेस व विपक्ष की नैतिकता पर सवाल उठाया। उन्होंने कल्याण सिंह को याद करते हुए कहा कि कल्याण सिंह केवल एक व्यक्ति या नेता नहीं बल्कि एक विचार व अनुष्ठान थे। इस अवसर पर वरिष्ठ भाजपा नेत्री उमा भारती, कलराज मिश्र, प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी तथा राजवीर सिंह ने कल्याण सिंह को याद करते हुए उन्हें राष्ट्रवाद और सुराज की प्रेरणा बताया।
प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने अपनाया विपक्ष पर हमलावर रुख
धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने कहा कल पार्लियामेंट में एक कानून ज्वॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी के आगे रखा गया। उस कानून में कहा गया कि देश के प्रधानमंत्री, किसी भी प्रदेश के मुख्यमंत्री व मंत्री अगर जेल जाते हैं तो उनको 30 दिन के अंदर गद्दी छोड़ना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 11 वर्षों से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं और अगले एक दशक तक वही प्रधानमंत्री रहेंगे, इसके बावजूद उन्होंने कानून लाया कि चाहें पीएम हो, सीएम हो या कोई भी मंत्री हो उसे गिरफ्तारी के 30 दिन के अंदर गद्दी छोड़नी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह को भी 1991 में रामभक्तों पर गोली चलाने से मना करने की कीमत चुकानी पड़ी थी। ये कोई अपराध नहीं था बल्कि एक राष्ट्र गौरव के काम को उन्होंने आगे बढ़ाया। मगर केन्द्र में कॉन्ग्रेस पार्टी की सरकार ने कल्याण सिंह की सरकार को बर्खास्त कर दिया था।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी उन्होंने ऐसा किया। आज वह खुद प्रश्न उठा रही है कि क्यों उन्हें इस्तीफा देना पड़ेगा। प्रधान ने निशाना साधते हुए कहा कि कल कांग्रेस पार्टी के युवराज कह रहे थे कि मोदी जी मध्ययुगीन काला कानून लाना चाहते हैं। आपका डरना स्वभाविक है क्योंकि आपकी पार्टी में अपराधी हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या आपके सहयोगी अरविंद केजरीवाल उमा जैसे तिरंगा फहराने के लिए जेल गए थे? क्या केजरीवाल ने बाबूजी की तरह राष्ट्रवाद के लिए गद्दी छोड़ी थी? उन्होंने कहा कि नहीं, उन्हें तो भ्रष्टाचार में जेल जाना पड़ा था फिर भी उन्होंने गद्दी नहीं छोड़ी थी।
कल्याण सिंह के ही आदर्शों पर आग बढ़ रहा देश
धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने कहा कि कल्याण सिंह जी केवल एक व्यक्ति या नेता नहीं थे, एक विचार व अनुष्ठान थे। 2004 में बाबू जी जब लोकसभा सदस्य थे तब मैं भी पहली बार उनके साथ लोकसभा में आया था। संसदीय समिति में वह अध्यक्ष थे और मैंने बतौर सदस्य उनके साथ काम किया। उनका परिचय हिंदुत्व के नाते आज देशभर में है। इस दौरान राष्ट्रवाद और समरसतावाद दोनों के मिश्रण के व्यक्तित्व को नजदीक से देखने का अवसर मिला।
उन्होंने 90 के दशक में उत्तर प्रदेश में सुराज की स्थापना की थी उत्तर प्रदेश बेहाल था मगर जब वह लोगों के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बने तो राज्य में सुराज प्रतिष्ठित हुआ। उसी सुराज को और आदर्श को योगी आदित्यनाथ आगे बढ़ा रहे हैं। वह हिंदूवादी नेता तो थे ही मगर रामजन्मभूमि आंदोलन शायद इतना बड़ा और सफल उनके योगदान के बिना न हो पाता। प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के रूप में दिल्ली में तथा योगी आदित्यनाथ के रूप में यूपी में हम कल्याण सिंह के आदर्शों को ही आगे बढ़ा रहे और यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि है।
उमा भारती बोलीं, जल्द ही बदले शाहजहांपुर का भी नाम
कार्यक्रम में उमा भारती ने कहा कि आज कल्याण सिंह जी की स्मृति में हम इकट्ठा हुए और अच्छी-अच्छी खबरें सुनने को मिलीं। मेरी योगी जी से अपील है कि शांहजहांपुर का नाम भी दो-चार दिन में बदल डालिए। कोशिश कीजिए कि गुलामी की दौर की सारी यादें मिट जाएं। उन्होंने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि वह कहते हैं नाम में क्या रखा है, जिसका दिमाग ही गुलामी मानसिकता का हो वह क्या जानेगा कि नाम में क्या रखा है। नाम की महिमा वही समझेगा जिसमें राष्ट्रीय स्वाभिमान होगा। कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री बनते ही उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह से कंट्रोल में आई। उनके कार्यकाल के बाद सपा और बसपा के दौर में जो बर्बादी हुई है, भ्रष्टाचारियों और अपराधियों का जो गठजोड़ हुआ उसे अंत में नेस्तनाबूद कर रसातल में पहुंचाने का काम छोटे भाई और गुरु तुल्य योगी आदित्यनाथ ने किया है। उन्होंने कहा कि आज अपराधियों के दिल दहल जाते हैं और यह खुशी की बात है कि बाबूजी के कार्यकाल से चली आ रही परंपरा को योगी आदित्यनाथ ने आगे बढ़ाया। उन्होंने कल्याण सिंह को याद करते हुए कहा कि ये शीश भले कट जाए मगर आपकी मूंछ नीचे नहीं होने देंगे। वहीं, कलाराज मिश्र ने कल्याण सिंह को याद करते हुए कहा कि उनका नाम आते ही लगता है कि वह सामने बैठे हुए हैं। हम लोगों का बड़ा अभिन्न संबंध था जिसका वर्णन शब्दों में नहीं हो सकता।
कल्याण सिंह के नेतृत्व में ही पहली बार प्रदेश में बनी भाजपा की सरकार
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कल्याण सिंह के नेतृत्व में प्रदेश में पहली बार प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी थी। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव की फर्जी पीडिए का युग आने वाला नहीं है अखिलेश यादव केवल बांटने का काम करना जानते हैं। उन्होंने कल्याण सिंह को भारत रत्न सम्मान दिए जाने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि जलालाबाद का नाम बदल कर परशुनाम हो गया है तो अलीगढ़ का नाम बदलकर हरिगढ़ करने में देर नहीं होगी। साथ ही, उन्होंने कहा कि 2027 में भी भाजपा 2017 वाला निर्णय दोहराने जा रही है।
पूरे देश में बड़ी श्रद्धा से लिया जाता है कल्याण सिंह का नाम
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी कल्याण सिंह को याद करते हुए कहा कि पूज्य बाबूजी का नाम पूरे भारत में बड़ी श्रद्धा और विश्वास के साथ लिया जाता है। उन्होंने पूरे जीवन सनातन धर्म की पताका के लिए अपना सर्वस्व दांव पर लगाने का काम किया। इस अवसर पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कल्याण सिंह के योगदान को याद करते हुए कहा कि आज उन्हीं के आदर्शों पर चल कर आज बीजेपी लगातार प्रदेश की सरकार चला रही है। बीजेपी नेता राजवीर सिंह ने कल्याण सिंह के मूल्यों को याद करते हुए कहा कि वह राष्ट्रवाद की सच्ची प्रेरणा थे।