SC

कृषि कानूनों को लेकर बनाई गई कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी रिपोर्ट

926 0

ऩई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त की गई तीन सदस्यीय कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट जमा की। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस मामले का हल निकालने के लिए क़रीब 85 किसान संगठनों से बात की गई है।

 

किसान संगठनों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने के मकसद से सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जनवरी महीने में कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाने के साथ ही चार सदस्यों वाली एक कमेटी (Committee on Farm Laws) बनाई थी।

केंद्रीय कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की तरफ से बनाई तीन सदस्यों की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंप दी है। शेतकारी संगठन की महिला अध्यक्ष सीमा नरवणे का दावा है कि कमेटी ने 19 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के सामने सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंप दी थी। कमेटी की तरफ से इस मामले पर जल्दी ही प्रेस रिलीज भी जारी की जा सकती है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त की गई कमेटी में अनिल धनवत, अशोक गुलाटी और प्रमोद जोशी शामिल हैं।

इस रिपोर्ट को लेकर ये दावा किया जा रहा है कि कमेटी ने किसान संगठनों और कृषि मामलों के जानकारों से बात कर के ही अपनी रिपोर्ट तैयार की है और इस रिपोर्ट में संसद की तरफ से पारित किए गए कृषि कानूनों की समीक्षा की गई है। मालूम हो कि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर करीब 4 महीनों से किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) जारी है। तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर किसान नवंबर 2020 से गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

किसान आंदोलन के मुद्दे का हल निकालने के लिए बनाई गई थी ये कमेटी

किसान संगठनों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने के मकसद से सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी महीने में कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाने के साथ ही चार सदस्यों वाली एक कमेटी (Committee on Farm Bill) बनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अनिल घनवट के अलावा भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान, कृषि-अर्थशास्त्रियों अशोक गुलाटी और प्रमोद कुमार जोशी को इस समिति का सदस्य बनाया था लेकिन फिर बाद में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान ने कमिटी से नाम वापस ले लिया था।

दो महीने के भीतर कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सपने का दिया गया था निर्देश

ये तय किया गया था कि ये समिति कृषि कानूनों का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले किसानों का पक्ष सुनकर दो महीने के भीतर कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस समिति का गठन इसलिए किया था ताकि कोर्ट को तीनों कृषि कानूनों पर एक निष्पक्ष राय मिल सके। कोर्ट ने कमेटी से इस बात पर राय मांगी थी कि तीनों कृषि कानूनों में कौन से प्रावधान किसानों के हित में है और कौन से नहीं। इसके बाद इस समिति ने अखबारों में एक विज्ञापन के जरिए तीनों कृषि कानूनों पर संबंधित लोगों की राय, टिप्पणी और सुझाव भी मांगे थे।

Related Post

CM Yogi

ट्रांसपोर्ट नगर हादसा: लोकबंधु अस्पताल पहुंचे सीएम योगी, कहा-पीड़ितों और उनके परिवार के साथ खड़ी है सरकार

Posted by - September 8, 2024 0
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में शनिवार को एक तीन मंजिला बिल्डिंग गिर गई थी। इस हादसे में एक…
CM Dhami

सीएम धामी ने सुनी पीएम मोदी के ‘मन की बात’, कहा- यह कार्यक्रम हम सभी को प्रेरणा देता है

Posted by - November 27, 2022 0
देहारादून/नई दिल्ली। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने रविवार को नई दिल्ली में  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की…
Anand Bardhan

जनता में ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूकता लाने हेतु यातायात पार्क तैयार: मुख्य सचिव

Posted by - May 30, 2025 0
देहरादून: मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन (Anand Bardhan) ने शुक्रवार को सचिवालय में देहरादून शहर की यातायात व्यवस्था को लेकर एकीकृत…
Uttarkashi Tunnel Rescue

Uttarkashi Tunnel Rescue: श्रमिकों के करीब पहुंचे रैट माइनर्स, सुरंग एक बाहर बढ़ी हलचल

Posted by - November 28, 2023 0
उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल (Uttarkashi Tunnel Rescue) में फंसे मजदूरों को निकालने की कोशिशें लगातार जारी हैं। रेस्क्यू…