Bundelkhand

बुंदेलखंड को केंद्र का वरदान

1306 0

झांसी स्थित क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान को अपग्रेड कर केंद्रीय संस्थान का दर्जा दिए जाने की घोषणा हो चुकी है। केंद्र सरकार के फैसले से बुंदेलखंड के विकास की उड़ान  के लिए एक और आसमान मिल गया है। केंद्र सरकार के इस निर्णय से क्षेत्र के किसानों को पर्याप्त लाभ होगा। संस्थान की मदद से  किसान इस सूखे क्षेत्र में औषधीय पौधों की खेती की ओर आकृष्ट होंगे।

 

ऑर्गेनिक खेती की ओर  उनका रुझान बढ़ेगा। इससे क्षेत्र से हो रहे पलायन पर विराम लग सकेगा। युवाओं के लिए भी रोजगार सृजन के नये रास्ते खुलेंगे। मतलब सरकार के एक प्रयोग से बहुमुखी लाभ होंगे। इसे बुंदेलखंड के लिए केंद्र सरकार के नववर्ष के तोहफे के तौर पर देखा जा सकता है। बुंदेलखंड को मिला केंद्रीय आयुर्वेद अनसंधान संस्थान, देश का पहला ऐसा संस्थान होगा जहां आयुर्वेदिक दवा बनाने के साथ साथ उसकी गुणवत्ता परीक्षण  का भी काम किया जायेगा। संस्थान में आयुर्वेद रिसर्च फार्मेसी भी शुरू होने वाली है, इसमें औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भी है।

 

आयुर्वेद फार्मेसी में दवाओं के विविध प्रकार चूर्ण, बटी, गुटी, टेबलेट, क्वाथ,तेल, घृत और अवलेह आदि बनाने की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही कच्ची औषधि से लेकर फाइनल प्रोडक्ट सभी के गुणवत्ता परीक्षण के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशाला भी संस्थान में बनायी गयी है। यह बताता है कि बुंदेलखंड औद्योगिक हब भी बनने जा रहा है। हथियारों के उत्पादन को हरी झंडी केंद्र सरकार पहले ही दे चुकी है।

 

आयुर्वेद फार्मेसी और औषधि परीक्षण प्रयोगशाला के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण हो चुका है। जल्द ही संस्थान में 50 बेड की ओपीडी शुरू करने का केंद्र से आश्वासन मिल चुका है। अगर ऐसा होता है तो  झांसी और आस पास के क्षेत्रों के लोगों को आयर्वेदिक उपचार की सुविधा आसानी से मुहैया हो सकेगी। कोरोना काल में आयुर्वेद उपचार पद्धति को अपनाने को लेकर सरकार और लोगों के बढ़े रुझान को देखते हुए संस्थान में शुरू होने वाली यह सुविधा बेहद महत्वपूर्ण होगी, इस बात को नकारा नहीं जा सकता।

 

संस्थान में आयुर्वेदिक दवाओं को रिसर्च के हिसाब से तैयार किया गया है। इसके बाद इन दवाओं को क्नीनिकल टेस्ट के लिए भेजा जायेगा। क्लीनिकल टेस्ट के बाद इन दवाओं के आमजन के इस्तेमाल में आने की संभावना काफी बढ़ जायेगी। इस पहल से आयुर्वेदिक दवाओं के अनुसंधान में तेजी आयेगी। साथ ही आयुर्वेद का प्रचार प्रसार भी बढेगा। इसके अलावा संस्थान में राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड आयुष मंत्रालय केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित परियोजना चल रही है जिसके तहत देश के विभिन्न एग्रो क्लामेट जोंस में स्थित केंद्रीय आयर्वेद विज्ञान अनुसंधान परिषद  के संस्थानों द्वारा भेजी जाने वाली कच्ची औषधि सेंपलों का संग्रहण केंद्र के रूप में स्थापित किया जायेगा। इसे राष्ट्रीय मानक औषध संग्रहालय का नाम दिया गया है। यहां अधिकृत ड्रग रॉ मटीरियल के बारे में प्रशिक्षण और विस्तृत जानकारी भी दी जायेगी ।

खाना खाने के बाद जरूर खाएं एक टुकड़ा गुड़, जानें फायदे

 

इस परियोजना से आम लोगों को आयुर्वेदिक कच्ची औषधियों के बारे में सटीक और विस्तृत जानकारी दी जायेगी जो औषधीय पौधों पर शोधकार्य करने वाले शोधार्थियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होगी। संस्थान में कच्ची औषधि द्रव्य संग्रहालय और औषधीय पौधों का गार्डन भी आयुर्वेद पढ़ने वाले छात्रों और शोधार्थियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

 

संस्थान में माइक्रो बायलॉजी लैब भी बनायी जा रही है जिसमें कच्ची औषधियों और फाइनल प्रोडक्ट की सुरक्षा तथा अन्य मापदंडों का आकलन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि लैब में करीब एक लाख औषधीय पेड़ पौधों का डाटा बेस मैनुअली और डिजिटली तैयार कर लिया गया है इसके माध्यम से यहां बुन्देलखंड में पाए जाने वाली अधिकांश औषधियों के बारे में पूरी जानकारी दी जा सकेगी।

 

इस लिहाज से देखा जाए तो यह अनुसंधान संस्थान बुन्देलखंड के लिए भविष्य में वरदान सिद्ध होगा, जिससे हर्बल खेती करने वाले किसानों को खास लाभ मिलेगा। किसानों को अपनी जड़ी बूटियों को विक्रय करने का भी उचित स्थान उपलब्ध हो जाएगा। यही नहीं इसी के साथ ही नौजवानों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। केंद्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान बुंदेलखंड क्षेत्र के साथ ही संपूर्ण देश के लिए एक वरदान साबित होगा, यहां औषधि प्लांट एकत्र करने का अवसर मिलेगा, आज हमारे पास दो लाख वनस्पति औषधि का रिकॉर्ड है यह मैनुअल व डिजिटल स्वरूप में है जो सैकड़ों साल सुरक्षित व संरक्षित रहेगा।

 

कोरोना काल में  लगभग 100 देशों ने भारत से काढ़ा समेत प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले आयुष पदार्थ मंगवाए हैं। केंद्र सरकार भी नए-नए क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान खोल रही है ताकि, क्षेत्रीय औषधियों पर शोध किया जा सके। देखा जाए तो प्रदेश में लगभग 1100 आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति की जा चुकी है तथा वैलनेस सेंटर भी बन गए हैं जहां आयुर्वेद को बढ़ावा मिलेगा लोगों में आयुर्वेद के प्रति रुझान भी पैदा होगा। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के समवेत सहयोग के बिना बुंदेल खंड का विकास संभव नहीं है और जिस तेजी से यहां विकास हो रहा है, उसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता।

Related Post

CM Nayab Singh Saini

गुरुग्राम में सफाई व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश, अगले माह फिर होगी समीक्षा

Posted by - December 12, 2024 0
चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (CM Nayab Singh Saini) ने गुरुग्राम में सफाई व्यवस्था को लेकर संबंधित अधिकारियों…

उत्तराखंड के नए CM के लिए निशंक ने सुझाया चन्द्रशेखर उपाध्याय का नाम

Posted by - July 3, 2021 0
प्रदेश में राजनीतिक पटल पर ताजातरीन खबरों में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे की खबर प्रमुख है। जिसके चलते…
IMA Commandant met Governor Gurmeet Singh

आईएमए कमांडेंट ने राज्यपाल गुरमीत सिंह से की भेंट

Posted by - March 26, 2024 0
देहरादून। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) (Governor Gurmeet Singh) से मंगलवार को राजभवन में आईएमए देहरादून के कमांडेंट लेफ्टिनेंट…
आशुतोष टंडन

जन विश्वास जीतते हुये सीवर नेटवर्क संबंधी शिकायतों जल्द हो निस्तारण: आशुतोष टंडन

Posted by - January 30, 2020 0
लखनऊ। यूपी के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने गुरुवार को सीवेज ट्रीटमेंट प्रणाली, संबंधित इन्फ्रास्टेक्चर व सीवर नेटवर्क का…