10 दिन में बना कोरोना स्पेशल वेंटिलेटर

ब्रिटिश कंपनी ने सिर्फ 10 दिन में बना दिया कोरोना स्पेशल वेंटिलेटर

645 0

नई दिल्ली। ब्रिटिश टेक्नोलॉजी कंपनी Dyson ने कोरोना मरीजों के लिए खास वेंटिलेटर तैयार किया है। वह भी महज 10 दिनों में है। डायसन को ब्रिटेन की सरकार ने 10 हजार वेंटिलेटर बनाने का ऑर्डर भी दे दिया है।

कोवेंट वेंटिलेटर को कोरोना वायरस के मरीजों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया

डायसन के इस वेंटिलेटर का नाम CoVent रखा गया है। कोवेंट वेंटिलेटर को कोरोना वायरस के मरीजों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। बता दें कि वैक्यूम क्लिनर और हैंड ड्रायर बनाने वाली कंपनियों की लिस्ट में डायसन का नाम पहले पायदान पर है।

डायसन के वेंटिलेटर के फीचर्स की बात करें तो इसमें एक ऐसी डिवाइस लगी है, जो कृत्रिम फेफड़े का काम करती है

डायसन के वेंटिलेटर के फीचर्स की बात करें तो इसमें एक ऐसी डिवाइस लगी है, जो कृत्रिम फेफड़े का काम करती है। कोरोना संक्रमण की स्थिति में अभी तक इसी बात की पुष्टि हुई है कि यह वायरस इंसान के फेफड़े को पूरी तरह से जाम कर देता है, जिसके कारण शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह नहीं होता है। इसके अलावा कोरोना से संक्रमित होने पर कफ बहुत ज्यादा बनता है।

ब्रिटिश कंपनी ने सिर्फ 10 दिन में बना दिया कोरोना स्पेशल वेंटिलेटर

वेंटिलेटर में एक एंडोट्रैकल (ईटी) ट्यूब है जो कि वाइंड पाइप से कनेक्ट होता है और शरीर से कार्बन डाईऑक्साइड बाहर निकालता है

फेफड़ा ब्लॉक होने के कारण शरीर में न ऑक्सीजन जा पाता है और न ही कार्बन डाईऑक्साइड बाहर आता है। इस वेंटिलेटर में एक एंडोट्रैकल (ईटी) ट्यूब है जो कि वाइंड पाइप से कनेक्ट होता है और शरीर से कार्बन डाईऑक्साइड बाहर निकालता है।

सीधे शब्दों में कहें तो इस वेंटिलेटर में कृत्रिम फेफड़ा है

इससे मरीज को श्वसन प्रक्रिया में मदद मिलती है। सीधे शब्दों में कहें तो इस वेंटिलेटर में कृत्रिम फेफड़ा है। इस वेंटिलेटर का बड़ा फायदा है कि कोरोना के मरीज का इलाज करने के लिए डॉक्टर को किसी अन्य मशीन की जरूरत नहीं पड़ती है।

Related Post

आधुनिक प्रयोगशाला तकनीक

‘जिज्ञासा’ कार्यक्रम में आधुनिक प्रयोगशाला तकनीक से रूबरू हुए छात्र-छात्राएं

Posted by - February 12, 2020 0
नई दिल्ली। सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान ने ‘जिज्ञासा’ कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित ‘आधुनिक प्रयोगशाला तकनीकों’ पर तीन दिवसीय कार्यशाला का…