कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और महाराष्ट्र समेत देशभर के कई राज्यों में ब्लैक फंगस (म्यूकोर्मिकोसिस) (Black Fungus) कहर बनकर टूट रहा है। इन राज्यों में ब्लैक फंगस के केस काफी तेजी से बढ़ रहे हंै। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत म्यूकोर्मिकोसिस (Black Fungus) को महामारी घोषित करने की अपील की है। साथ ही इससे निपटने के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों में सभी सुविधाएं मजबूत करने को कहा है। तेलंगाना और राजस्थान ने तो इसे महामारी घोषित कर दिया है जबकि हरियाणा और तमिलनाडु ने इसे अधिसूचित रोग घोषित किया है।
उत्तर प्रदेश सरकार भी इसे लेकर अलर्ट मोड में है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को केंद्र सरकार से कहा है कि वह उन कदमों की जानकारी दे जो ब्लैक फंगस (Black Fungus) के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा के आयात के लिए उठाए जा रहे हैं। अदालत को बताया गया हैं कि इस समय दिल्ली में म्यूकरमाइकोसिस (Black Fungus) के करीब 200 मामले हैं।
कोरोना संक्रमण के बीच लोगों में एक तरफ जहां ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मामले बढ़ते दिखाई दे रहे हैं वहीं अब दूसरी तरफ कोरोना से ठीक होने के बाद मरीजों में ब्रेन फॉग के लक्षण भी दिखाई देने लगे हैं। ब्रेन फॉग से पीड़ित मरीज को अपने विचारों को व्यक्त करने या अपनी बात कहने में बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यहां तक कि बोलने के दौरान प्रवाह भी बाधित होता है। अंतरराष्ट्रीय ई-पत्रिका मेडरिक्सिव ने भी अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि कोविड-19 के करीब 58 फीसदी मरीजों में ब्रेन फॉग या मानसिक दुविधा के लक्षण दिखाई दिए।
महाराष्ट्र में ब्लैक फंगस (Black Fungus) से अब तक 90 लोगों की जान जा चुकी है। उत्तराखंड के एम्स ऋषिकेश में ब्लैक फंगस से एक और व्यक्ति की मौत हो गई। इसी के साथ वहां मृतकों का आंकड़ा 3 हो गया है। एम्स में बुधवार को ब्लैक फंगस के 4 नए मामले आए हैं। देखा जाए तो अभी तक उत्तराखंड के 46 मरीज मिल चुके हैं।
यूपी में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के बढ़ते मामलों के मद्देनजर राज्य सरकार लगातार अलर्ट मोड पर है। इस बीच, राजधानी में 24 घंटों के दौरान छह और मरीजों ने दम तोड़ दिया। इनमें चार मरीजों की मौत केजीएमयू व दो की मौत संजय गांधी पीजीआई में हुई है। शहर में आठ दिन में इस फंगस से 13 मरीजों की मौत हो चुकी है। चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि 24 घंटे में ब्लैक फंगस से संक्रमित 23 नये मरीज भर्ती किये गये। केजीएमयू में अब तक 73 मरीज भर्ती हो चुके हैं। दो मरीजों की सर्जरी की जा चुकी है। एक मरीज ठीक होकर घर जा चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को निर्देश दिये कि प्रदेश के सभी जिलों में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के उपचार की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहनी चाहिए। मेरठ व लखनऊ सहित जिन भी जिलों में इस संक्रमण के मरीज हैं, उन्हें प्रॉपर मेडिकल ट्रीटमेंट दिया जाये। ब्लैक फंगस (Black Fungus) के कारण एवं उपचार की विधि के संबंध में स्वास्थ्य विशेषज्ञों से संवाद स्थापित करते हुए सभी जरूरी दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाये। इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र भेजकर आवंटन बढ़ाने का अनुरोध किया जाये। मांग पत्र भेजते समय प्रदेश की कुल आबादी और मरीजों की संख्या को मद्देनजर रखा जाये।
मेरठ में बुधवार को ब्लैक फंगस (Black Fungus) के 19 नए मरीज मिले हैं, जबकि मेडिकल में दो लोगों की मौत हो गई। अब तक 73 मरीजों में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। प्रशासन के रिकॉर्ड में केवल 67 मरीज हैं। छह मरीज अभी रजिस्टर्ड नहीं हुए हैं। आनंद अस्पताल के चिकित्सक डॉ. पुनीत भार्गव ने बताया कि उनकी ओपीडी में बुधवार को ब्लैक फंगस (Black Fungus) के तीन मरीज आए, ये बिजनौर, सहारनपुर और मेरठ के रहने वाले हैं। इन्हें अभी भर्ती नहीं किया गया है। इन्हें जांच के लिए लिखा है। एक अन्य महिला मरीज सरोज की आंख का आॅपरेशन किया है। वह कोविड मरीज थीं। उनकी आंखों की रोशनी जा सकती थी, जिन्हें आॅपरेशन के बाद बचा लिया गया है। मेडिकल के कोविड प्रभारी डॉ. धीरज राज ने बताया कि ब्लैक फंगस के दो नए मरीज आए हैं। अब तक मेडिकल में 28 मरीज भर्ती हुए हैं। फिलहाल १९ का इलाज चल रहा है। बुधवार को दो लोगों की मौत हुई है। इनके नाम प्रदीप व श्याम सिंह हैं। वे निजी अस्पताल से आए थे। मेरठके मेडिकल कॉलेज में 28, आनंद अस्पताल में 10, ईएनटी अस्पताल में 7 ,न्यूटिमा में 7, मेरठ किडनी अस्पताल में 4,लोकप्रिय में 3 केएमसी में 2, होली फैमिली, होप, साईं अस्पताल, सिरोही, सुभारती और विजन केयर अस्पताल में एक-एक मरीज भर्ती हुए। इनमें से कुछ की छुट्टी हो गई और कुछ की मौत हो चुकी है।