Babul Supriyo

बंगाल चुनाव में बाबुल सुप्रियो भी उम्मीदवार, सांसद-अभिनेता को भी टिकट

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नई दिल्ली । पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा का केंद्रीय मंत्री और सांसद बाबुल सुप्रियो Babul Supriyo को टालीगंज विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। उनके साथ कई सांसदों को इस बार बंगाल के चुनावी रण में उतारा है। भाजपा ने अभिनेता यश दास गुप्ता को भी उम्मीदवार बनाया है।

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यशदास गुप्ता ने बीजेपी ज्वाइन करने के बाद एक इंटरव्यू में कहा था कि वह पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने अंतिम निर्णय पार्टी पर छोड़ दिया है।  उन्होंने कहा कि अगर हम राज्य और देश में बदलाव लाना है तो ऐसे सिस्टम से बाहर रहकर कुछ भी नहीं कर सकते। दासगुप्ता ने कहा कि हमें सिस्टम में रहना ही होगा।

विधानसभा चुनाव के ठीक पहले भाजपा में शामिल होने के सवाल पर यश दासगुप्ता ने कहा था कि चुनाव में शामिल होने का यह सही समय है। अभिनेता से राजनेता बने यश दासगुप्ता ने कहा कि राज्य में बेरोजगारी है। उन्होंने कहा था कि मुझे लगता है, परिवर्तन लाने की पहल करने, राजनीति में शामिल होने का यह सही समय है।

भाजपा ने बंगाल चुनाव के चौथे चरण के लिए 36 उम्मीदवारों की सूची जारी की है।

ममता सरकार में मंत्री रह चुके वरिष्ठ नेता राजीब बनर्जी को डोम्जुर सीट से टिकट दिया गया है।

पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में चुनाव कराए जाने हैं। परिणाम 2 मई को जारी किए जाएंगे। यह भी दिलचस्प है कि बंगाल के इतिहास में पहली बार इतने विस्तृत चुनाव कार्यक्रम का एलान किया गया है।

पिछले चुनाव परिणाम

बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें हैं। पिछले चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शानदार प्रदर्शन किया था और दो तिहाई बहुमत के साथ ममता बनर्जी दोबारा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री बनी थीं।

पश्चिम बंगाल में होने विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों पूरे दमखम के साथ जुट गई है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बीच एक अध्ययन में बड़ा खुलासा हुआ है। अध्ययन में कहा है कि बंगाल के 37 फीसदी मौजूदा विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।

बता दें कि चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक पार्टियों के बीच फिल्मी सितारों को अपने-अपने पक्ष में करने की होड़ मची हुई है. कोई भी पार्टी पीछे नहीं रहना चाहती है। आम वोटर पर इसका कितना असर पड़ता है, इसके बारे में निश्चिंतता के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता है। इसके बावजूद चाहे वह तृणमूल हो या भाजपा, दोनों के बीच सितारों को गिरफ्त में लेने की होड़ मची हुई है।

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