सचिन तेंदुलकर

रवि शास्‍त्री की एक सलाह ने सचिन तेंदुलकर बना दिया ‘क्रिकेट का भगवान’

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नई दिल्‍ली। भारतीय क्रिकेट को पूरी तरह से बदलने वाले सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि कि उनका करियर रवि शास्‍त्री की एक सलाह की वजह से बदला है।

सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर के दौरान कई रिकॉर्ड्स बनाए और तोड़े

क्रिकेट का भगवान कहे जाने वाले सचिन ने अपने करियर के दौरान कई रिकॉर्ड्स बनाए और तोड़े हैं। हालांकि दो दशक से भी अधिक समय क्रिकेट के मैदान पर गुजारने वाले सचिन के करियर में भी एक समय ऐसा आया था, जब वह टीम में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

जब सचिन तेंदुलकर ने इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा, तो उस समय 1989 में पाकिस्‍तानी गेंदबाजों का था कोहराम

बता दें कि जब सचिन तेंदुलकर ने इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा, तो उस समय 1989 में पाकिस्‍तानी गेंदबाजों का कोहराम था। भारत का ये दिग्‍गज खिलाड़ी अपने पहले ही मैच में वसीम अकरम और वकार युनूस जैसे गेंदबाजों का सामना किया था। 16 साल के सचिन को उस समय पाकिस्‍तान के तेज अटैक के वार को अपने शरीर पर भी सहना पड़ा और वह अपने डेब्‍यू मैच में सिर्फ 15 रन ही बना पाए थे। सचिन ने खुलासा किया कि मैच के बाद वह टीम से खुद को बाहर होने का खतरा महसूस कर रहे थे। उन्‍हें लग रहा था कि यह उनका पहला और आखिरी मैच हो सकता है।

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मौजूदा कोच रवि शास्‍त्री की सलाह ने बदल दी जिंदगी

सचिन तेंदुलकर ने खुलासा किया उस समय मौजूदा कोच रवि शास्‍त्री की एक सलाह ने उनके लिए सब कुछ बदल दिया और फिर उन्‍होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा। स्‍काइ स्‍पोर्ट्स पर नासीर मीट्स सचिन के एपिसोड में मास्‍टर ब्‍लाटर ने यह बात कही है। नासीर से कहा कि उन्‍होंने अपना पहला टेस्‍ट इस तरह से खेला, जैसे वह स्‍कूल मैच खेल रहे हों। वसीम अकरम और वकार युनुस तेजी से गेंदबाजी कर रहे थे। वे लोग शॉर्ट बॉल फेंक रहे थे और उन्‍हें इस तरह का अनुभव नहीं था।

 टीम ने महसूस किया कि क्‍या हुआ है और उसके बाद शास्‍त्री उनसे बात करने आए

उन्होंने बताया कि इसीलिए पहला मैच अच्‍छा नहीं था। सचिन ने कहा कि वे वसीम और वकार की गति और उछाल से हार गए थे। सचिन ने बताया कि जब वह 15 रन पर आउट होकर लौट रहे थे तो उन्‍हें शर्मिंदगी महसूस हो रही थी। उन्‍हें लग रहा था कि उन्‍होंने क्‍या कर दिया, क्‍यों ऐसे खेलें?

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मास्‍टर ब्‍लास्‍टर ने बताया कि ड्रेसिंग रूम में जाने के बाद वे सीधे बाथरूम में चले गए और रोने लगे थे। इस दौरान वह सोच रहे थे कि वे इस स्‍तर पर मैच खेलने के लायक नहीं हैं। टीम ने महसूस किया कि क्‍या हुआ है और उसके बाद शास्‍त्री उनसे बात करने आए।

रवि शास्‍त्री ने सचिन को आधे घंटे क्रीज पर टिकने की दी सलाह

रवि शास्त्री ने कहा कि उन्‍होंने स्‍कूल मैच की तरह खेला। उन्होंने कहा कि वह दुनिया के बेहतरीन गेंदबाजों के खिलाफ खेल रहे थे और उन्‍हें उनका सम्‍मान करने की जरूरत है। इसके बाद सचिन ने शास्‍त्री को कहा कि वे उनकी गति के कारण आउट हो गए थे। तब शास्‍त्री ने उन्‍हें सलाह देते हुए कहा कि ऐसा होता रहता है। इसमें डरने की बात नहीं है। बस आपको करीब आधे घंटे क्रीज पर बिताने होंगे और फिर आप उनकी गति के हिसाब से तालमेल बैठा लेंगे।

सचिन के बताया कि अगले मैच में शास्‍त्री की ये सलाह मेरे काम आई। उन्‍होंने सोच लिया था कि वह स्‍कोरबोर्ड पर देखने की बजाय घड़ी की ओर देखेंगे। इसके साथ ही वह रन की चिंता नहीं करेंगे। इसके साथ आधे घंटे बल्‍लेबाजी करने के बाद उन्‍होंने खुद को सहज महसूस किया और फिर 59 रन बनाए। इसके बाद सब कुछ बदलना शुरू हो गया और वह क्रिकेट के भगवान कहे जाने लगे।

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