AK Sharma

अहिल्याबाई होल्कर के जीवन और कर्तव्य पथ से आज भी प्रेरणा मिलती: एके शर्मा

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा (AK Sharma) सोमवार को अपने एक दिवसीय दौरे पर जौनपुर जनपद पहुंचे और वहां पर बीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महन्त अवैद्यनाथ सभागार में आयोजित कार्यक्रमों बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। सर्वप्रथम उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का शुभारम्भ/लोकार्पण में लगी प्रदर्शनी का उद्घाटन एवं निरीक्षण किया। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों और शिक्षकों को सम्मानित किया तथा टैबलेट्स का वितरण किया और माननीय मुख्यमंत्री जी के उद्बोधन को सुना।

इसके पश्चात ए0के0 शर्मा (AK Sharma) ने पुण्यश्लोक अहिल्याबाई होल्कर जी की त्रिशताब्दी स्मृति अभियान के अंतर्गत आयोजित पंचायत प्रतिनिधि जिला सम्मेलन में भी बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग कर कार्यक्रम को सम्बोधित किया। उन्होंने अहिल्याबाई होल्कर जी की फोटो पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पितकर तथा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश की प्राचीन संस्कृति, ज्ञान-विज्ञान व आध्यत्म की बदौलत भारत विश्व गुरू कहलाता था। बीच के काल मुगलकाल और अंग्रेजी शासन के दौरान इसमें गिरावट आयी, लेकिन माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश अपने पुराने गौरव एवं वैभव को पुनः प्राप्त कर विश्वगुरू बनने जा रहा है। भारत के बारे में यह कहना कि यह देश सॉप-सपेरों, अनपढ़-गंवारों का था यह गलत है। शास्त्रों में लिखा है कि-’नहि कोउ अबुध, न लक्षण हीना’ शिक्षा में गिरावट के लिए हम सभी जिम्मेदार हैं न कि हमारी सांस्कृतिक परम्पराएं। हमने दुनिया को जीरो और दशमलव का महत्व बताया। अंग्रेजों के समय भारतीय संस्कृति, घरेलू उद्योग और यहां की अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया गया। हमें आपस में लड़ाया गया, ज्ञान-विज्ञान शिक्षा में आगे बढ़ने के बजाय, हम जाति-पांत में पड़ गए। गोस्वामी तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा में बहुत पहले ही पृथ्वी से सूर्य की दूरी को बता दिया था, जिसे आज वैज्ञानिक किलो मीटर में बताते हैं। उन्होंने हनुमान जी के प्रताप का बखान करते हुए कहा है कि ‘जुग सहस्र जोजन पर भानू’। ब्रिटिश अर्थशास्त्री अंगस मेडिसन ने भी अपनी किताब में लिखा है कि 1000 वर्ष पहले भारत की अर्थव्यवस्था दुनियां की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था थी। आजादी के बाद की सरकारों ने देश को सम्पन्न बनाने के लिए ठोस प्रयास नहीं किया।

ए0के0 शर्मा (AK Sharma) ने कहा कि प्राचीनकाल में हमारा देश सांस्कृतिक रूप से तथा ज्ञान-विज्ञान में बहुत ही समृद्ध था। नारी शक्ति को भारत में देवी के रूप में उच्च स्थान हासिल था। दुर्गासप्तशती में कहा गया है कि ‘देवी समस्ता तौ ज्ञान भेदा’ जिसमें देवी को ज्ञान और विद्या की अधिष्ठात्री माना गया है। लेकिन मुगलकाल में हमारे समाज में सती प्रथा, पर्दा प्रथा, बाल विवाह, जौहर प्रथा, विधवा विवाह न होना, विधवा को सम्पत्ति से बेदखल करना जैसी अनेकों बुराइयां और कुरीतियां आ गईं। इन बुराईयों को दूर करने के लिए अहिल्याबाई होल्कर जी का 31 मई, 1725 को महाराष्ट्र में प्रादुर्भाव हुआ। उन्होंने उस समय की अव्यवस्थाओं, बुराईयों और समाज की कमजोरियों को दूर करने का प्रयास किया। पति की मृत्यु के बाद विधवाओं को सम्पत्ति में अधिकार दिलाया। दुनिया में जब कहीं पर भी महिलाओं को अधिकार नहीं था उस समय अहिल्याबाई होल्कर जी ने हमारे में शासक बनी। उनका शासन व्यवस्था लोक कल्याणकारी राज्य की अवधारणा को स्थापित करता है।

उन्होंने जलाशय, बांध बनवायें, इंदौर जैसे नगर की स्थापना की। शिक्षा में भी उनका बहुत ही योगदान रहा। पहली बार हिल्याबाई होल्कर जी ने युद्ध के दौरान नष्ट हुई किसानों की फसल का मुआवजा दिलाने, सैनिकों की विधवाओं को आर्थिक मदद देने, आदिवासी क्षेत्रों व सुदूर ग्रामीण इलाकों में कुटीर उद्योग लगाने, मार्केटिंग की व्यवस्था करना, महिलाओं की सुरक्षा, लड़कियों का विवाह कराना आदि व्यवस्थाएं 800 वर्ष पहले अपने शासनकाल में करायी थीं। इसीलिए महाराज युधिष्ठिर और नल के साथ उन्हें भी पुण्यश्लोक कहा जाता है। सुशासन की प्रणेता और जनहित के कार्यों के कारण उन्हें लोकमाता की उपाधि मिली। उनके जीवन और कर्तव्य पथ से आज भी प्रेरणा मिलती है। उन्होंने देश की सांस्कृतिक विरासत को भी समृद्ध किया। मुगलकाल के दौरान जो हमारे सोमनाथ, काशीविश्वनाथ, द्वारिकाधीश मंदिरों को नष्ट किया गया था उन्होंने उनका जीर्णोद्धार कराया। अहिल्याबाई होल्कर जी समाज, शासन एवं सुशासन के लिए आदर्श स्वरूप हैं तथा त्याग, धर्म एवं सुशासन की प्रतिमूर्ति भी हैं।

उन्होंने (AK Sharma) कहा कि मोदीजी और योगी जी की शासन व्यवस्था पूरी तरह से लोक कल्याण को समर्पित है। गरीबों के कल्याण के लिए कार्य किया जा रहा। देश की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध किया जा रहा है। प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार एवं पुननिर्माण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी सांस्कृतिक धरोहरों का जितना नुकसान मुगलों ने नहीं किया उससे ज्यादा कांग्रेस ने किया। हम विभाजित थे, जाति-पांत में बटे थे, जिससे विदेशी अक्रांताओं ने हमारे ऊपर शासन किया और हमारी धरोहरों, सांस्कृतिक विरासत को नष्ट किया। इससे हम कमजोर हुए और जिसका फायदा दुश्मन ने उठाया। दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हम सभी को एकजुट रहना है।

मंत्री जी (AK Sharma) के जौनपुर पहुंचने पर खेता सराय, ताखा (चिरैयामोड़), शाहगंज में विधायक रमेश सिंह, जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह, स्थानीय जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी, कार्यकर्ता, शुभचिन्तकों एवं समर्थकों ने ढोल नगाड़ों के साथ माला पहनाकर व पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया।

कार्यक्रम में विधायक रमेश चंद्र मिश्र, आर.के. सिंह पटेल व रमेश सिंह, ब्रिजेश सिंह ‘प्रिंशु’, नगर पालिका परिषद जौनपुर की अध्यक्षा मती मनोरमा मौर्य, पुष्पराज सिंह, डॉ. अजय सिंह, सुशील मिश्रा, शिक्षक व ग्राम प्रधान एवं हजारों की संख्या में माताएं-बहने व क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।

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