Abhijita Gupta

अभिजीता ने कोरोनाकाल ने जीता सबका दिल, बनाया ये अनोखा रिकॉर्ड

2212 0

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण ने तो पूरी दुनिया के साथ ही देश लॉकडाउन लागू हो गया। इस बंदिश की वजह से हर कोई घरों में कैद होकर रह गया। खासकर बच्चों के स्कूल तो पूरी तरह बंद हो गए हैं, लेकिन बुन्देलखण्ड के झांसी की रहने वाली अभिजीता गुप्ता (Abhijita Gupta) ने लॉकडाउन में ही अपनी प्रतिभा का रिकॉर्ड कायम कर दिया है।

सात साल की मासूम अभिजीता गुप्ता (Abhijita Gupta) राष्ट्रकवि मैथिली शरण गुप्त और सियारामशरण गुप्त की पोती हैं। हाल ही में उसकी लिखी किताब ने लोगों का ध्यान खींचा है। इसके बाद उसे कई सारे अवॉर्डों से भी नवाजा जा चुका है।

लॉकडाउन के दौरान दूसरी कक्षा की छात्रा अभिजीता घर में टीवी और मोबाइल से दूर रहते हुए मन में उमड़ते ख्यालों को कॉपी में कविता के रूप में लिखना शुरू कर दिया। बच्ची की प्रतिभा देख उसकी मां अनुप्रिया ये देखकर हैरान थीं। अनुप्रिया इंजीनियर हैं और फेमिली बिजनेस भी देखती हैं। अभिजीता के पिता आशीष गुप्त चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। वे कहते हैं कि इकलौती बेटी ने 5 साल की उम्र में जब पहली बार कहानी लिखने की बात कही, तो परिवार में किसी को भी विश्वास नहीं हुआ।

चूंकि लॉकडाउन के दौरान अभिजीता स्कूल नहीं जा रही थी और पूरे दिन खाली रहती थी। इसी दौरान उसने लिखना शुरू किया। अभिजीता ने जो लिखा उसमें सकारात्मक दृष्टिकोण साफ दिखता है। जो किताब लिखी उसमें कोविड-19 महामारी और बच्चों पर इसके प्रभाव को केंद्रित किया गया है। किताब में कुल 10 कविताएं और 4 कहानियां हैं। यह देख सभी काफी खुश थे, लेकिन अंदाजा नहीं था कि उनकी यह मेहनत और प्रतिभा उसे वर्ल्ड रिकॉर्ड और ग्रैंड मास्टर के खिताब तक पहुंचा देगी।

कविताओं की किताब पर मिले अवॉर्ड

अभिजीता ने सकारात्मक सोच को बढ़ावा देते हुए ‘हैप्पीनेस ऑल अराउंड’ किताब लिखी। इसके लिए दिल्ली स्थित इंटरनेशनल बुक आफ रिकॉर्ड्स ने उन्हें यंगेस्ट ऑथर आफ स्टोरी एंड पोयट्री बुक का अवॉर्ड दिया। वहीं, फरीदाबाद की संस्था एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने ग्रैंड मास्टर इन राइटिंग के खिताब से नवाजा। अभिजीता को यह खिताब ऑक्सफोर्ड बुक स्टोर दिल्ली में आयोजित समारोह में प्रदान किया गया।

अभिजीता मूल रूप से बुन्देलखण्ड के झांसी की रहने वाली है। वर्तमान में वह इंदिरापुरम में अपने माता-पिता के साथ रह रही है। ‘हैप्पीनेस आल अराउंड’ किताब लिखने के बाद अभिजीता सबसे कम उम्र की लेखिका बन गई हैं। अभिजीता ने यह किताब महज 3 महीने में लिखी है।
अभिजीता की मां अनुप्रिया अपनी बच्ची के साहित्यिक हुनर को देख बेहद खुश हैं। वे कहती हैं कि मैं उस परिवार की बहू हूं जिस परिवार का साहित्य, सरोकार और और लेखन से गहरा नाता रहा है।

अभिजीता ने जब कॉपी के पन्नों पर अपने अंतर्मन के शब्दों से एक पूरी किताब को उकेर दिया तो मैं हैरान रह गई। अभिजीता ने जिस किताब को लिखा उसमें मुश्किल से एक या दो स्पेलिंग मिस्टेक थी। मैं उसकी लिखने की क्षमता देखकर हैरान हूं। उन्होंने बताया कि अभिजीता ने अपनी पहली कहानी ‘द एलिफेंट एडवाइज’ लिखी थी। उसकी पहली कविता का नाम ‘ए सनी डे’ है।

अभिजीता ने बताया कि ‘मेरे घर के भीतर सकारात्मक माहौल है। उसी पॉजीटिविटी के साथ में अपने विचारों को कॉपी पर उतारने की कोशिश करती हूं। अभिजीता को रस्किन बॉन्ड और सुधा मूर्ति के बारे में पढ़ना पसंद है। वह कहती हैं, हमें दादाजी और नानाजी के साथ अपने माता पिता से लगातार संवाद कर बौद्धिक ऊर्जा प्राप्त होती है। वे हमारी प्रेरणा हैं।

Related Post

राधा यादव

भारतीय स्पिनर राधा यादव चौके ने श्रीलंका को किया चित, पढ़ें टीम इंडिया तक का सफर

Posted by - February 29, 2020 0
नई दिल्ली। महिला वर्ल्ड टी-20 में भारतीय टीम का अजेय प्रदर्शन जारी है। जीत के रथ पर सवार टीम इंडिया…
CM BhajanLal

एग्जीबिशन में विंटेज कैमरा और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की तस्वीरें बनीं आकर्षण का केंद्र

Posted by - August 24, 2024 0
जयपुर। जवाहर कला केन्द्र और राजस्थान फोटो फेस्टिवल की सहभागिता में आयोजित इंटरनेशनल नज़र फोटो एग्जीबिशन का तीसरा संस्करण जयपुर वासियों…