CM Vishnudev Sai

समृद्ध और विकसित छत्तीसगढ़ की मजबूत नींव हैं महिला सशक्तिकरण: मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh Women Empowerment Model) के संकल्प को साकार करने की दिशा में बीते दो वर्षों के दौरान महिला सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर व्यापक और परिवर्तनकारी कार्य किए गए हैं।

इन प्रयासों ने छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय पटल पर एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित किया है। राज्य सरकार ने महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका और निर्णय क्षमता को अपनी नीतियों का मूल आधार बनाते हुए सामाजिक और आर्थिक बदलाव की एक नई दिशा तय की है।

छत्तीसगढ़ में महिला विकास की नई इबारत

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Chhattisgarh Women Empowerment Model) ने कहा है कि सरकार का स्पष्ट संकल्प है कि छत्तीसगढ़ की हर महिला आत्मनिर्भर, सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जिए। बीते दो वर्षों में महिला सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर जो योजनाएं और कार्यक्रम लागू किए गए हैं, वे एक समृद्ध और विकसित छत्तीसगढ़ की मजबूत नींव हैं। महिलाओं के स्वास्थ्य, आजीविका, सुरक्षा और सामाजिक भागीदारी को प्रत्येक नीति के केंद्र में रखकर योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

राज्य शासन की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना ने महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता को नई मजबूती दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 10 मार्च 2024 को वर्चुअली लॉन्च की गई इस योजना के तहत राज्य की लगभग 70 लाख विवाहित महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपये की प्रत्यक्ष सहायता दी जा रही है।

अब तक 22 किश्तों में 14,306 करोड़ 33 लाख रुपये की राशि महिलाओं के बैंक खातों में अंतरित की जा चुकी है। महिलाओं के पोषण, स्वास्थ्य और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए 5,500 करोड़ रुपये का प्रावधान इस बात का प्रमाण है कि महिला कल्याण राज्य की विकास यात्रा का केंद्र बिंदु है।

महिलाओं को रजिस्ट्री में छूट

महिलाओं को (Chhattisgarh Women Empowerment Model) संपत्ति में अधिकार दिलाने की दिशा में रजिस्ट्री शुल्क में 1 प्रतिशत की छूट जैसे निर्णयों ने उन्हें आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक रूप से भी सशक्त किया है। इसी क्रम में 368 महतारी सदनों के निर्माण की स्वीकृति दी गई है,

जहां महिलाओं को प्रशिक्षण, परामर्श, कौशल विकास और सहायक सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी। मितानिनों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय एवं प्रोत्साहन राशि का ऑनलाइन भुगतान शुरू कर शासन ने पारदर्शिता और सुशासन को और मजबूत किया है।

रेडी-टू-ईट का कार्य महिला समूहों को सौंपा

ग्रामीण और वंचित वर्ग की महिलाओं तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए स्व-सहायता समूहों को नए अवसर प्रदान किए गए हैं। बस्तर, दंतेवाड़ा, बलौदाबाजार, कोरबा, रायगढ़ और सूरजपुर जिलों में रेडी-टू-ईट का कार्य महिला समूहों को सौंपा गया है। इसके साथ ही 42,878 महिला समूहों को 12,946.65 लाख रुपये का रियायती ऋण उपलब्ध कराकर उन्हें आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाया गया है।

निर्माण श्रमिक परिवारों की महिलाओं और बेटियों के लिए मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना, सिलाई मशीन सहायता और दीदी ई-रिक्शा योजना जैसी पहलों से आजीविका के नए साधन उपलब्ध कराए गए हैं। मिनीमाता महतारी जतन योजना गर्भवती श्रमिक महिलाओं को स्वास्थ्य, पोषण और आर्थिक सुरक्षा का मजबूत आधार प्रदान कर रही है।

मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना

कन्याओं के विवाह में सहयोग के लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना को और सशक्त करते हुए सहायता राशि में से 35,000 रुपये सीधे कन्या के खाते में जमा करने का निर्णय लिया गया है। वर्ष 2024-25 में 8,000 कन्याओं के विवाह के लिए 40 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए एनआरएलएम के तहत लखपति दीदी और ड्रोन दीदी जैसी पहलों पर 800 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं, जो महिला उद्यमिता के नए आयाम स्थापित कर रही हैं।

महिला सुरक्षा के क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ ने कई ऐतिहासिक पहल की हैं। नवाबिहान योजना के माध्यम से घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को कानूनी, चिकित्सा और मनोसामाजिक सहायता दी जा रही है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बना है, जिसने सखी वन-स्टॉप सेंटर का डिजिटल संस्करण तैयार कर मानक प्रक्रिया लागू की है।

181 महिला हेल्पलाइन और डायल-112 के एकीकृत संचालन से संकट की स्थिति में त्वरित सहायता सुनिश्चित की जा रही है। वहीं सुखद सहारा योजना के तहत 2 लाख 18 हजार से अधिक विधवा और परित्यक्ता महिलाओं को प्रतिमाह 500 रुपये की सहायता दी जा रही है।

शिक्षा के लिए शुचिता योजना

किशोरियों के स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए शुचिता योजना के अंतर्गत 2,000 स्कूलों में नैपकिन वेंडिंग मशीनें स्थापित की गई हैं और 3 लाख से अधिक किशोरियों को स्वच्छता सामग्री प्रदान की गई है। हाई स्कूल छात्राओं को साइकिल वितरण के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

नवा रायपुर में 200 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यूनिटी मॉल महिला समूहों के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार से जोड़ने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। जशपुर जिले की आदिवासी महिलाओं द्वारा संचालित जशप्योर ब्रांड को वैश्विक पहचान दिलाने के प्रयास भी महिलाओं के लिए नए अवसर खोल रहे हैं।

महिला एवं बाल विकास विभाग को वर्ष 2025-26 में 8,245 करोड़ रुपये का बजट देकर राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि महिला कल्याण और सुरक्षा उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। बीते दो वर्षों में छत्तीसगढ़ में हुए ये परिवर्तन प्रमाणित करते हैं कि महिलाओं को केंद्र में रखकर किया गया।

विकास न केवल सुशासन की पहचान है, बल्कि एक प्रगतिशील समाज की मजबूत आधारशिला भी है। छत्तीसगढ़ आज महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में नई दिशा, नई उम्मीद और नए परिवर्तन का प्रतीक बनकर उभर रहा है।

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