Ramlala

धरा पर उतरे भास्कर, श्रीरामलला का किया सूर्य तिलक, भए प्रगट कृपाला की चौपाइयों से गूंज उठी अयोध्या

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अयोध्या । अयोध्या में रविवार की दोपहर ठीक 12 बजे एक अलौकिक और आध्यात्मिक क्षण का साक्षात्कार हुआ। रामलला (Ramlala) के जन्म के साथ ही चारों ओर “भए प्रगट कृपाला, दीन दयाला” की गूंज सुनाई देने लगी। यह पवित्र ध्वनि मानो समस्त सृष्टि को भक्ति के रंग में सराबोर कर रही थी। राम नाम का यह संनाद केवल कानों को ही नहीं, बल्कि हर भक्त के हृदय को स्पंदित कर रहा था। इसी बीच भगवान भास्कर स्वयं धरा पर अवतरित हुए और अपने आराध्य रामलला (Ramlala) का सूर्य तिलक करने का दैवीय संयोग रचा। सूर्य की किरणें चार मिनट तक रामलला के मस्तक को चूमती रहीं।

यह दृश्य इतना मनोरम था कि सूर्य और श्रीराम का यह मिलन प्रकृति और पुरुषोत्तम के बीच एक अनुपम संवाद सा प्रतीत हो रहा था। अयोध्या की पावन भूमि पर यह क्षण केवल एक घटना नहीं, बल्कि आस्था का महापर्व बन गया। देश-दुनिया में बैठे करोड़ों रामभक्तों ने हाथ जोड़े, श्रद्धा से भरी आंखों से इस चमत्कार को निहारा। टीवी स्क्रीन और आंखों के सामने यह दृश्य मानो त्रेता युग की झांकी प्रस्तुत कर रहा था। यह सूर्य तिलक रामलला (Ramlala) के प्रति ईश्वरीय कृपा का प्रतीक बना। भक्तों का मानना है कि यह दृश्य आने वाली पीढ़ियों को भी प्रभु राम के प्रति अटूट विश्वास का संदेश देगा।

रामनगरी में राम जन्मोत्सव की धूम पिछले आठ दिनों से थी। रामनवमी पर तो उल्लास चरम पर दिखा। भव्य मंदिर के दरवाजे भक्तों के लिए सुबह 6 बजे ही खोल दिये गए थे। सुबह 9:30 से 10:30 बजे तक श्री राम का अभिषेक चला। दूध, दही, घी, अष्टगंध व सरयू के जल से प्रभु का घंटों अभिषेक हुआ। इसके बाद श्रृंगार शुरू हो गया। भगवान को नवीन वस्त्र धारण कराए गए। रत्न जड़ित आभूषण व स्वर्ण मुकुट धारण कराया गया। इसके बाद 56 व्यंजनों का भोग लगा। तभी घड़ी की दोनों सुइयों एक ही जगह मिलन हुआ और घंटे-घड़ियालों की ध्वनि के बीच रामलला की आरती उतारी गई। उधर, सूर्य देव के तिलक करने का अभियान जारी रहा। आयोजन को हर घर व राम भक्त तक पहुंचाने के लिए लाइव टेलिकास्ट की व्यवस्था की गई थी।

पांच हजार से भी अधिक मंदिरों में रही धूम

रामनवमी पर दोपहर ठीक 12 बजे ही कनक भवन, दशरथ महल समेत पांच हजार अन्य मंदिरों में धूम रही। 12 बजे ही आरती हुई। कनक भवन में तो जन्म की बधाइयां गाई जा रही थीं। इस दौरान भक्त नाचते-झूमते दिखे। इसी तरह अन्य मंन्दिरों में दर्शन को पहुंचे श्रद्धालुओ के बीच उत्सव का नजारा दिखा।

रामपथ पर श्रद्धालुओं पर सरयू जल की वर्षा

दर्शन के लिए रामपथ और जन्मभूमि पथ पर जुटे श्रद्धालुओं पर ड्रोन की मदद से सरयू के जल का छिड़काव कराया गया। यह आध्यात्मिक रूप से भी काफी फलित माना जा रहा हैं। वहीं तेज धूप व लू को देखते हुए भी इसे उचित बताया गया।

सूर्य तिलक होते मुख्यमंत्री ने लिखा…

रामनवमी की बधाई देने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला (Ramlala) से सूर्य तिलक की तस्वीर सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफॉर्म पर डालते हुए लिखा “सकल सौभाग्यप्रद सर्वतोभद्र-निधि, सर्व, सर्वेश, सर्वाभिरामं।””शर्व-हृदि-कंज-मकरंद-मधुकर रुचिर-रूप, भूपालमणि नौमि रामं॥”सूर्यकुलभूषण प्रभु श्री रामलला के भव्य भाल पर अंकित यह स्वर्णिम ‘सूर्य तिलक’ सनातन राष्ट्र के हृदय में आस्था का अमर दीप प्रज्वलित कर रहा है। समूचे भारत को आत्मगौरव के उजास से आलोकित करता यह ‘सूर्य तिलक’ हमारी संस्कृति की दिव्यता और परंपराओं की पवित्रता की विराट अभिव्यक्ति है। यह सूर्य तिलक, ‘विकसित भारत-आत्मनिर्भर भारत’ के प्रत्येक संकल्प को अपनी दिव्य आभा से दीप्त करेगा।

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