Rural women will have direct access to the market

ग्रामीण महिलाओं की बाजार तक होगी सीधी पहुंच

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए ग्रामीण महिलाओं (Rural Women) को सीधे बाजार से जोड़कर उनकी आय बढ़ाकर आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। इसके तहत स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाएं खाद्य प्रसंस्करण, ब्रांडिंग और सीधी बिक्री से जुड़कर आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के निर्देश पर खाद्य प्रसंस्करण उद्यम में स्वयं सहायता समूह के जरिए महिलाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।

चलाए जा रहे 520 स्वयं सहायता समूह

इसके अंतर्गत वाराणसी, सुल्तानपुर और अलीगढ़ में 520 स्वयं सहायता समूह चलाए जा रहे हैं, जिसके जरिए प्रदेश में बड़े पैमाने पर ग्रामीण महिलाओं (Rural Women) की आय बढ़ रही है। यही नहीं अब बांदा में बड़ा केंद्र चलाने की तैयारी पूरी है। ग्रामीण महिलाओं को अभियान के जरिए बाजार से जोड़कर आर्थिक सशक्तिकरण का नया मॉडल प्रस्तुत किया गया है।

महिलाओं को कृषि उत्पादों की खरीद, प्रसंस्करण और मार्केटिंग में शामिल किया जा रहा है। इससे बिचौलियों पर निर्भरता पूरी तरह समाप्त हो गई है और महिलाओं को उत्पाद का उचित मूल्य मिल रहा है।

8 महीने में 34 लाख से अधिक का कारोबार

इस पहल के तहत चल रहे केंद्रों ने महज आठ महीनों में 34.58 लाख रुपये का राजस्व कमाया है, जिसमें से 27.32 लाख रुपये सीधे एसएचजी सदस्यों को मिले हैं। दाल और मसालों जैसे उत्पादों की मांग को देखते हुए इन महिलाओं की आय में निरंतर वृद्धि हो रही है। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) का लक्ष्य 15 लाख ग्रामीण परिवारों को लखपति दीदी पहल से जोड़कर उनकी सालाना आय एक लाख रुपये से अधिक करना है। इसके लिए महिलाओं को प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और बाजार से जोड़ने का काम किया जा रहा है।

कौशल प्रशिक्षण से बदल रहा जीवन

इस योजना के तहत महिलाओं को व्यवसाय प्रबंधन, वित्तीय साक्षरता और आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे वे न केवल अपने उत्पादों की बेहतर मार्केटिंग कर पा रही हैं, बल्कि समुदाय में नेतृत्व की भूमिका भी निभा रही हैं। इससे ग्रामीण महिलाओं के जीवन में काफी सकारात्मक बदलाव आ रहा है।

उन्नति दीदी अभियान ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने और उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल परिवारों की आय बढ़ रही है, बल्कि महिलाएं समाज में नई पहचान भी बना रही हैं।

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