Maha Kumbh

महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को महाशगुन : सौंपे गए 51 हजार तुलसी के पौधे

156 0

लखनऊ / प्रयागराज:  महाकुम्भ (Maha Kumbh) में ऐतिहासिक पहल के तहत देश-विदेश से आए संतों और श्रद्धालुओं को शगुन के रूप में 51 हजार तुलसी के पौधे भेंट किए गए। पहली बार आयोजित इस नवसृजित परंपरा के तहत कल्पवासियों और श्रद्धालुओं को तुलसी, केला और जौ भेंट किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) के निर्देश पर वन एवं पर्यावरण विभाग के सहयोग से बड़े हनुमान मंदिर-बाघंबरी मठ की तरफ से श्रद्धालुओं को यह अमिट निशानी सौंपी गई। इसमें प्रयागराज का मशहूर लाल अमरूद, नीम, बेल, तुलसी, आम के पौधे भी संतों और श्रद्धालुओं को दिए गए। जिसे विदेशी श्रद्धालु अपने साथ ले गए। अब भारत समेत रूस, जर्मनी, फ्रांस, इजरायल, इटली की पीढ़ियों के सामने महाकुम्भ (Maha Kumbh) का महाप्रसाद यादगार निशानी के तौर पर हमेशा मौजूद रहेगा।

विदेशी श्रद्धालुओं के लिए अमूल्य भेंट

डीएफओ प्रयागराज अरविंद कुमार यादव ने बताया कि रूस, जर्मनी, फ्रांस, इजरायल और इटली से आए श्रद्धालु यहां के अमरूद, बेल, आम और तुलसी के पौधों को अपने देश ले गए। जिससे यह महाकुम्भ (Maha Kumbh) पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा। सीएम योगी के विजन के तहत इस परंपरा को शुरू किया गया। जिसे अखाड़ों, महामंडलेश्वरों और संत समाज ने खूब सराहा।

पहली बार महाकुम्भ (Maha Kumbh) में श्रद्धालुओं को मिला अनोखा महाशगुन

सीएम योगी द्वारा सम्मानित सबसे कम उम्र के गंगा सेवक एवं पर्यावरणविद् मानस चिरविजय सांकृत्त्यायन ने कहा कि पहली बार महाकुम्भ में श्रद्धालुओं को अनोखा महाशगुन मिला है। इस नई परंपरा के तहत श्रद्धालुओं को तुलसी, केला और जौ का संगम भेंट किया गया। जिसे वे हमेशा यादगार के तौर पर सुरक्षित रख सकेंगे। साथ ही आने वाली पीढ़ियां भी हमेशा इसका आनंद लेती रहेंगी।

बड़े हनुमान मंदिर और बाघंबरी मठ से श्रद्धालुओं को विशेष प्रसाद

बड़े हनुमान मंदिर और बाघंबरी मठ से श्रद्धालुओं को विशेष प्रसाद दिया गया। श्रद्धालुओं को तुलसी, बेल, आम और लाल अमरूद के पौधे देकर एक अनोखी निशानी भेंट की गई। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की इस मुहिम से न केवल धार्मिक बल्कि पारिस्थितिक संतुलन को भी बल मिलेगा।

आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचेगा प्रयागराज का अमरूद और बेल का स्वाद

महाकुम्भ (Maha Kumbh) से मिली यह अनोखी भेंट आने वाले वर्षों तक भारत और विदेशों में श्रद्धालुओं की यादों में ताजा रहेगी। आने वाली पीढ़ियों तक प्रयागराज के अमरूद और बेल का स्वाद हमेशा पहुंचता रहेगा।
कल्पवासियों और संत समाज ने इस पहल की जमकर सराहना की है।

Related Post

बाराबंकी में भीषण सड़क हादसा, बस और ट्रक की टक्कर में 9 की मौत, कई घायल

Posted by - October 7, 2021 0
बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। हादसा एक टूरिस्ट बस और ट्रक…
yogi

ऑफिसर डेस्क प्रणाली से सचिवालय के कार्यों को नयी रफ्तार देगी योगी सरकार

Posted by - September 20, 2023 0
लखनऊ। योगी सरकार (Yogi Government) ने सचिवालय के कार्यों (Secretariat Work) में तेजी लाने, समयबद्ध निस्तारण और पारदर्शिता के लिए…
cremation ghat

लखनऊ के श्मशानों में कम पड़ रही जगह, दफनाएं गए बच्चों के शवों के ऊपर जलाया जा रहे दूसरे शव

Posted by - April 19, 2021 0
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में कोरोना संक्रमण की वजह से हालात बेहद भयावह हैं। अचानक श्मशान घाट पर बड़ी…