जयशंकर; पूर्वी लद्दाख में सभी इलाकों से सैनिकों को हटाना जरूरी

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सीमा पर शांति और स्थिरता को द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के लिए जरूरी बताते हुए भारत ने चीन से कहा है कि पूर्वी लद्दाख में सैनिकों की पूर्ण वापसी की योजना पर अमल के लिये यह जरूरी है कि टकराव वाले बाकी सभी इलाकों से सैनिकों को हटाया जाए। दोनों देशों ने  समय पर  अपने दृष्टिकोण साझा करने के लिए हॉटलाइन संपर्क तंत्र भी स्थापित करने पर सहमति जतायी है।
पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से सैनिकों और साजो-सामान को पीछे हटाने की प्रक्रिया पर सहमति के बाद पहले उच्च स्तरीय सम्पर्क के तहत बृहस्पतिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने टेलीफोन पर बात की थी। दोनों देशों की सेनाओं ने पिछले सप्ताह पैंगोंग सो झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारे से सैनिकों एवं हथियारों को पीछे हटाने का काम पूरा किया था।

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जयशंकर ने वांग से कहा कि द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिये सीमा पर शांति एवं स्थिरता जरूरी है। दोनों नेताओं ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा और भारत चीन संबंधों के सम्पूर्ण आयामों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।  विदेश मंत्री एस जयशंकर की उनके चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बृहस्पतिवार को 75 मिनट तक टेलीफोन पर हुई बातचीत का विवरण जारी करते हुए विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि चीन से कहा गया है कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर पिछले साल से गंभीर असर पड़ा है।
गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण सैन्य गतिरोध पिछले वर्ष 5 मई को शुरू हुआ था।

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मंत्रालय के अनुसार,   विदेश मंत्री ने कहा कि सीमा संबंधी प्रश्न को सुलझाने में समय लग सकता है लेकिन हिंसा होने, और शांति तथा सौहार्द बिगड़ने से संबंधों पर गंभीर असर पड़ेगा।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों मंत्री लगातार संपर्क में रहने और एक हॉटलाइन स्थापित करने पर सहमत हुए। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा,    वर्तमान स्थिति का अधिक समय तक जारी रहना किसी भी पक्ष के हित में नहीं है। इसलिये यह जरूरी है कि दोनों पक्ष बाकी मुद्दों के जल्द समाधन के लिये काम करें।

इसमें कहा गया है कि सैनिकों की पूर्ण वापसी की योजना पर अमल के लिये यह जरूरी है कि टकराव वाले बाकी सभी इलाकों से सैनिकों को हटाया जाए। इसके माध्यम से ही शांति एवं स्थिरता बहाल की जा सकती है और हमारे द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति के लिये स्थितियां बन सकती हैं।   बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा बृहस्पतिवार को देर रात जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि दोनों विदेश मंत्रियों ने  समय पर संवाद और विचारों के आदान प्रदान  के लिये हाटलाइन स्थापित करने पर सहमति व्यक्त की। वहीं, वांग ने कहा कि चीन और भारत को आपसी भरोसे के सही मार्ग का कड़ाई से पालन करना चाहिए और दोनों पड़ोसी देशों के बीच सहयोग होना चाहिए।

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