नई दिल्ली। नौसेना में पुरुष और महिला अधिकारियों के साथ समान व्यवहार किया जाए। इस बात पर जोर देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को बल में महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन को मंजूरी दे दी है।
देश की सेवा करने वाली महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने से इनकार करने पर न्याय को नुकसान होगा
न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली एक पीठ ने कहा कि देश की सेवा करने वाली महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने से इनकार करने पर न्याय को नुकसान होगा। पीठ ने कहा कि केंद्र द्वारा वैधानिक अवरोध हटा कर महिलाओं की भर्ती की अनुमति देने के बाद नौसेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान करने में लैंगिक भेदभाव नहीं किया जा सकता।
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जब एक बार महिला अधिकारियों की भर्ती के लिए वैधानिक अवरोध हटा दिया गया तो स्थायी कमीशन देने में पुरुष और महिलाओं के साथ समान व्यवहार हो
अदालत ने कहा कि जब एक बार महिला अधिकारियों की भर्ती के लिए वैधानिक अवरोध हटा दिया गया तो स्थायी कमीशन देने में पुरुष और महिलाओं के साथ समान व्यवहार होना चाहिए।