दिल्ली हिंसा

दिल्ली हिंसा : हाईकोर्ट बोला- भड़काऊ भाषणों देनेे वालों पर दर्ज हो एफआईआर

744 0

नई दिल्ली। संशोधित नागरिकता कानून(सीएए) को लेकर उत्तरपूर्वी दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में हिंसा भड़की। इसमें शामिल लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग करने वाली एक याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुुई। कोर्ट ने कहा कि अगर भड़काऊ भाषण देने पर एफआईआर दर्ज नहीं होगी तो ऐसे भाषण बढ़ते ही जाएंगे।

दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा 15 दिसंबर से 26 फरवरी आ गई और अभी तक कोई एफआईआर दर्ज क्यों नहीं हुई है?

दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा 15 दिसंबर से 26 फरवरी आ गई और अभी तक कोई एफआईआर दर्ज क्यों नहीं हुई है? कोर्ट ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह दिल्ली पुलिस कमिशनर को हमारी नाराजगी के बारे में बता दें। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि पुलिस को आखिर कितनी मौतों और नुकसान का इंतजार है? जनता की सुरक्षा पुलिस की ड्यूटी है। अदालत में इस मामले पर पांच घंटे के अंदर तीन बार सुनवाई हुई है।

सॉलिसीटर जनरल ने आगे कहा कि जहां तक कपिल मिश्रा के क्लिप की बात है तो इसमें जो सामग्री है उसका हिंसा की घटनाओं से सीधा कोई संबंध नहीं है

तीसरी बार जब अदालत की सुनवाई शुरू हुई तो सॉलिसीटर जनरल(एसजी) ने अदालत को बताया कि जहां तक दूसरे और तीसरे क्लिप की बात है। तो वह उनका अब भी परीक्षण चल रहा है। हमें सभी तरफ से सबूत मिले हैं। एसजी ने आगे कहा कि जहां तक कपिल मिश्रा के क्लिप की बात है तो इसमें जो सामग्री है उसका हिंसा की घटनाओं से सीधा कोई संबंध नहीं है।

दिल्ली हिंसा : सोनिया गांधी ने गृहमंत्री अमित शाह से मांगा इस्तीफा 

एसजी ने आगे कहा कि जहां तक बात एफआईआर की है तो यह गंभीर मामला है और हमें इसके लिए समय चाहिए

एसजी ने आगे कहा कि जहां तक बात एफआईआर की है तो यह गंभीर मामला है और हमें इसके लिए समय चाहिए। ताकि सभी सामग्रियों को देखा जा सके। हमें समझना होगा कि यह संवेदनशील मामला है। इस पर दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि कानून के अनुसार पुलिस अधिकारियों को मुझे रिपोर्ट करना चाहिए। हालांकि ऐसा कुछ नहीं हुआ। राहुल मेहरा ने आगे कहा कि मैंने कई बार पुलिस कमिश्नर को कोर्टरूम में कहा है कि मैं अदालत के एक अधिकारी की तरह बर्ताव करूंगा। पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट को तभी रिकॉर्ड में रखा जा सकता है जब यह मेरे दफ्तर से भेजा जाए।

सरकारी वकील ने आगे कहा कि मुझे कोई कारण नहीं दिखाई देता एफआईआर रजिस्टर न होने का

सरकारी वकील ने आगे कहा कि मुझे कोई कारण नहीं दिखाई देता एफआईआर रजिस्टर न होने का। यह हर किसी के खिलाफ दायर हो सकता है। अगर वह गलत साबित हों तो उसे रद्द भी किया जा सकता है। एसजी ने अदालत में एक आवेदन डाला कि भारत सरकार को भी इस याचिका में अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाए।

सीबीएसई परीक्षा का स्थायी समाधान निकाले: हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि 10वीं और 12वीं कक्षा के जिन छात्रों के बोर्ड परीक्षा केंद्र हिंसा से प्रभावित उत्तर पूर्वी दिल्ली में हैं उन्हें अगले 10-15 दिनों के लिए परीक्षाओं के कार्यक्रम के बारे में एक बार में बताया जाए न कि रोज-रोज के आधार पर। न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने कहा कि उत्तरपूर्वी दिल्ली में हालात खराब हो रहे हैं और वहां और मौतें हुई हैं, इसलिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को अगले 10-15 दिनों के लिए कोई फैसला लेने की जरूरत है।

हाईकोर्ट ने सीबीएसई को दीर्घकालीन योजना के बारे में निर्देशों के साथ सूचित करने के लिए कहा

हाईकोर्ट ने कहा कि उत्तरपूर्वी दिल्ली में हालात बिगड़ रहे हैं। आपको स्थिति शांत होने के लिए वक्त देना चाहिए। अदालत ने कहा कि आप सिर्फ कल या परसों के लिए फैसला नहीं कर सकते। अगले 10-15 दिनों के लिए फैसला लीजिए। बच्चों को परीक्षाओं के कार्यक्रम के बारे में जानने की जरूरत है। वे हर दिन, अगले दिन के लिए इंतजार नहीं कर सकते।  हाईकोर्ट ने सीबीएसई को दीर्घकालीन योजना के बारे में निर्देशों के साथ सूचित करने के लिए कहा है। कहा कि सभी विकल्पों पर विचार कीजिए, खासतौर से 12वीं कक्षा के संबंध में।

पुलिस से केवल परीक्षा केंद्रों की निगरानी करने की नहीं की जा सकती उम्मीद 

बता दें कि सीबीएसई ने बुधवार को कहा कि हिंसाग्रस्त उत्तरपूर्वी दिल्ली में 86 स्कूलों में परीक्षाएं टाल दी गई हैं, जिस पर अदालत ने यह निर्देश दिया। सीबीएसई ने अदालत को यह भी बताया कि गुरुवार को होने वाली परीक्षाओं के लिए शाम को फैसला लिया जाएगा। अदालत इस समाधान से सहमत नहीं हुई। अदालत का कहना है कि पुलिस से परीक्षा केंद्रों की निगरानी करने की उम्मीद नहीं की जा सकती क्योंकि उन्हें दंगा भी रोकना है।

अदालत पूर्वी दिल्ली में निजी स्कूल भाई परमानंद विद्या मंदिर और उसके 10वीं तथा 12वीं के कुछ छात्रों की याचिका पर कर रही है सुनवाई

अदालत ने कहा कि पुलिस पर पहले ही काफी दबाव है। कैसे वे केवल स्कूल की निगरानी करेंगे? क्या होगा, अगर कहीं अचानक दंगा हो जाए, तो पुलिस इस दुविधा में होगी कि स्कूल को छोड़कर जाए या नहीं। अदालत पूर्वी दिल्ली में निजी स्कूल भाई परमानंद विद्या मंदिर और उसके 10वीं तथा 12वीं के कुछ छात्रों की याचिका पर सुनवाई कर रही है। छात्रों ने कहा कि सीबीएसई द्वारा उन्हें आवंटित किए गए केंद्र उनके स्कूल से 16 किलोमीटर दूर और हिंसाग्रस्त इलाकों में से एक चंदू नगर-करावल नगर रोड पर है।

Related Post

CM Bhajanlal

राज्य की आर्थिक प्रगति को गति देने में एक मील का पत्थर साबित हो रहा है राइजिंग राजस्थान समिट: भजनलाल शर्मा

Posted by - July 20, 2025 0
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) ने राइजिंग राजस्थान समिट में हुए समझौतों (MoUs) की प्रगति की समीक्षा को लेकर…
lata mangeshkar

नाजुक हालत से घिरी लता मंगेशकर अब हैं पहले से बेहतर, परिवार वालों ने किया सभी को शुक्रिया

Posted by - November 13, 2019 0
बॉलीवुड डेस्क। स्वर कोकिला कही जाने वाली 90 वर्षीय गायिका लता मंगेशकर की दो दिनों से हालत काफी नाजुक थी।…
कांग्रेस

कांग्रेस का सुशील दांव ,राहुल गांधी ने उम्मीदवारों की सूची मुहर पर लगाई मुहर!

Posted by - April 20, 2019 0
नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने सभी सात सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों की सूची शनिवार को पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी…