65 लाख पेंशनधारकों को मिली बड़ी राहत, 45 दिन में निपटेंगे मामले

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केंद्र सरकार ने करीब 65 लाख पेंशनधारकों को बड़ी राहत प्रदान की है। देखने में आया है कि रिटायरमेंट के बाद कई लोगों को अपनी पेंशन व दूसरे वित्तीय लाभों के लिए कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं। कुछ ऐसे मामले होते हैं, जिनमें दस्तावेज पूरे न होने की बात कह कर सेवानिवृत कर्मचारी को परेशान किया जाता है। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया है।

अब किसी भी पेंशनधारक का मामला 45 दिन के भीतर निपटाया जाएगा। सभी मंत्रालय/विभाग/संगठन इस समय सीमा का कड़ाई से पालन करेंगे। कोई ऐसा केस, जो पारिवारिक पेंशनभोगी/सुपर-वरिष्ठ पेंशनभोगी (80 वर्ष और उससे अधिक आयु) से संबंधित है, तो उस स्थिति में शिकायत को हल करने की समय सीमा 30 दिन निर्धारित की गई है। प्रत्येक शिकायत का निपटारा मौजूदा नियमों के दायरे में किया जाएगा।

नियमों के दायरे से बाहर आने वाली शिकायत के मामले में, नियम की स्थिति को दर्शाते हुए एक स्पीकिंग ऑर्डर जारी होगा। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय का पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग अपने सेवानिवृत कर्मियों के पेंशन से जुड़ विवादों को समय पर निपटाने की कोशिश करता है। इसके बावजूद समय-समय पर कई तरह की शिकायतें मिलती रहती हैं।

मंत्रालय द्वारा पेंशनभोगियों की शिकायतों के समय पर और गुणात्मक तरीके से निपटारे के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाते हैं। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) ने केंद्र सरकार के सभी पेंशनभोगियों को किसी भी मंत्रालय/विभाग/संगठन से संबंधित अपनी शिकायतों को दर्ज कराने के लिए सिंगल विंडो इंटरफेस प्रदान किया है। यहां पर शिकायत दर्ज होने के बाद उसे अग्रेषित किया जाता है।

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दो साल पहले सीपीईएनजीआरएएम पोर्टल शुरू किया गया था। इसके माध्यम से शिकायत का बिना किसी देरी के निवारण करने के लिए संबंधित मंत्रालय/विभाग/संगठन के साथ ऑनलाइन संपर्क किया जाता है। यह प्रणाली शुरू करने का मकसद, पेंशनभोगियों की शिकायत निवारण प्रणाली का विस्तार उन लोगों तक आसान तरीके से पहुंचाना था, जो दूरदराज के क्षेत्रों में रह रहे हैं। उनके पास अपनी शिकायतों के पंजीकरण के लिए इंटरनेट आादि की उचित व्यवस्था नहीं है। कुछ ऐसे भी पेंशनर हैं जो ऑनलाइन तकनीक से परिचित नहीं हैं।

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