तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमित मरीजों से प्रदेश में भयावह स्थिति पैदा हो चुकी है। शासन-प्रशासन की कोशिशों को बावजूद कोरोना की चेन ब्रेक नहीं हो रही है। हर रोज हजारों मरीज संक्रमण की जद में आ रहे हैं। कोविड अस्पताल फुल हैं। इलाज के अभाव में आइसोलेशन के मरीज भी गंभीर हो रहे हैं। उन्हें ऑक्सीजन के लिए जूझना पड़ रहा है। राज्य में बुधवार सुबह 2,218 नए केस रिपोर्ट किए गए। इनमें करीब 200 मरीजों की स्थिति गंभीर है।
गंभीर मरीजों को अभी कमांड सेंटर से कॉल तक नहीं आई है। मंगलवार को भी 250 गंभीर मरीजों को बेड नहीं मिल सका था। ऐसे में इलाज की व्यवस्था चौपट है। अफसर कागजों पर रोजाना कोविड अस्पताल बनाकर सरकार को बरगला रहे हैं। वहीं आमजन में इलाज के लिए हाहाकार मचा हुआ है। होम आइसोलेशन के मरीजों के घर दवाएं नहीं पहुंच रही हैं। बाजार में भी संकट है। उधर, ऑक्सीजन प्लांटों पर सुबह से लेकर देर रात तक भीड़ जुटी रहती है। कई जगहों पर परेशान तीमारदार हंगामा कर रहे हैं।
एक नजर इन आंकड़ों पर
राज्य भर में वायरस का प्रकोप है। वहीं लखनऊ समेत 12 जनपद संक्रमण में टॉप पर हैं। राज्य में पिछले साल 11 सितंबर को सर्वाधिक मरीज 7,103 पाए गए थे। वहीं इस साल हर रोज नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। 14 अप्रैल को 20,510 मरीज पाए गए थे। 16 अप्रैल को 27 हजार 426. 17 अप्रैल को 27, 357 मरीज मिले। वहीं 18 अप्रैल को सबसे अधिक 30,596 मरीज व 129 मरीजों की मौतें हुईं।
सोमवार को 28 हजार 287 मरीज पाए गए, तो वहीं 24 घंटे में सर्वाधिक 167 मौतें हुईं। पिछले साल सितम्बर में सबसे अधिक 113 कोरोना से मौतें हुई थीं। वहीं पिछले 24 घंटे में 14, 391 मरीजों ने वायरस को हराने में कामयाबी हासिल की। वर्तमान में दो लाख 23 हजार व 544 एक्टिव मामले हैं। मंगलवार को 29,754 मरीज सामने आए और 162 की मौतें हुई थीं।
अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति
अस्पताल में ऑक्सीजन संकट दूर करने के लिए सरकार के प्रयास जारी हैं। राज्य में औद्योगिक इकाइयों में ऑक्सीजन प्रयोग पर रोक लग गई। वहीं 90 इकाइयों को 285 अस्पतालों से जोड़ दिया गया है। यह स्थानीय स्तर पर अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति करेंगी।