साक्षी यादव

11 साल की साक्षी ने रोजाना 10 किलोमीटर नाव चलाकर जुटाई सामग्री, बनवाया टॉयलेट

1312 0

जबलपुर। यदि कुछ करने कर मजबूत इरादा हो तो उम्र और ताकत उसमें बाधा नहीं आती है। इसको मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के एक छोटे से गांव में रहने वाली महज 11 साल की साक्षी यादव ने सच कर दिखाया है।

छोटी सी साक्षी यादव पूरे प्रदेश के लिए एक मिसाल बन गई

ग्राम पंचायत मगरा के मिढ़की गांव की साक्षी यादव ने वह कारनामा कर दिखाया, जिसके बारे में गांव के बड़े-बुजुर्ग ने कभी सोचा ही नहीं था। सरकार के नुमाइंदे भी इस बारे में जानते हुए अंजान बने थे। अपनी मेहनत और लगन के कारण ही आज यह छोटी सी बेटी पूरे प्रदेश के लिए एक मिसाल बन गई है। सभी उसकी सराहना कर रहे हैं।

आज से 29 साल पहले जबलपुर और मंडला के बीच बरगी डैम का निर्माण किया गया। जिस कारण बरगी डैम के आसपास के दर्जनों गांव डूब क्षेत्र में आ गए। इस कारण ग्राम पंचायत मगरा का मिढ़की गांव जबलपुर और मंडला जिले से सड़क मार्ग से पूरी तरह कट गया। गांव वालों के आय का मुख्य साधन खेती भी पूरी तरह चौपट हो गई। जिसकी वजह से कई परिवार यहां से पलायन कर गए। वर्तमान में गांव में महज 10 परिवार ही रहते हैं। इनमें 55 लोग ही बचे हैं। अब ये लोग थोड़ी बहुत सब्जी उगाकर और मछली पालन कर अपना गुजर-बसर करते हैं। गांव की आबादी कम होने के कारण सरकार ने भी गांव की तरफ से मुंह मोड़ लिया।

‘वर्जिन भास्कर’ का ट्रेलर रिलीज, दर्शकों को एक अनदेखा व अनोखा कांसेप्ट देखने को मिलेगा 

गांव को उसके हाल पर छोड़ दिया गया, लेकिन महज 11 साल की बेटी को गांव की यह बदहाली मंजूर नहीं थी। उसने बुनियादी सुविधाओं के लिए अकेले संघर्ष करना शुरू किया और गांव की काया पलट दी। घर-घर में टॉयलेट बन गए हैं। गांव में बिजली पहुंच गई और पूरा गांव रोशन है। साथ ही अन्य सरकारी योजनाएं भी गांव में पहुंचने लगी हैं।

गांव में टॉयलेट के लिए मासूम ने खुद 10 किमी तक रोजाना चलाई नाव

साक्षी के मुताबिक वह रोजाना रेडियो पर प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत और शौचालय निर्माण के बारे में सुनती थी। लेकिन गांव के किसी भी घर में एक भी शौचालय नहीं था। इसी बीच कक्षा 8वीं में पढ़ने वाली साक्षी की मुलाकात एक दिन पंचायत सचिव से हो गई। साक्षी ने बताया कि इरादा पक्का करने के बाद वह दोबारा पंचायत सचिव से मिली और गांव में टॉयलेट बनवाने की बात कही, तो उन्होंने मदद का भरोसा दिया, लेकिन कहा कि जरूरी सामान जैसे ईंट, रेत, सीमेंट, सरिया और गांव तक कैसे जाएगा? इस पर साक्षी ने कहा उसका इंतजाम वह खुद कर लेगी। इसके बाद साक्षी रोजाना बरगी डैम में 10 किलोमीटर तक नाव चलाकर मगरा जाती और वहां से सीमेंट-ईंट, रेत खरीदकर नाव से गांव ले आती। उसकी मेहनत के कारण उसके घर में शौचालय बना तो गांव के अन्य लोग भी जागरूक हुए और इसके लिए पहल की। जो लोग तैयार नहीं थे उन्हें भी साक्षी ने समझाया। धीरे-धीरे गांव के हर घर में शौचालय बन गया। आज यह गांव ओडीएफ घोषित हो चुका है।

मगहा पंचायत के गांव पर खास ध्यान

जिला पंचायत की सीईओ रहीं हर्षिका सिंह ने बताया कि मगरा के 4 गांव इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि यह दुर्गम क्षेत्र है। साक्षी ने इतनी छोटी उम्र में जो कमाल किया है वास्वत में बहुत अच्छा है। आज साक्षी की वजह से पूरा गांव ओडीएफ हो गया है। उन्होंने बताया कि साक्षी के अलावा मगरा के एक युवक ने अपने दोस्त की शादी में टॉयलेट गिफ्ट किया था तो कठौतिया में राजा पचौरी नामक युवक शहर से साइकिल से सामग्री लाया और घर में शौचालय बनाया। हमारी कोशिश खासकर युवाओं को जागरूक करने की भी है।

Related Post

CM Dhami

सीएम धामी ने भाजपा उम्मीदवार अनिल बलूनी के पक्ष में मतदान की अपील की

Posted by - March 29, 2024 0
गोपेश्वर। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने शुक्रवार को गढ़वाल से भाजपा उम्मीदवार अनिल बलूनी के समर्थन में वोट…
Nayab Singh Saini

सीएम नायब सिंह ने UPSC में सफल हुए हरियाणा के अभ्यर्थियों से की टेलीफोन पर बात

Posted by - April 18, 2024 0
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमत्री नायब सिंह (CM Nayab Singh) ने हरियाणा राज्य से संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा…