काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का 65 प्रतिशत काम पूरा, जल्द होंगे ‘विश्व’ को नए रूप में बाबा के दर्शन

1642 0

पूरी दुनिया एक तरफ जहां कोरोना महामारी से  से जूझ नहीं है वहीं,  दूसरी तरफ काशी के कायाकल्प का काम थमा नहीं है। यहां 650 मजदूर दो शिफ्टों में दिन-रात काम में जुटे हुए हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि इसी साल अगस्त तक काम पूरा करने का लक्ष्य है। काशी विश्वनाथ ( Kashi Vishwanath) का स्वरूप अब धीरे-धीरे आकार ले रहा है। मंदिर के चौक का काम प्रगति पर है। गुलाबी पत्थरों की नक्काशीदार खूबसूरती उभरकर सामने आ रही है। धाम क्षेत्र की इमारतों की दीवारों पर अब बालेश्वर के पत्थर सजने लगे हैं।

ऐतिहासिक दस्तावेज होंगे दुनिया के सामने

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi)  का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। यहां मणिमाला के मंदिरों के ऐतिहासिक दस्तावेज भी दुनिया के सामने पेश करने की तैयारी है। इन दस्तावेजों को तैयार करने के लिए पुरातत्व विभाग (एएसआई) भोपाल की टेंपल सर्वे की तीन सदस्यीय टीम ने काम शुरू कर दिया। परियोजना में मिले प्राचीन मंदिरों का इतिहास, उनकी प्राचीनता, विशेषता के अलावा मंदिरों के निमार्ता से जुड़ी जानकारियां जुटाई जा रही हैं। काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण के लिए खरीदे गए 300 भवनों में 60 से अधिक छोटे-बड़े मंदिर मिले हैं।

19 इमारतों पर चल रहा है काम

टिन की ऊंची दीवारों के अंदर भारी-भरकम सुरक्षा के बीच कारीगर, इंजीनियर और मजदूर 5.3 लाख वर्गफुट में धाम को आकार देने में लगे हैं। मंदिर परिसर से लेकर गंगा घाट तक 24 इमारतें बनाई जाएंगी। इसमें से 19 इमारतों पर काम चल रहा है। इसमें मंदिर परिसर, मंदिर चौक, जलपान केंद्र, गेस्ट हाउस, यात्री सुविधा केंद्र, म्यूजियम, आध्यात्मिक पुस्तक केंद्र, मुमुक्षु भवन अस्पताल का निर्माण शुरू हो चुका है।

मंदिर चौक का हिस्सा उ शेप में बनाया जाएगा। यहां से सीधे मां गंगा के दर्शन किए जा सकेंगे। एग्जीक्यूटिव इंजीनियर संजय गोरे ने बताया कि 345.27 करोड़ रुपए की लागत से काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण हो रहा है। अगस्त 2021 तक प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा।

भूकंप और भूस्खलन की स्थिति में भी मुख्य मंदिर परिसर की दीवार की मजबूती को बनाए रखने के लिए पीतल की प्लेटें प्रयोग में लाई जा रही हैं। वी आकार की छह इंच चौड़ी और 18 इंच लंबी 600 ग्राम वजन की पीतल की प्लेटों को पत्थरों से जोड़ने के लिए 12 इंच की गुल्ली लगाई जा रही है। गुल्ली का वजन भी 400 ग्राम के आसपास है। विशेष प्रकार के केमिकल लेपाक्स अल्ट्राफिक्स का इस्तेमाल पीतल और पत्थरों के बीच खाली जगह को भरने के लिए किया जा रहा है। काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण होने के बाद 2 लाख लोग आसानी से आ सकेंगे। जहां पहले श्रद्धालुओं के खड़े होने के लिए 5,000 वर्गफीट की जगह भी नहीं थी। वहीं, इसके बनने के बाद दो लाख श्रद्धालु एकसाथ आ सकेंगे। काशी के मणिकर्णिका और ललिता घाट से कॉरिडोर की शुरूआत होगी। 5.3 लाख वर्गफुट में तैयार होने जा रहे इस इलाके में 70% जगह हरियाली के लिए रखी जाएगी। धाम में घाट की ओर से आने के लिए ललिता घाट पर प्रवेश द्वार बनाया जाएगा। इसके अलावा सरस्वती फाटक, नीलकंठ और ढुंढिराज गेट से भी विश्वनाथ धाम में प्रवेश किया जा सकेगा। मंदिर परिसर में गर्भगृह से लगा हुआ बैकुंठ मंदिर, दंडपाणि के साथ तारकेश्वर और रानी भवानी मंदिर रहेगा। इसके अलावा गर्भगृह से लगे बाकी विग्रहों को परिसर के पास ही बनाया जाएगा। परिसर में 34 फीट ऊंचाई वाले चार गेट होंगे।

Related Post

srikant sharma

विधान परिषद में जोरदार हंगामा, जवाब नहीं दे पाए श्रीकांत शर्मा

Posted by - February 24, 2021 0
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के अंतर्गत आज बुधवार को विधान परिषद में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज…
CM Yogi

आत्म अनुशासन बनाए रखें, अपने नजदीकी घाट पर ही करें स्नानः सीएम योगी

Posted by - January 29, 2025 0
महाकुम्भ नगर। मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) के पावन स्नान पर्व पर प्रयागराज सनातनियों का महासागर बन चुका है। संगम में…
Amrit Snan

महाकुम्भ में मकर संक्रांति पर अखाड़ों ने किया दिव्य-भव्य अमृत स्नान

Posted by - January 14, 2025 0
महाकुम्भनगर। तीर्थराज, प्रयागराज में सनातन आस्था के महापर्व, महाकुम्भ के अवसर पर मंगलवार को मकर संक्रांति का अमृत स्नान (Amrit…