Mango

आम के निर्यात पर योगी सरकार का फोकस

53 0

लखनऊ। आम (Mango) के उत्पादन में देश में उत्तर प्रदेश नंबर वन है। यूपी का उत्पादन भी राष्ट्रीय औसत से अधिक है। प्रदेश में प्रति हेक्टेयर आम का उत्पादन 16 से 17 टन है। वैज्ञानिकों का मानना है कि पुराने बागों के जीर्णोद्धार कैनोपी मैनेजमेंट/छत्र प्रबंधन, सघन बागवानी, फसल संरक्षा,सुरक्षा के सामयिक उपाय से प्रति हेक्टेयर 20 टन तक उपज लेना संभव है। योगी सरकार (Yogi Government) इस बाबत लगातार प्रयास भी कर रही है। केंद्र और प्रदेश सरकार के वैज्ञानिक लगातार आम की उपज और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बागवानों को जागरूक भी कर रहे हैं।

योगी सरकार के आदेश से आसान हुआ कैनोपी प्रबंधन

उपज और गुणवत्ता बढ़ाने का सबसे प्रभावी तरीका है पुराने बागों का कैनोपी मैनेजमेंट। इसमें जो सबसे बड़ी बाधा थी उसे योगी सरकार एक शासनादेश से दूर कर चुकी है। उपज और गुणवता बढ़ाने के लिए पुराने बागों के कैनोपी प्रबंधन के बारे योगी सरकार शासनादेश जारी कर चुकी है। पुराने बागों की उपज और गुणवत्ता सुधारने के लिए आम के कैनोपी प्रबंधन की जरूरत होती है। इस काम में गतिरोध दूर करने के लिए योगी सरकार शासनादेश भी जारी कर चुकी है। वैज्ञानिक लगातार बागवानों को पुराने बागों की इस विधा से प्रबंधन के लिए प्रोत्साहित भी कर रहे हैं। कुछ समय बाद आम की उपज और गुणवत्ता पर इसका असर दिखेगा। प्रदेश सरकार ने केंद्र की मदद से सहारनपुर, अमरोहा, लखनऊ और वाराणसी में चार पैक हाउस भी बनाए हैं।

अब केंद्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार को पूरा जोर आम का निर्यात बढ़ाने पर है। निर्यात के मानकों को पूरा करने के लिए वैज्ञानिक उपज बढ़ाने और फल की गुणवत्ता बेहतर करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।

इस तरह बढ़ा आम (Mango) का उत्पादन और रकबा

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में आम (Mango) का उत्पादन बढ़ रहा है। निर्यात की बेहतर संभावनाओं के मद्देनजर योगी सरकार विभिन्न आयोजनों और कार्यक्रमों के जरिए बागवानों के अधिकतम हित में योगी सरकार इसे और बढ़ाने का लगातार प्रयास कर रही है।

नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड के 2015/2016 के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में आम का रकबा, उपज और प्रति हेक्टेयर उत्पादन क्रमशः .28 मिलियन हेक्टेयर (12.55%), 4.51 मिलियन टन (24.02%)और 116.11 टन था। हालिया आंकड़ों के अनुसार
देश के उत्पादन में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी बढ़कर करीब 25 फीसद हो गई है। प्रदेश में अब सालाना 2.5 मिलियन टन आम का उत्पादन होता है। प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़कर करीब 17.13 टन हो गया है। आम के बागवानी का रकबा भी बढ़कर 265.62 हजार हेक्टेयर हो चुका है।

उत्पादन का करीब एक तिहाई क्लस्टर में होता है

उत्पादन का करीब 32.66% क्लस्टर में होता है। अगर इनको वर्गीकृत कर के देखा जाए तो प्रदेश के छह जोनों में आम की अधिकांश बागवानी होती है। ये जिले और जोन हैं, क्रमशः बिजनौर (तराई), सहारनपुर,मेरठ, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर,अमरोहा (पश्चिमी और मध्य पश्चिमी मैदान ), लखनऊ,सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, अंबेडकर नगर (सेंट्रल और ईस्टर्न प्लेन), कासगंज और अलीगढ (दक्षिणी पश्चिमी)।

बागवानी के प्रोत्साहन के लिए योगी सरकार के प्रयास

उत्तर प्रदेश सरकार आम की बागवानी को प्रोत्साहन देने का हर संभव प्रयास करती है। इन प्रयासों में मुख्यमंत्री निजी रूप से खास रुचि लेते हैं। आम महोत्सव का आयोजन इसकी एक कड़ी है। इस साल भी 12 जुलाई को अवध शिल्प ग्राम में
इसका आयोजन हुआ था। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी भाग लिया था। उनके ही प्रयासों का नतीजा रहा कि 160 वर्षों के इतिहास में पहली बार मलिहाबाद (लखनऊ)का दशहरी अमेरिका को निर्यात किया गया। तब भारत में दशहरी का दाम 60 से 100 रुपए प्रति किलोग्राम के बीच था,पर अमेरिका के बाजार में 900 रुपए की दर से बिका। अगर ड्यूटी टैक्स, कार्गो और एयर फेयर का दाम भी जोड़ लें तो एक किलो आम अमेरिका भेजने की लागत 250-300 रुपए तक आई होगी। बाकी लाभ बागवानों का।

मास्को भी योगी सरकार कर चुकी है आम महोत्सव (Mango Festival)

आम की निर्यात की संभावना बढ़े। बागवानों को आम के बेहतर दाम मिलें इसके लिए योगी सरकार यूपी के आमो की विदेशों में भी ब्रांडिंग कर रही है। इसी क्रम में पिछले साल उद्यान विभाग की टीम मास्को गई थी। इसमें लखनऊ और अमरोहा के किसान गए थे। वहां पर टीम ने आम महोत्सव का आयोजन किया था। इस महोत्सव में किसानों को आर्डर भी मिला था।

जेवर एयरपोर्ट के पास एक्सपोर्ट हब में स्थापित होगा रेडिएशन ट्रीटमेंट प्लांट

यूएस और यूरोपियन देशों के निर्यात मानकों को पूरा करने के लिए सरकार जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास रेडिएशन ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित करेगी। अभी तक उत्तर भारत में कहीं भी इस तरह का ट्रीटमेंट प्लांट नहीं है। इस तरह के ट्रीटमेंट प्लांट सिर्फ मुंबई और बेंगलुरु में है। इन्हीं दो जगहों के आम की प्रजातियों (अलफांसो, बॉम्बे ग्रीन, तोतापारी, बैगनफली) की निर्यात में सर्वाधिक हिस्सेदारी भी है। ट्रीटमेंट प्लांट न होने से संबंधित देशों के निर्यात मानक के अनुसार ट्रीटमेंट के लिए पहले इनको मुंबई या बेंगलुरु भेजिए। ट्रीटमेंट के बाद फिर निर्यात कीजिए। इसमें समय और संसाधन की बर्बादी होती है। इसीलिए योगी सरकार पीपीपी मॉडल पर जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास रेडिएशन ट्रीटमेंट प्लांट लगाने जा रही है। रेडिएशन ट्रीटमेंट तकनीक में निर्यात किए जाने वाले फल, सब्जी, अनाज को रेडिएशन से गुजरा जाता है। इससे उनमें मौजूदा कीटाणु मर जाते हैं और ट्रीटेड उत्पाद की सेल्फ लाइफ भी बढ़ जाती है।

प्लांट चालू होने पर यूपी के आम के लिए यूएस और यूरोप के बाजार तक पहुंच होगी आसान

ट्रीटमेंट प्लांट चालू होने पर उत्तर प्रदेश के आम बागवानों के लिए यूएस और यूरोपियन देशों के बाजार तक पहुंच आसान हो जाएगी। चूंकि उत्तर प्रदेश में आम का सबसे अधिक उत्पादन होता है, इसलिए निर्यात की किसी भी नए अवसर का सर्वाधिक लाभ भी यहीं के बागवानों को मिलेगा। उत्पाद कम समय में एक्सपोर्ट सेंटर तक पहुंचे, इसके मद्देनजर एक्सप्रेसवे का संजाल बिछाया जा रहा है। पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे चालू हो चुके हैं। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का काम भी लगभग पूरा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्पष्ट निर्देश है कि महाकुंभ के पहले मेरठ से प्रयागराज को जोड़ने वाले गंगा एक्सप्रेसवे का काम भी पूरा हो जाय।

सरकार और बागवानों के साथ वैज्ञानिक भी

यही नहीं, लखनऊ के रहमानखेड़ा स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक टी. दामोदरन की अगुआई में भी आम की गुणवत्ता सुधारने, यूरोपियन मार्केट की पसंद के अनुसार रंगीन प्रजातियों के विकास पर भी लगातार काम हो रहा है। अंबिका, अरुणिमा नाम की प्रजाति रिलीज हो चुकी है। अवध समृद्धि शीघ्र रिलीज होने वाली है। अवध मधुरिमा रिलीज की लाइन में है। निर्यात की बेहतर संभावना वाली इन प्रजातियों का सर्वाधिक फायदा भी यूपी के बागवानों को मिलेगा। बागवानों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण उपज के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की गोष्ठियों के जरिये लगातार जागरूक किया जा रहा। भारत-इजराइल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय गोष्ठी हाल ही संपन्न हुई। इसके पहले 21 सितंबर को ‘आम की उपज और गुणवत्ता में सुधार की रणनीतियां और शोध प्राथमिकताएं’ विषय पर भी एक अंतर्राष्ट्रीय गोष्ठी हो चुकी है।

आम (Mango) के निर्यात की अपार संभावनाएं

आम (Mango) के निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। खासकर अमेरिका और यूरोपीय देशों में। पिछले दिनों सीआईएसएच रहमानखेड़ा (लखनऊ) में आम पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गोष्ठी में इजरायल के वैज्ञानिक युवान कोहेन ने कहा भी था कि भारत को यूरोपीय बाजार की पसंद के अनुसार आम का उत्पादन करना चाहिए।

उत्पादन में नंबर वन, निर्यात में फिसड्डी

आम के उत्पादन में भारत में यूपी नंबर एक है। देश के उत्पादन में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी एक तिहाई से अधिक है। पर, जब बात आम के निर्यात की आती है तो भारत फिसड्डी देशों में शामिल है। आम के निर्यात में भारत की हिस्सेदारी मात्र 0.52 फीसद है। आम के प्रमुख निर्यातक देश हैं थाईलैंड, मैक्सिको, ब्राजील, वियतनाम और पाकिस्तान आदि। इनके निर्यात का फीसद क्रम से 24, 18, 11, 5 और 4.57 है। ऐसे में वैश्विक बाजार में भारत के आम के निर्यात की अपार संभावना है।

चौसा और लंगड़ा की यूएस और यूरोपियन बाजार में ठीक ठाक मांग

पिछले साल इनोवा फूड के एक प्रतिनिधिमंडल ने कृषि उत्पादन आयुक्त देवेश चतुर्वेदी से मुलाकात की थी। निर्यात के बाबत बात चली तो उन लोगों ने बताया कि यूएस और यूरोपियन बाजार में चौसा और लगड़ा की ठीक ठाक मांग है। उनके निर्यात के मानकों को पूरा किया जाय तो उत्तर प्रदेश के लिए यह संभावनाओं वाला बाजार हो सकता है। मालूम हो कि ये दोनों प्रजातियां उत्तर प्रदेश में ही पैदा होती हैं। जरूरत सिर्फ बाजार की मांग के अनुसार आम के उत्पादन और संबंधित देशों के निर्यात मानकों को पूरा करने की है। इसके लिए योगी सरकार हर संभव प्रयास भी कर रही है।

रंगीन आम सिर्फ आकर्षक ही नहीं पोषक तत्वों से भी भरपूर होते हैं

आम की लाल रंग की प्रजातियां सिर्फ देखने में ही आकर्षक नहीं होती। स्वाद के लिहाज से भी ये बेहतर हैं। आम या किसी भी फल के लाल रंग के लिए एंथोसायनिन जिम्मेदार होता है। इससे इसकी पौष्टिकता बढ़ जाती है। अब तक के शोध बताते हैं एंथोसायनिन मोटापे और मधुमेह की रोकथाम में सहायक हो सकता है। यह संज्ञानात्मक और मोटर फंक्शन को मॉड्यूलेट करने, याददाश्त बढ़ाने और तंत्रिका कार्य में उम्र से संबंधित गिरावट को रोकने में भी मददगार हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट भी सेहत के लिए जरूरी है। इसमें एंटीइंफ्लेमेट्री गुण भी पाए जाते हैं।

यूपी के बागवानों को आम के और अच्छे दाम मिलेंगे। केंद्र सरकार जिन 20 फलों और सब्जियों के समुद्री मार्ग से निर्यात के लिए पायलट प्रोजेक्ट तैयार कर रही है, उसमें आम भी शामिल है। ऐसे में आम के निर्यात की जो भी संभावना निकलेगी, स्वाभाविक है कि उसका सबसे अधिक लाभ आम का सर्वाधिक उत्पादन करने वाले उत्तर प्रदेश के बागवानों को ही मिलेगा। ऐसा इसलिए भी क्योंकि योगी सरकार प्रदेश में निर्यातकों की सुविधा के लिए पहले से ही वैश्विक स्तर की बुनियादी सुविधाएं तैयार कर रही है।

रायबरेली में उद्यान महाविद्यालय खोल रही सरकार

इसके अलावा योगी सरकार रायबरेली में उद्यान महाविद्यालय भी खोलने जा रही है। इस बाबत जमीन चिन्हित की जा चुकी है। यह जमीन रायबरेली के हरचरनपुर के पडेरा गांव में है। कृषि विभाग इसे उद्यान विभाग को ट्रांसफर भी कर चुका है। पहले चरण के काम के लिए पैसा भी रिलीज किया जा चुका है। इसमें डिग्री कोर्स के साथ अल्पकालीन प्रशिक्षण के कोर्स भी चलेंगे। खास बात यह है कि प्रदेश में होने वाले आम,आंवला और अमरूद की पट्टी से यह महाविद्यालय करीब होगा। इससे यहां पर होने वाले शोध का लाभ संबंधित बागवानों को मिलेगा। बाग लगाने वाले और सब्जी उगाने वाले किसानों को गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा हर जिले और सभी कृषि विश्वविद्यालयों एवं उनसे संबंध कृषि विज्ञान केंद्रों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस खोलने का निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही दे चुके हैं।

हर जिले में खुलेंगे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

सरकार की योजना हर जिले में हॉर्टिकल्चर के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने की है। उल्लेखनीय है कि बागवानी में बेहतर फलत और फल की अच्छी गुणवत्ता के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका गुणवत्तापूर्ण प्लांटिंग मैटिरियल (पौध एवं बीज) की है। इसके लिए सरकार तय समयावधि में हर जिले में एक्सीलेंस सेंटर, मिनी एक्सीलेंस सेंटर या हाईटेक नर्सरी की स्थापना करेगी। इस बाबत काम भी जारी है। 2027 तक इस तरह की बुनियादी संरचना हर जिले में होगी। ऐसी सरकार की मंशा है।

Related Post

AK Sharma

रूफटॉप सोलर लगाने वालों के लिए राहत, अब नेट बिलिंग से रख सकेंगे ऊर्जा खपत का ध्यान

Posted by - January 6, 2023 0
लखनऊ। प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (AK Sharma) ने राज्य में रूफटॉप सोलर (Rooftop Solar) लगाने…

यूपी में नई जनसंख्या नीति का विमोचन करेंगे सीएम योगी, दो से अधिक बच्चों वालों की कटेंगी सुविधाएं

Posted by - July 11, 2021 0
सीएम योगी आदित्यनाथ रविवार को यूपी जनसंख्या नीति 2020-21 शुरुआत करेंगे, जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े की गतिविधियां भी शुरु हो जाएंगी।…
Comet-25

इमरजेंसी ट्रामा फैसिलिटिज को और मजबूत करेगा COMET-25, 500 डॉक्टर्स करेंगे प्रतिभाग

Posted by - April 10, 2025 0
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये…
AK Sharma

एके शर्मा ने उपकेंद्रों का किया औचक निरीक्षण, बोले- राजस्व वसूली बढ़ाएं

Posted by - June 22, 2023 0
लखनऊ/आगरा। प्रदेश के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री एके शर्मा (AK Sharma)  अपने एक दिवसीय दौरे पर आगरा पहुंचे। प्रभारी मंत्री…