cm yogi

योगी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग का किया गठन

280 0

लखनऊ। स्थानीय निकाय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण (OBC Reservation) को लेकर छिड़ी बहस के बीच बुधवार को योगी सरकार (Yogi Government) ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश में ओबीसी आयोग का गठन कर दिया है। रिटायर्ड जज राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में गठित आयोग में कुल पांच सदस्य होंगे। सरकार की ओर से इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी गयी है। आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ही यूपी के निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग आरक्षण का निर्धारण होगा।

बता दें कि मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने ओबीसी आरक्षण लागू किये बिना ही यूपी में चुनाव कराने के निर्देश सरकार को दिये थे, वहीं सरकार की ओर से स्पष्ट कहा गया था कि बिना पिछड़ा वर्ग आरक्षण के उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव संपन्न नहीं कराए जाएंगे। सरकार की ओर से इसे लेकर उच्चतम न्यायालय जाने की बात भी कही गयी थी। वहीं अब प्रदेश सरकार ने निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मद्देनजर पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कर दिया गया है।

आयोग में इन्हें किया गया शामिल

सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार उत्तर प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग में रिटायर्ड जज राम अवतार सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है। इसमें रिटायर्ड आईएएस चोब सिंह वर्मा, रिटायर्ड आईएएस महेन्द्र कुमार, भूतपूर्व विधि परामर्शी संतोष कुमार विश्वकर्मा और पूर्व अपर विधि परामर्शी व अपर जिला जज बृजेश कुमार सोनी को आयोग में शामिल किया गया है। आयोग निकाय चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। उस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण निर्धारित करेगी।

पिछली सरकारों में भी रैपिड सर्वे के आधार पर ही होता था निकाय चुनाव

हाईकोर्ट से पिछड़ा वर्ग आरक्षण के बिना चुनाव कराने के आदेश के बाद विपक्षी दल कांग्रेस, सपा और बसपा ने भारतीय जनता पार्टी को निशाने पर ले लिया था, जबकि उनके शासनकाल में भी पिछड़ा वर्ग के रैपिड सर्वे के आधार पर ही निकाय चुनाव संपन्न होते आए हैं। वहीं प्रदेश सरकार की ओर से अब पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करने के साथ ही ओबीसी आरक्षण को लेकर प्रदेश में शुरू हुआ सियासी घमासान थम सकता है।

ओबीसी आरक्षण के बाद ही होंगे निकाय चुनाव, जरुरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार: सीएम योगी

गौरतलब है कि निकायों में पिछड़े वर्ग के आरक्षण की व्यवस्था, उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम-1916 में वर्ष-1994 से की गयी है। पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षण देने के लिए अधिनियम में सर्वे कराये जाने की व्यवस्था भी की गयी है। इसके अनुसार राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक निकाय में पिछड़ा वर्ग का रैपिड सर्वेक्षण कराया जाता है। 1991 के बाद अब तक नगर निकायों के सभी चुनाव (वर्ष-1995, 2000, 2006, 2012 एवं 2017) अधिनियम में दिये गये इन्ही प्राविधानों एवं रैपिड सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर कराये गये हैं। इतना ही नहीं पंचायती राज विभाग द्वारा पिछड़े वर्गों का रैपिड सर्वे मई वर्ष 2015 में कराया गया था। अब तक उसी सर्वे के आधार पर त्रिस्तरीय पंचायतों का चुनाव 2015 और 2021 में कराया गया है।

Related Post

UP GIS

एरिस्ट्रोकेट,ब्यूरोक्रेट,टेक्नोक्रेट के साथ से जीआईएस की सिद्ध होगी सार्थकता- धर्मपाल सिंह

Posted by - February 11, 2023 0
लखनऊ। उत्तरप्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स सम्मिट (GIS) के दूसरे दिन सेक्टोरल सेशंस के दौर में समाज कल्याण विभाग,उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा ‘अफर्मेटिव…

सीएम योगी ने लखनऊ में सात मंजिला विशिष्ट अतिथि गृह का किया लोकार्पण

Posted by - October 21, 2021 0
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लखनऊ में अति विशिष्ट अतिथियों के ठहरने के लिए अति…
Akshayvat

Mahakumbh: अक्षयवट की पूजा के बिना नहीं मिलता संगम स्नान का फल

Posted by - October 18, 2024 0
प्रयागराज : महाकुंभ-2025 (Mahakumbh) को लेकर योगी सरकार प्रयागराज के तीर्थों का कायाकल्प करने में युद्धस्तर पर जुटी है। श्रद्धालुओं…