पीएम मोदी

क्या खत्म हो रहा है मोदी बाबा का तिलस्म

747 0

मोहित सिंह

लखनऊ।ऐसा कहा ही नहीं  बल्कि माना जाता है कि समय ही बलशाली होता है इंसान नहीं ।ये बात इसलिये कही जा रही है कि आज से ठीक पांच साल पहले गुजराती बाबा मोदी ने  देश में अपनी जीत का डंका बजाया था  जिसकी गूंज विदेशों में भी हुई थी।   इतना ही नहीं संसद पहुंचकर मोदी ने  उसकी सीढ़ियों पर नतमस्तक होकर  अंदर प्रवेश कर पूरी दुनिया में अपनी एक अलग फिजा बना दी थी। इसके बाद देश में स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से मोदी के भाषण  ने तो देश के लगभग हर एक नागरिक के दिल में  अपनी खास जगह बना ली थी।  जिससे हर घर मोदी हर जुबान मोदी की बड़ाई करने में जरा भी नहीं चूक रही थी।  इतना ही नहीं भ्रष्टाचार पर हथौड़ा,राम का मंदिर,कश्मीर समस्या के  हल  होने की चर्चा गली गली,गांव गांव में इस उम्मीद से हो  रही थी कि शायद अब वो समय आ गया है कि ये अहम मामले निपट जायेंगे और जैसा मोदी ने   चुनाव के दौरान बखान किया  था  कि भाजपा को सत्ता की बागडोर दें हम एक नया भारत देश के अवाम को देंगे । देश के अवाम ने उनके इस वायदे पर मोदी के हाथ देश को सौंप दिया था।

ये भी पढ़ें :-लोकसभा चुनाव 2019: कांग्रेस ने किया बुजुर्गों पर भरोसा, दिल्ली में शीला दीक्षित को बनाया उम्मीदवार 

जिस तेजी से मोदी ने देश की कमान संभाली थी उतनी ही तेजी से ये तमाम अहम मुद्दे ताश के पत्तों की तरह बिखरते चले गये और तमाम घोषणाएं सिर्फ घोषणाएं बनकर रह गयीं। नागपुर ने जब इसकी हकीकत जानी   तो उसने  सांसदों के लिये एक अनूठी पहल  कर दी कि गांवों के विकास के लिये उन्हें गोद लेकर विकास  किया जाये। बता दें कि इस पर नागपुर ने आदेश भी  कर दिया। संघ के इस आदेश के बाद सांसदों ने गांवों को गोद तो ले लिया लेकिन इस काम में उन सबने अपनी खास रुचि नहीं दिखायी। सांसदों ने  भूख से तड़पते बच्चे के मुंह में शुद्ध दूध तो क्या  पाउडर का दूध भी नहीं पिलाया यानी गांव में विकास के नाम पर सिर्फ कोरी बयानबाजी ही की गयी। गौरतलब हो कि  इस बात की जानकारी होने के बाद  संसद के कई सत्रों में मोदी और  पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने सांसदों को चेताया  भी था लेकिन लगभग 70%सांसदों ने इन दोनों के निर्देश और संघ के आदेश को भी अनसुना  कर दिया। जिसका खामियाजा  आज 2019 के चुनाव में कई जिलों में देखने को मिल रहा है।अब एक बार फिर समय का चक्र घूमा है मोदी का तिलस्म खत्म होता दिख रहा है।ऐसा कहना या लिखना शायद इसलिये भी अनुचित नहीं होगा कि बीते पांच सालों में तमाम घोषणाएं हुईं जरूर लेकिन लगभग इन सभी योजनाओं पर उतना काम नहीं हो सका जितनी भाजपा सरकार और आरएसएस  को उम्मीद थी।

ये भी पढ़ें :लोकसभा चुनाव 2019: चाची मेनका के वार का जवाब आज देंगे राहुल गांधी 

गौर करने वाली बात ये है कि मोदी के मां गंगा के निश्छल प्रेम पर  यानी नमामी गंगे  की विशालकाय योजना को भी उसी गंगा में डुबो दिया गया जिसका   उद्धार करने का प्रधानमंत्री मोदी ने  वायदा किया था।इस काम में भी हिन्दू संस्कृति की दुहाई देने वालों की अहम भूमिका रही। ऐसे ही मोदी सरकार की कई योजनाओं पर उतना काम नहीं हो सका जितना सरकार को उम्मीद थी। सूबे में कुछ हद तक  योजनाओं पर काम हुआ लेकिन यहां भी अपनों ने ही पानी फेरने में कसर नहीं छोड़ी। कई योजनाओं पर तो पार्टी के कई सांसदों ने सरकारी तंत्र से भी दूरी बनाये रखी ।हां इतना जरूर हुआ कि चुनाव की आहट होते ही कुछ सांसद  सक्रिय हो गये और पार्टी हाईकमान को दिखाने के लिये   कुछ योजनाओं का अनावरण कर अखबारों में फोटो जरूर और   इतिश्री कर ली।   ऐसे सांसदों ने ऐसा क्यों किया इसका उत्तर न संघ के पास है न भाजपा हाईकमान के पास। वहीं पार्टी और संघ के सूत्रों का  मानना है कि ऐसे ही कुछ सांसदों और नेताओं ने मोदी की छवि को  धूमिल   करने में काफी योगदान दिया है। जिसके कारण आज कुछ राज्यों में मोदी का  तिलस्म खत्म सा होता दिखायी दे रहा है।

 

Related Post

बर्थडे स्पेशल: टीवी सीरियल अपने करियर की शुरुवात करने वाली प्राची आज मना रही 31वां जन्मदिन

Posted by - September 12, 2019 0
बॉलीवुड डेस्क। टीवी सीरियल कसम से अपना करियर शुरू करने वाली प्राची देसाई 12 सितंबर यानी आज 31वां जन्मदिन मना…
CM Yogi

किसानों को हर परिस्थिति में आगे बढ़ने का अवसर दे रही डबल इंजन की सरकारः सीएम

Posted by - February 17, 2024 0
लखनऊ : यूपी संभावनाओं वाला प्रदेश है। भारत की आबादी का 16 फीसदी हिस्सा अकेले यूपी में निवास करता है। उत्तर…

अस्पताल के बाहर सारा अली खान और कार्तिक आर्यन आए नजर, सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल

Posted by - August 25, 2019 0
बॉलीवुड डेस्क। कार्तिक आर्यन के पिता मनीष तिवारी की सेहत खराब चल रही है, जिसके चलते वें हॉस्पिटलाइज हैं। इसी…
पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह की ब्रेन हैमरेज से हुई मौत

पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह की ब्रेन हैमरेज से हुई मौत

Posted by - March 30, 2021 0
एसटीएफ में तैनात अपर पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह का रविवार को ब्रेन हैमरेज से निधन हो गया। राजेश 47 वर्ष के थे। 2000 बैच के प्रांतीय पुलिस सेवा के अधिकारी राजेश सिंह पीपीएस एसोसिएशन के महासचिव भी थे। वे लखनऊ में कई सर्किल में सीओ रहे। मूल रूप से अमेठी के रहने वाले राजेश पुलिस मुख्यालय में एडीजी कानून व्यवस्था के स्टाफ अफसर भी रह चुके हैं। रेलवे ट्रैक पर मिला महिला का शव राजेश को एसटीएफ मुख्यालय में सलामी भी दी गई। उनका अंतिम संस्कार गृह जिले अमेठी में किया गया। राजेश के निधन पर डीजीपी हितेश चन्द्र अवस्थी, अपर पुलिस अधीक्षक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार, एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश, पीपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश यादव समेत कई लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।