बारिश में डेंगू से बचाव

बारिश में डेंगू से बचाव के लिए इन आयुर्वेदिक दवाओं का करें इस्तेमाल

1026 0

नई दिल्ली। मानसून आते ही हमारे शरीर पर कई तरह की बीमारियों का हमला होने लगता है। बरसात के सीजन में जगह-जगह जलभराव और गंदगी की वजह से मच्छर और बैक्टीरिया भी पनपने लगते हैं। जिससे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां भी काफी अधिक बढ़ जाती हैं।

डेंगू, एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है, जिसमें मरीज को तेज बुखार होने के साथ ही जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होने लगता है। साथ ही साथ खून में प्लेटलेट्स की संख्या में कमी देखने को मिलती है। इसके अलावा कई मरीजों में जी मिचलाना, उल्टी आना, ब्लीडिंग और शरीर में ऐंठन जैसी समस्याएं भी हो जाती है।

जानें आयुर्वेद में डेंगू का उपचार कैसे किया जाता है?

आयुर्वेद में डेंगू को दंडक ज्वर कहते हैं। आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां मच्छर के डंक से बचाती हैं और प्रतिरक्षा तंत्र यानी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करती है, जिससे डेंगू से बचाव और इलाज में मदद मिलती है। आयुर्वेद के अनुसार बुखार एक सामान्य समस्या है जो शरीर और मन दोनों को ही प्रभावित करती है। बुखार शरीर के सभी धातुओं और तीनों दोषों वात, पित्त और कफ को प्रभावित करता है।

National Doctor Day : पीएम मोदी ने कोराेना की जंग में जुटे डॉक्टरों को किया सलाम

डेंगू का आयुर्वेदिक उपचार

डेंगू एक गंभीर स्थिति है जिसमें तेज बुखार के कारण व्यक्ति को बहुत ज्यादा कमजोरी हो जाती है। इसे नियंत्रित करने के लिए पंचकर्म थेरेपी में से निम्न आयुर्वेदिक उपचारों का इस्तेमाल किया जाता है।

लंघन : इसमें व्यक्ति की प्रकृति के आधार पर लंघन की प्रक्रिया का चयन कर व्यक्ति को तब तक व्रत पर रखा जाता है। जब तक उसे भूख का अहसास न होने लगे। इसके बाद उसे हल्के और आसानी से पचने वाले भोजन के साथ अदरक या पिप्पली से युक्त उबला पानी दिया जाता है। इस प्रक्रिया में शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ और खराब दोष को हटाकर शरीर में हल्कापन लाने की कोशिश की जाती है।

दीपन और पाचन : इस प्रक्रिया में जड़ी बूटियों और औषधियों के माध्यम से मरीज की भूख में सुधार और पाचन को उत्तेजित किया जाता है। इससे शरीर को पर्याप्त पोषण मिलता है और संपूर्ण स्वास्थ्य भी सुधर जाता है। भूख और पाचन में सुधार के लिए दशमूलारिष्ठ, चित्रकादि वटी आदि औषधियों की सलाह दी जाती है।

मृदु स्वेदन : इस प्रक्रिया में मरीज के शरीर से पसीना निकाला जाता है। साथ ही इस प्रक्रिया में गर्म पानी पीने की भी सलाह दी जाती है। डेंगू बुखार के इलाज में शुंथि या सोंठ के लेप को माथे पर लगाया जाता है।

डेंगू की आयुर्वेदिक दवा और जड़ी बूटियां

पपीते की पत्तियां : इन पत्तियों का रस खून में प्लेटलेट की संख्या बढ़ाने के लिए जाना जाता है। डेंगू के लक्षणों में भी राहत दिलाता है। साथ ही पपीते की पत्तियां विटामिन ए, सी और ई का बेहतरीन स्त्रोत हैं। जो डेंगू के मरीज को जल्दी ठीक होने में मदद करती हैं और इम्यूनिटी बढ़ाकर शरीर को मजबूत बनाती हैं।

गुडूची या गिलोय : यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को हटाकर सूजन और दर्द को कम कर डेंगू के बुखार का इलाज करने में मदद करती है। गिलोय शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र के कार्य को बढ़ाकर शरीर से संक्रमण को साफ करने में मदद करती है।

गेहूं के जवारे : यह शरीर में नमी के स्तर को प्रभावित किए बिना डेंगू वायरस को खत्म करते हैं जिससे मरीज की हालत में जल्दी सुधार आता है।

आमलकी : यह पाचन, सर्कुलेशन और श्वसन प्रणाली पर कार्य करती है और शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करती है। इसमें विटामिन सी होता है जो बुखार को दूर कर कमजोरी को नियंत्रित करती है और खून में लाल रक्त कोशिकाओं को भी बढ़ाती है। आमलकी डेंगू के मरीजों को दूसरे संक्रमणों से भी बचाती है।

रसोनम या लहसुन : यह डेंगू वायरस को बढ़ने से रोकता है। खांसी, दौरे पड़ना, बवासीर, लकवा और गठिया जैसे रोगों को नियंत्रित करने में भी लहसुन कारगर है।

नीम : यह श्वसन प्रणाली और सर्कुलेशन पर काम करती है और खून को साफ बनाती है। बुखार, जी मिचलाना और उल्टी में भी नीम का इस्तेमाल किया जाता है। ये लिवर को साफ कर डेंगू वायरस को बढ़ने से रोकती है।

इन जड़ी बूटियों के अलावा कई आयुर्वेदिक औषधियां भी हैं जिनका डेंगू के इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। जैसे- त्रिभुवनकीर्ति रस, संजीवनी वटी, सुदर्शन चूर्ण, सूतशेखर, लाक्षा गोदंती चूर्ण आदि।

आयुर्वेद के अनुसार डेंगू में क्या करें, क्या नहीं

क्या-क्या करें?

  1. पचने में हल्के और हेल्दी फूड्स का सेवन करें।
  2. रोजाना दूध पिएं इससे इम्यूनिटी मजबूत होती है, सूप भी पिएं इससे प्रोटीन और एनर्जी मिलती है।
  3. नारियल पानी पिएं जो शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकालता है।
  4. जौ का पानी और संतरे का जूस भी सेहत के लिए फायदेमंद है।
  5. घर में कहीं भी पानी जमा न होने दें ताकि मच्छर पैदा न हों।
  6. मच्छर से बचने के लिए मच्छरदानी, मॉस्क्यूटो रेप्लेंट या क्रीम आदि का इस्तेमाल करें।

क्या न करें?

  1. डेंगू की बीमारी में बहुत ज्यादा तीखा, मिर्च और मसाले वाला खाना न खाएं
  2. पचने में भारी और अनुचित खाद्य पदार्थों का भी सेवन न करें।
  3. वैसे तो आयुर्वेदिक दवाइयां सुरक्षित होती हैं और इनका सेहत पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। बावजूद इसके आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह पर ही आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों और औषधियों का इस्तेमाल करना चाहिए। क्योंकि कई बार रोग की स्थिति या प्रधान दोष के कारण किसी व्यक्ति पर कोई जड़ी बूटी, औषधी या इलाज का अनुपयुक्त असर हो सकता है।

Related Post

CM Dhami met Water Power Minister CR Patil

सीएम धामी ने जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल से की भेंट, आठ जलविद्युत परियोजनाओं के लिए किया अनुरोध

Posted by - April 29, 2025 0
नई दिल्ली : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (CM Dhami) ने मंगलवार को नई दिल्ली में जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल (CR…
CM Yogi

पीएम मोदी को वाराणसी में मिले मत इतने ज्यादा हों कि पूरा देश गर्व करे: सीएम योगी

Posted by - April 3, 2024 0
वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने बुधवार को रोहनिया स्थित भाजपा कार्यालय में वाराणसी लोकसभा चुनाव संचालन समिति की…
CM Bhajanlal Sharma

स्वस्थ जीवन शैली में योग की अहम भूमिका: सीएम भजनलाल शर्मा

Posted by - June 21, 2024 0
जयपुर। दसवें अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस (10th International Yoga Day) पर शुक्रवार को एसएमएस स्टेडियम में राज्य स्तरीय समारोह आयोजित किया…